भूकंपीय क्षेत्र में अग्नि सम्बन्धी समस्याएँ बहुत अधिक भी बढ़ सकती हैं इस समय भूकंप से प्रभावित क्षेत्र के वायुमण्डल में व्याप्त है अग्नि !इसलिए अग्नि के प्रभाव से सामान्य वायु भी इस समय ज्वलन शील गैस जैसे गुणों से युक्त होकर विचरण कर रही है ! जल संकट गहराता चला जाएगा और कभी भी कहीं भी आग लगने की दुर्घटनाएँ घट सकती हैं !कुएँ तालाब नदियाँ आदि बहुत जल्दी सूखने लगेंगी !वर्षा की संभावनाएँ अत्यंत कमजोर हो जाएंगी भूकंप से प्रभावित क्षेत्र में अगले 50 दिनों तक वर्षा की संभावनाएँ बिल्कुल न के बराबर होंगी !
गर्मी से संबंधित रोग विशेष रूप से पनपेंगे इसके अलावा इस समय दिशाओं में जलन, तारे टूटना ,उल्कापात होने जैसी घटनाएँ भी देखने सुनने को मिल सकती हैं ।
इस भूकंप के कारण ही नदियाँ कुएँ तालाब आदि का जलस्तर तेजी से घटेगा !पित्त अर्थात गर्मी से संबंधित रोगों से सतर्क रहना चाहिए !
यहीं से शुरू होकर ''इराक ईरान की सीमा पर दोनों देशों के आपसी संबंध तनावपूर्ण होते चले जाएँगे !!भूकंप प्रभावित क्षेत्र के लोगों के आपसी सम्बन्ध दिनोंदिन तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे लोग आपस में एक दूसरे को मारने पर उतारू हो जाएंगे निकट भविष्य में अशांति संभव है लोगों के आपसी सम्बन्धों में कटुता बढ़ती चली जाएगी !उचित होगा कि 30 -12- 2017 तक लोगों के आपसी विश्वास को बढ़ाए और बनाए रखा जाए ।वैसे तो इस भूकंप का दुष्प्रभाव 15 -05-2018 तक रहेगा इसलिए सरकार की ओर से भी विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए !
इतना ही नहीं अपितु इस भूकंप के दुष्प्रभाव से शरीर में जलन की बीमारियाँ बढ़ेंगी, तरह तरह के ज्वर फैलेंगे बिचर्चिका और बिसर्पिका जैसी त्वचा सम्बन्धी बीमारियाँ एवं पीलिया रोग निकट भविष्य में बढ़ने की सम्भावना है !इसका विशेष दुष्प्रभाव अभी से लेकर30-12- 2017 तक रहेगा किंतु जैसा जैसा समय बीतता जाएगा वैसा वैसा घटता जाएगा दुष्प्रभाव !
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