जिसके भाग्य में जो सुख जितने प्रतिशत बदा होता है उतने प्रतिशत ही मिलता है यही सच्चाई है किंतु जो लोग इस बात पर भरोसा नहीं करते हैं वो बेईमानी करके धन तो बहुत इकठ्ठा कर सकते हैं किंतु भोग नहीं सकते और न ही उनके बच्चों के अच्छे काम में लगेगा हर परिस्थिति में ऐसे धन को नष्ट ही होना होता है चोर ले जाएँ गिर जाए नष्ट हो जाए बीमारी में लग जाए संतान न हो संतान रोगिणी हो आदि आदि किंतु ऐसा धन कभी प्रसन्नता नहीं देता है इसीलिए ऐसे लोग कृत्रिम प्रसन्नता के लिए सुरा सुंदरी में अपने को इधर उधर भटकाते रहते हैं किंतु सुंदरी पास से हटी या सुरा का नशा उतरा तो फिर वही तनाव !हिंदी में तनाव का दूसरा नाम खिंचाव होता है जो चीज जैसी नहीं है वैसी हम दिखाना चाहते हैं यही तो तनाव है जैसे किसी रबड़ की रस्सी को खींच कर जितनी देर रखेंगे उसमें तनाव रहेगा ही ।तनाव इस बात का कि इस रस्सी को जैसे ही हम छोड़ेंगे वैसे ही वास्तव में जितनी है उतनी हो जाएगी । तनाव इस बात का है कि पकड़ कर कब तक रखें कैसे रखें बस तनाव इस बात का होता है ।
ये खिंचाव हर परिस्थिति में हर किसी को होता है हमारे पास जितना धन नहीं है उतना कर्जा ले लेते हैं जिस मित्र या रिश्तेदार से हमारी हैसियत बहुत छोटी या कम होती है उससे बराबर के संबंध बना बैठते हैं जिस स्त्री के लायक हम नहीं हैं उससे हम प्रेम संबंध बनावें या विवाह करें हमें तनाव होगा ही !कुलमिलाकर हम जितने धनी नहीं हैं उतना धनीपन दिखावें ,जितने सुन्दर नहीं उतनी सुंदरता प्रस्तुत करने की कोशिश करें जितने सोर्सफुल नहीं हैं उतना सोर्स दिखाने की कोशिश करेंगे तो तनाव होगा ही इसलिए हमें अपनी सीमाओं में रखना सीखना चाहिए और अपनी वास्तविकता पर गर्व करना चाहिए !
बंधुओ !बालों में डाई लगाकर बाल काले कर लेने से बालों को तो जवान दिखाया जा सकता है किंतु खुदको नहीं हाँ इससे हम पहचान भ्रष्ट अवश्य हो जाते हैं । किसी पार्टी में ऐसी ही रँगी पोती एक महिला को किसी ने मैडम कह दिया तो पास खड़े सज्जन ने उसे समझते हुए कहा कि इतना अँग्रेज न बन आपकी माँ के बराबर की हैं अपने भारतीय संबोधन से बुलाना चाहिए इस पर लड़के ने कहा कि इनके रहन सहन के मुताबिक हम इन्हें चाची नहीं कह सकते थे आंटी कहते तो भी शायद अच्छा न लगता क्योंकि इनका सारा श्रृंगार युवतियों जैसा है फिर इनकी भावना का अपमान करते हुए इन्हें आंटी कैसे कहें इन सब बातों से मुक्त होकर मैंने इन्हें मैडम कहना ठीक समझा ! मैडम को तनाव हो गया वो चली गईं ।
बंधुओ !हमें अपनी उम्र परिस्थितियों एवं क्षमताओं के हिसाब से आचार व्यवहार बनाना चाहिए बहु जैसा भड़काऊ श्रृंगार करने वाली बनावट पसंद सास को बहू से बनावटी स्नेह की ही अपेक्षा रखनी चाहिए अन्यथा तनाव होगा ही । सम्मान चाहने वाले बूढ़े पिता जी को बाल काले करके टीवी पर फुदकती हुई सिने तारिकाओं को देखकर या तो मुखमटकाने की आदत छोड़नी चाहिए या फिर उनसे सम्मान पाने की !अन्यथा सम्मान नहीं मिलेगा तो तनाव होगा ही !
धन अर्जित करते हैं किंतु उस यदि भाग्य को नजरंदाज करते हुए उससे अधिक हाथ पैर कोई ऐसी जिसे कोई हो जाए जिसे जब आपके यहाँ
No comments:
Post a Comment