आदरणीय स्वास्थ्य मंत्री जी
सादर नमस्कार !
विषय -वैदिक समयविज्ञान से स्वास्थ्य संबंधी पूर्वानुमान के विषय में
महोदय !
आयुर्वेद के शीर्ष ग्रंथों में रोगों के पूर्वानुमान करने के विषय में
निर्देश दिए गए हैं उसी के अनुशार रोगों के न होने देने के प्रिवेंटिव
प्रयास करने के आदेश दिए गए हैं उसी प्रक्रिया का पालन करते हुए पिछले कई
वर्षों से रोगों का पूर्वानुमान लगाने के विषय में मैं अनुसन्धान करता हूँ
!यह भारत के प्राचीन वैदिक विज्ञान के आधार पर रोगों के विषय में
पूर्वानुमान करने की प्रक्रिया है जो प्रायः सही घटित होती है इसलिए मैं
अपने अनुसंधान को सरकार तक पहुँचाने के उद्देश्य से ये पत्र आपको भेज रहा हूँ !
सौर मंडलीय दृष्टि से घटित हो रही खगोलीय घटनाओं के कारण सुदूर अंतरिक्षीय वायु मंडल में रोगकारक वातावरण निर्मित हो रहा है उस वातज प्रदूषण संबंधी विकृतियों के लक्षण वृक्षों बनस्पतियों में होने वाले सूक्ष्म बदलावों के आधार पर अभी से अनुभव किए जा सकते हैं! ऐसे बदलावों का पूर्वानुमान सौर मंडलीय गणितीय प्रक्रिया के द्वारा एवं बनस्पतियों में होने वाले परिवर्तनों के आधार पर लगाया जाता है !
वायुमंडल में व्याप्त यह खगोलीय प्रदूषण रोगकारक
है इसका दुष्प्रभाव 16 अगस्त 2018 से लेकर 1 सितम्बर 2018 तक विशेष अधिक होगा जिससे वर्षा संबंधी गंभीर रोगों से विशेष पीड़ाप्रद होगा ! इसीकारण से इसी समय में डेंगू चिकनगुनियाँ जैसे रोग विशेष भयावह रूप धारण करेंगे !ऐसे समय में आकाशज रोगों के फैलने पर एक से एक अच्छी औषधियाँ भी भी निष्प्रभावी सिद्ध होते चली जाएँगी और रोग दिनों दिन बढ़ते चले जाएँगे ! 1 सितम्बर 2018के बाद इस प्रदूषण की मात्रा क्रमशःकम होते चली जाएगी और लोग स्वस्थ होते चले जाएँगे !इस सामायिक स्वच्छता अभियान में 25 दिन और लगेंगे अर्थात 26 सितंबर तक इन आकाशज रोगों से सभी रोगियों को मुक्ति मिल जाएगी !
अतएव स्वास्थ्य मंत्रालय से सानुरोध निवेदन है कि ऐसे रोगों से होने वाली स्वास्थ्य संबंधी संभावित क्षति को प्रिवेंटिव प्रयास पूर्वक जैसे और जितना घटाया जा सके वो सारा प्रयास सतर्कता पूर्वक अविलंब प्रारंभ कर दिया जाना चाहिए !
निवेदक -
डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
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