बिहार और बंगाल में भूकंप के झटके,प्रातः 10.20 पर इसकी तीव्रता 5.4 एवं इसका केंद्र रंगपुर बांगलादेश हिला पूरा नॉर्थ-ईस्ट!
प्रभावित क्षेत्र - पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, नगालैंड और सिक्किम !बिहार के किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं. इसके अलावा कूचबिहार, दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी में भी भूकंप को महसूस किया गया है.
इस भूकंप का फल -
इस
भूकंप से प्रभावित क्षेत्र के लोगों में अब अचानक पागलपन सवार होगा
,उन्माद आतंकवाद आदि उपद्रवों में जन भागीदारी देखने को मिलने लगेगी |सरकार
को विशेष सावधानी वर्तनी चाहिए ! इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्र के आकाश
में तेजी से वायु प्रदूषण फैलेगा !धुआँ धुँआ सा दिखाई पड़ने लगेगा !तेज हवाएँ चलेंगी ! आँधी तूफान
का प्रकोप बढ़ेगा ! सूर्य की किरणें भी धूमिल दिखेंगी अनाज, जल और
औषधियों का नाश होगा !
शरीरों में सूजन ,दमा एवं खाँसी से उत्पन्न पीड़ा बढ़ने लगेगी ।ज्वर रोग
तथा सामूहिक पागलपन की परेशानियाँ बढ़ेंगी इस क्षेत्र के अच्छे खासे शिक्षित
और समझदार लोग भी न केवल पागलों जैसी दलीलें देते दिखेंगे अपितु उपद्रवी
गतिविधियों में सम्मिलित होने में भी गर्व महसूस करेंगे ।
डॉक्टरों ,सैनिकों, महिलाओं नाचने गाने वालों ,फिल्मी कलाकारों एवं
कारीगरों और व्यापार करने वाले लोगों पर विशेष भारी है ये भूकंप !ऐसे भूकंप
से प्रभावित क्षेत्र के लोगों में दिमागी चक्कर आने की बीमारियाँ बढ़ती हैं
अचानक ऐसा गुस्सा आता है कि मरने मारने को उतारू हो जाते हैं इस भूकंप से
प्रभावित क्षेत्रों के लोग !
साँस फूलने संबंधी बीमारियाँ भयंकर रूप लेती जाती हैं इस भूकंप का
प्रभाव तो 200 दिनों का होता है किंतु जैसे जैसे समय बीतता है वैसे वैसे
घटता चला जाता है तब भी 25 -10 -2018 तक का समय विशेष भारी होगा इस भूकंप से प्रभावित क्षेत्र को तब तक स्वास्थ्य
समस्याओं के साथ साथ आतंकवादी समस्याओं से भी विशेष सावधान रहना होगा
!सामाजिक दंगे न बढ़ने पाएँ ध्यान रखा जाना चाहिए इस भूकंप का आना इस
क्षेत्र में किसी बड़े तनाव को तैयार करने का कारण बन सकता है !भारत और बंगलादेश के संबंधों में दरार आ सकती ेव उत्तेजना फ़ैल सकती है !
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