हिमाचल में इस समय भारी बारिश से हर तरफ
तबाही मची हुई है। सोमवार को बारिश के बीच लोगों ने भूकंप के झटके महसूस
किए। यह भूकंप हिमाचल में वर्षा की समाप्ति की घोषणा करने आया था !
फल -इन दोनों भूकंपों का जन्म सूर्य से हुआ था इसलिए इनका फल भी सूर्य के
गुणों वाला ही होगा !यद्यपि इस भूकंप की तीव्रता बहुत कम थी
इसलिए इनका प्रभाव भी कमजोर ही होगा !फिर भी ये भूकंप अपने क्षेत्र में वर्षा समाप्ति की घोषणा करने आया है अर्थात वर्षा ऋतु समाप्त
! हिमाचल में अब 6 नवंबर 2018 तक पानी नहीं बरसेगा और बरसा भी
तो उसकी मात्रा बहुत कम होगी !
क्या है इस भूकम्प का फल -
इस भूकंप का निर्माण सूर्य की किरणों के द्वारा हुआ है इसलिए 'सूर्यज' भूकंप
होने के कारण भूकंपीय क्षेत्र के वातावरण में सीमा से अधिक गरमी बढ़नी
स्वाभाविक है !
यहाँ सूखीखाँसी, साँस लेने की समस्या एवँ आँखों में जलन आदि जानलेवा
होती जाएगी !गर्मी की अधिकता से होने वाले और रोग भी अधिक बढ़ेंगे !
इसी 'सूर्यज' भूकंप के प्रभाव से प्रभावित क्षेत्र के लोगों के मनों
में तनाव बढ़ता चला
जाएगा आत्मबल घटेगा ! इसीकारण समाज में उन्माद भावना पनपेगी !जगह जगह
असंतोष उन्माद जैसी दुर्घटनाएँ देखने को मिलने लगेंगी !यहाँ तक कि भारत पाक
की सीमा पर भी विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए !आतंकवादी घटनाओं को रोकने के
लिए खुपिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया जाना चाहिए !स्थानीय लोग भी
इस समय विशेष उत्तेजित हो जाएँगे !ये समय भूकंप से विशेष प्रभावित
लोगों के चिंतन को अत्यंत उग्र अर्थात दूषित कर देगा !जिससे इस क्षेत्र में
लोगों के आपसी सम्बन्ध दिनोंदिन तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे !लोग एक दूसरे
के साथ मरने मारने पर उतारू हो जाएंगे निकट भविष्य में विशेष अशांति बढ़ना
संभव है !लोगों के आपसी सम्बन्धों में कटुता बढ़ती चली जाएगी !लोगों के आपसी
संबंध अविश्वसनीय होते चले जाएंगे !इस क्षेत्र में घुस पैठ कर चुके आतंकी लोग स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सैनिकों के विरुद्ध कभी भी
किसी बड़ी अप्रिय वारदात को आतंकी लोग अंजाम दे सकते हैं !
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