जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में मंगलवार को रात करीब 8 बजे भूकंप के तेज
झटके लगे हैं. भूकंप के झटकों की तीव्रता रियेक्टर पैमाने पर 5.5 बताई जा
रही है. इस भूकंप का केंद्र तजाकिस्तान में पाया गया है.
जम्मू-कश्मीर में आए भूकंप की शास्त्र वर्णित विशेषताएँ!
प्राचीन विज्ञान के हिसाब से इन दोनों
भूकंपों के केंद्र जल से संबंधित हैं अतः जम्मू-कश्मीर में नदियों तालाबों के
किनारे और ऐसे जल के संपर्क में अधिक रहने वाले लोग जल जनित बड़ी बीमारियों
के शिकार होंगे !इन क्षेत्रों में तालाब आदि के
संपर्क में रहने वाले लोग या गंदे जल का सेवन करने वाले लोग हों या गंदे जल
में नहाने वाले लोग इस समय कई बड़ी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं कुल
मिलाकर पानी के प्रदूषण से प्रदूषित वायु का स्पर्श होने से भी हो सकती हैं
उल्टी दस्त एवं ज्वर जैसी अधिक दिनों तक चलने वाली कई बड़ी बीमारियाँ सरकार
इनसे बचाव के लिए समय रहते यदि सचेत
नहीं हो सकी तो इस वर्ष ये बीमारियाँ सरकार के नियंत्रण से बाहर भी जा
सकती हैं पानी के किनारे रहने वाली जनता इन्हींबीमारियों से भीषण त्राहित्राहि कर उठेगी ।
इस भूकंप से नदी के किनारे बसने वाले लोगों की बहुत बड़ी
क्षति होगी । जल जनित बीमारियों जैसी बड़ी बाधाएँ निकट
भविष्य में बहुत अधिक होना संभव हैं । इस भूकंप का फल 15-2-2017तक विशेष रहेगा !
प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे
भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है !जम्मू-कश्मीर के क्षेत्र में
जलजनित गैसों के प्रकोप से ये भूकम्प आया है और उन्हीं गैसों के
प्रकोप से ज्वर आदि बीमारियाँ अचानक बढ़ती चली जाएँगी !इस भूकंप का असर 15-2-2017तक विशेष रहेगा उसके बाद धीरे धीरे सामान्य होता चला जाएगा और
बीमारियाँ भी समय के साथ साथ धीरे धीरे घटती चली जाएँगी !
इस भूकंप से नदी के किनारे बसने वाले लोगों की बहुत बड़ी
क्षति होगी । जल जनित बीमारियों से बचने के लिए नदी तालाब आदि के जलों के संपर्क में रहने से अधिक से अधिक बचने का प्रयास करें !
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