अमरसिंह के सपा में आने का मतलब है कि आजमखान की बोलती बंद ! जानिए क्यों ?

 मुलायमसिंह जी का समय पास करते रहेंगे दोनों लोग !अब सपा में लगी रहेगी रौनक !

'अ'मरसिंह सपा में कब तक मुलायम सिंह जी से

कहुरहीम कैसे निभिहि केरबेर को संग !

चिपके रहेंगे तब तक !अन्यथा  'अ'मर सिंह जी को 'अ'खिलेश और 'आ'जम खान पचा नहीं पाएँगे !पीढ़ी परिवर्तन के कारण 'अ'खिलेश एक बार सह भी जाएँ किंतु 'आ'जम कैसे भी नहीं सह पाएँगे मरसिंह को।
   'अ'मरसिंह जी बहुत अच्छे व्यक्ति हैं किंतु उनके नाम का पहला अक्षर 'अ'इस कारण 'अ'अक्षर वालों से उनकी पटरी खाएगी ही नहीं किंतु वे चिपकते 'अ'अक्षर वालों से ही हैं अंत में सबसे चोट खानी पड़ती है वो या तो इसके उपाय करें या फिर सावधान रहें !अ अक्षर वाले मर सिंह जी की यात्रा खिलेश,जमखान,मिताभबच्चन,भिषेकबच्चन , निलअम्बानी, जीतसिंह के यहाँ होते हुए फिर पहुँची खिलेश और जमखान  के यहाँ उसी पुराने घर में क्या मुलायम सिंह जी सँभाल पाएँगे अपने पुराने मित्र की मित्रता !

   बंधुओ !अमरसिंह जी की पटरी अजीत सिंह जी से खानी ही नहीं थी जब  अमरसिंह जी जुड़े ही थे अजीत सिंह जी यह तो तभी निश्चित हो गया था कि इन दोनों लोगों की आपस में पटरी नहीं खाएगी उसका कारण है कि अमरसिंह जी  की 'अ' अक्षर वालों से पटती नहीं  है और ये इनका दुर्भाग्य है कि ये मित्रता 'अ' अक्षर वालों से ही करते हैं पहले जब सपा में थे तब से अमरसिंह जी की पटरी आजम खान से नहीं खाती रही किन्तु मुलायम सिंह जी सँभाल लेते रहे किन्तु जब पार्टी में अखिलेश का बर्चस्व बढ़ा तो अमरसिंह जी निकाल दिए गए उधर आजम खान भी अ अक्षर वाले ही हैं अखिलेश सरकार के लिए एक नई समस्या तैयार करते रहते हैं ये भी अब तक कभी के निकाल दिए जाते किन्तु पार्टी के मुस्लिम चेहरा हैं अब इनके प्रति मुस्लिम समाज में भी रोष है इसीलिए सपा अब इन्हें किनारे लगाने की राह पर आगे बढ़ेगी उधर अमर सिंह जी का अजीत सिंह जी के साथ मन नहीं लग रहा है इसलिए अमर सिंह जी भी सपा में आने को तैयार बैठे हैं उधर सपा का भी नया नेतृत्व अबकी लोक सभा चुनावों में चारोचित्त गिरा है तो अब वह भी मुलायम सिंह जी के सामने नत मस्तक है इसीलिए अब मुलायम सिंह जी अपनी सपा को अपने पुराने मित्र अमरसिंह जी के सहयोग से पुनः प्रभावी बनाना चाहते हैं । 

    यह सब तो ठीक है किन्तु अभी भी अमर सिंह की पटरी अखिलेश और आजम खान से बिलकुल नहीं खाएगी इसलिए अमर सिंह जी को यदि साथ लेकर चलना है और हँसी नहीं करनी है तो यह जिम्मेदारी मुलायम सिंह जी को स्वयं उठानी पड़ेगी और अमर सिंह जी को भी मुलायम सिंह जी के प्रति ही समर्पित होकर चलना होगा, रही बात अखिलेश और आजम खान की तो इन्हें अमर सिंह जी के प्रति कोई बात बाया मुलायम सिंह जी के ही कहनी होगी अन्यथा मुलायम सिंह जी  के इस अमर प्रेम में उपहास के अलावा कुछ मिलेगा नहीं !

  इसी विषय से जुड़ा हुआ एक विस्तारित लेख मेरे ब्लॉग पर पड़ा हुआ जिसे पढ़ने के लिए के लिए नीचे दिया गया लेख लिंक खोल सकते हैं -

सोमवार, 10 मार्च 2014

अमरसिंह फिर चले धोखा खाने की राह पर - ज्योतिषवैज्ञानिक डॉ.एस.एन.वाजपेयी

ज्योतिष विज्ञान के दर्पण में अमरसिंह जी का भविष्य -

    बंधुओं ,जो लोग किसी पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर ज्योतिष को विज्ञान नहीं मानते हैं उन्हें मैं मानने के लिए बाध्य भी नहीं करता हूँ किन्तु वैचारिक दृष्टि से जीवित लोग जो ज्योतिष को अपने मन बुद्धि एवं तर्कों see more...http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/03/blog-post_2579.html

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