वीरवार रात को भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। डोडा, किश्तवाड़, रामबन, भद्रवाह,चिनैनी में रात 8.30 बजे के करीब आए 4.6 तीव्रता वाले झटकों से लोग सहम गए। यह झटके कुछ सेकेंड रहे। मौसम विभाग के अनुसार इसका केंद्र कश्मीर -इंडिया बार्डर रीजन में जमीन से 44 किलोमीटर नीचे रहा।
20-2-2018 वाले भूकंप ने जम्मू कश्मीर में 10 -4 -2018 तक शांति रहने सन्देश दिया था 10-3-2018 के भूकंप ने उस संदेश को 27 -4-2018 तक के लिए समय सीमा बढ़ा दी थी अर्थात अब इस क्षेत्र में शांति रहने की सम्भावना 27-4-2018 तक रहने की संभावना थी किंतु 15-3-2018 के भूकंप ने उस शांति की अवधि को 5 दिन और आगे बढ़ा दिया है!अर्थात अब 3 -5 -2018 तक कश्मीर में तो शांति रहेगी ही इसके साथ ही साथ भारत और पाकिस्तान के मध्य आपसी संबंधों में सुधार की संभावनाएँ बढ़ती दिख रही हैं !
इस भूकंप का फल -
इस समय भूकंप की सूचना के अनुशार इस क्षेत्र में लम्बे समय से चलते आ रहे संघर्ष को घटाने के प्रभावी प्रयास किए जा सकते हैं जिनमें सफलता मिलने की संभावना विशेष अधिक होगी !यहाँ रहने वाले लोगों की मानसिकता बदलने का संकेत देता है यह भूकंप |स्थानीय लोगों में इस समय उन्माद की मात्रा कुछ घटेगी !
प्राचीन विज्ञान के हिसाब से चंद्र किरणों के प्रभाव से यह भूकंप प्रकट हुआ है 'चन्द्रज' भूकंप होने के कारण इसमें वर्षा और बाढ़ से सतर्कता बरती जानी चाहिए नदी सरोवरों में जल की वृद्धि होगी नदी सरोवरों के आस पास रहने वाले लोगों में जल जनित बीमारियों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाएगा ! भूकंप का केंद्र चंद्र से संबंधित है इसलिए नेपाल एवं उससे जुड़ी हुई भारत सीमा में पड़ने वाले नदियों तालाबों के किनारे और ऐसे जल के संपर्क में अधिक रहने वाले लोग जल जनित बीमारियों के शिकार होंगे !
इन क्षेत्रों में तालाब आदि के संपर्क में रहने वाले लोग नहाने धोने एवं पीने के पानी का भी विशेष सतर्कता से प्रयोग करें क्योंकि उसका असर विपरीत होने की अधिक संभावनाएँ रहेंगी !सीमा पर तैनात सैनिकों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए 3 -5 -2018 तक के लिए वातावरण शांत हो जाएगा !
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