ये बदनाम आदमी पार्टी है ,कोई राजनैतिक दल है या कुछ सत्ता लोलुप लोगों का गिरोह ! !

    जो पार्टी अपनी जीत का जश्न है ही अपने साथियों को बदनाम करके मना रही हो!उसे बदनाम आदमी पार्टी क्यों न कहा जाए ! 
    अपने पुराने साथियों को गाली देकर अपमानित करके पार्टी से बाहर निकाल कर मना रही हो चुनावी विजय का जश्न उसे आम आदमी पार्टी कैसे कहा जाए जहाँ आम आदमी के लिए कुछ हो ही नहीं इसे तो बदनाम आदमी पार्टी कहा जा सकता है जहाँ बहुत लोग बदनाम किए जा चुके हैं कुछ लोग बाकी हैं उनसे भी जिस दिन कोई चिढ़ेगा उसदिन उनकी भी गंदगी का स्टिंग मीडिया में चलवा दिया जाएगा !कहीं इसका मतलब ये तो नहीं है कि इस पार्टी में बदनाम सब हैं सबके स्टिंग सबके पास हैं किंतु जो जब तक किसी से पंगा नहीं लेता तब तक ही वो पाक साफ है !क्या ऐसे गिरोहों से दिल्ली या देश वासियों को भी कोई आशा करनी चाहिए जिन्होंने चुनावी विजय के बाद केवल एक दूसरे को बदनाम ही किया हो मेरी समझ में भारतवर्ष की दूसरी कोई भी पार्टी कम से कम इस विषय में तो आम आदमी पार्टी को पराजित नहीं ही कर सकती है !
    हे अन्ना जी !ये गाली गलौच देने वाले आपके चेलों को दिल्ली की जनता ने बहुमत क्या दे दिया ये तो पागल हो गए हैं जनता के सामने दीनता पूर्वक गिड़गिड़ाते रहने वाले ये लोग 'कमीने' 'सालों' की गालियाँ देने वाले और जूते मारने वालों की पंक्ति दे रहे हैं ।ये वही बहादुर लोग जिनके चेहरे पर जिसने चाँटा मारा था ये उसी के घर यह पूछने पहुँच गए थे कि हमारे कठोर गालों में लगकर कहीं आपके सुकोमल हाथों में कोई चोट तो नहीं लगी !
     बारे अन्ना हजारे जी !इन्हीं पाखंडियों के बल पर तुम मिटाने ले थे देश से भ्रष्टाचार! जो एक दूसरे की बुराई करते ही नही थक रहे हैं सबकी पोल सबके पास है जो जब चाहे दिखा दे !जनता से अभी तक इतनी गन्दगी छिपाते रहे ये लोग ! वास्तव में कितने कप कुसंस्कार  हैं इनमें
 श्रीमान अन्ना जी !ये तुम्हारे पाखंडी समाज  सेवक तो सत्ता मिलते ही पागल हो  रहे हैं सत्ता के लिए !  इतनी गंदगी समेटे  घूम  रहे थे तुम !इन कपटी ईमानदारों के बल पर आप  लाना चाह रहे थे देश में स्वराज और भगाना चाह रहे थे भ्रष्टाचार किंतु मान्यवर अन्ना जी ! देश में आपके कुनबे के अलावा और कहाँ है इतना अविश्वास और भ्रष्टाचार इतनी गंदी भाषा !इन मूल्यों संस्कारों की दिखावटी बातें करने वाले लोगों के हृदय इतने गंदे हैं !हे अन्ना जी ! गंदगी का यह गिरोह तो  रामलीला मैदान में भी आपके चारों ओर विद्यमान  था !आप पर बहुत बड़ी कृपा रही इनकी अन्यथा ये वहाँ आपके मंच पर भी कुत्ते बिल्लियों की तरह लड़ सकते  थे और गँधवा सकते थे  आपका आंदोलन किंतु शाांत ही रहे ये सत्ता लोलुप किंतु लड़ते किस लिए इन्हें सत्ता तो आज मिली है सत्ता पाकर बौराने   वाले हैं ये लोग !
एक दूसरे को कैसी कैसी गालियाँ देते हैं ये लोग !ऐसे लोग सत्ता और पद 
के लिए पागल हैं यही लोग  ईमानदारी सादगी समाज सेवा  और भ्रष्टाचार मुक्ति की बातें कर रहे थे किंतु इतना अहंकार इतना कलह  गंदी जबान तो शायद देश की सर्वाधिक भ्रष्ट कही जाने वाली पार्टियों में भी नहीं दिखी होगी ऊपर से इसी गिरोह का एक  सदस्य जो भूतपूर्व  पत्रकार भी है वो कितनी बेशर्मी से इन गालियों की वकालत कर रहा था दिया गया  होगा  उसे भी  कुछ बनाने का लालच !ईमानदारी  नाम  बना ये  गिरोह   राजनैतिक भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण है !
     इनलोगों ने भ्रष्टाचार विरोधी समाज को बहुत बड़ा धक्का पहुँचाया है इसके दुष्परिणाम  भविष्य में और भी सामने आएँगे तथा भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम चलाना किसी के लिए भी अब और अधिक कठिन होगा !जनता अब क्यों करेगी किसी भले आदमी पर भरोसा !
      अब फर्जी डिग्री पकड़ी जा रही हैं ऊपर से पार्टी सुप्रीमों का यह कहना कि मैंने जाँच करवा ली है उसके बाद ये हाल !कितना झूठ बोलते हैं ये लोग !
  

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