3-1- 2017 को 14.39 बजे त्रिपुरा में भूकंप !तीव्रता 5.5-7

'कफज' भूकंप (श)! इसके प्रभाव से कई महीने से जारी मणिपुर आदि पूर्वोत्तर राज्यों क्षेत्रों में बीते कई महीने से चली आ रही हिंसा संपूर्ण रूप से शांत होती चली जाएगी ! 
     त्रिपुरा के अंबासा में मंगलवार दोपहर 2 बजकर 42    मिनट पर 5.5 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से 59 किमी दूर अंबासा और कुमारघाट के बीच लोंगतोराई पहाड़ी भूकंप का केंद्र रहा। भूकंप के झटके भारत के असम, त्रिपुरा के अलावा पड़ोसी देश बांग्लादेश, भूटान और उत्तरी म्यांमार में भी महसूस किए गए।अगरतला समेत मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और दक्षिणी असम तक महसूस किए गए। 
अब जानिए इस भूकंप का फल- 
   इस भूकम्प से प्रभावित क्षेत्र में वर्षा बाढ़ का प्रकोप विशेष बढ़ सकता है नदियों तालाबों एवं समुद्र के किनारे रहने वाले लोगों के लिए विशेष हानिकारक हो सकता है इसमें कफज एवं जलजनित बीमारियाँ अधिक बढ़ सकती हैं अतिवृष्टि और बाढ़ से परेशानियाँ बढ़
सकती हैं !इनसे निपटने के लिए सावधानी और सतर्कता तो रखी ही जानी चाहिए ! 
    इस भूकंप के प्रभाव से पड़ोसी बांग्लादेश, भूटान और उत्तरी म्यांमार एवं भारत के त्रिपुरा ,अगरतला समेत मेघालय, मणिपुर, मिजोरम और दक्षिणी असम में वर्षा बाढ़ एवं जल जनित बीमारियों की बड़ी सम्भावना है इसके साथ साथ इस भूकंप का एक बहुत अच्छा फल यह भी है कि इस क्षेत्र के लोगों और देशों के आपसी संबंधों में मधुरता आएगी । इस भूकंप से  प्रभावित लोग और देश सभी प्रकार के आपसी शिकायत शिकवे भुलाकर आपस में मिलजुल कर शांति पूर्ण ढंग से काम करना पसंद करेंगे !इस क्षेत्र की आम जनता में भी हिंसा मुक्त वातावरण बनेगा !लोगों की मानसिकता एक दूसरे के प्रति संवेदन शील और सात्विक बनेगी !इस भूकंप का इस प्रकार का असर वैसे तो 3-1- 2017 से 18-2-2017 तक विशेष रहेगा इसके बाद धीरे धीरे घटता चला जाएगा !जबकि इसका सामान्य असर तो 7-6-2016 तक रहेगा !
       भारत बाँगलादेश , भूटान और वर्मा की सरकारों को चाहिए कि इस बीच आपसी विवादित मुद्दों को निपटाकर एक दूसरे के सहयोग से आपसी विकास के लिए मजबूत महत्वपूर्ण रास्ते खोजें !इन विषयों में महत्वपूर्ण सफलता मिल सकती है !
       एक और विशेष बात : 
    11-12-2016 ,7.27AM,तीव्रता 4.2, पूर्वोत्तर के सभी सात राज्यों में जो भूकंप आया था   वो पित्तज होने के कारण विशेष अमंगल कारी क्रोध कारक एवं हिंसा लड़ाई झगड़े को प्रोत्साहित करने वाला था उसका दुष्प्रभाव यद्यपि जून 2017 तक रहने वाला था अर्थात अशुभ था !किंतु इसी क्षेत्र में 3-1- 2017 को आया भूकंप पिछले भूकंप के जून 2017 तक चलने वाले दुष्प्रभाव को यहीं से समाप्त होने की घोषणा करता है । अतएव  क्षेत्र में इसके बाद पूर्ण सुख शांति युक्त वातावरण का निर्माण होगा !

1 comment:

  1. इस भूकंप के बाद मणिपुर में चल रही हिंसा की घटनाएँ लगभग बंद हो गईं

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