अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार भूकंप का केंद्र बंगाल की खाड़ी में समुद्र तल से 10 किलोमीटर की गहराई में था। भूकंप के कारण तमिलनाडु के कुछ हिस्से भी प्रभावित हुए। चेन्नई के कई इलाकों में झटके महसूस किए गए !
क्या है इस भूकम्प का फल -
इस भूकंप का निर्माण सूर्य की किरणों के द्वारा हुआ है इसलिए 'सूर्यज' भूकंप
होने के कारण भूकंपीय क्षेत्र के वातावरण में सीमा से अधिक गरमी बढ़नी
स्वाभाविक है !
पश्चिमबंगाल से लेकर तमिलनाडु तक समुद्र के किनारे पड़ने वाले नगरों में रहने वाले लोगों को सूखीखाँसी, साँस लेने की समस्या एवँ आँखों में जलन आदि जानलेवा
होती जाएगी !गर्मी की अधिकता से होने वाले और रोग भी अधिक बढ़ेंगे !
इसी 'सूर्यज' भूकंप के प्रभाव से प्रभावित क्षेत्र के लोगों के मनों
में तनाव बढ़ता चला
जाएगा आत्मबल घटेगा ! इसीकारण समाज में उन्माद भावना पनपेगी !जगह जगह
असंतोष उन्माद जैसी दुर्घटनाएँ देखने को मिलने लगेंगी ! भारत की इस इस सीमा पर भी विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए !आतंकवादी घटनाओं को रोकने के
लिए खुपिया एजेंसियों को सतर्क कर दिया जाना चाहिए !स्थानीय लोग भी
इस समय विशेष उत्तेजित हो जाएँगे !ये समय भूकंप से विशेष प्रभावित
लोगों के चिंतन को अत्यंत उग्र अर्थात दूषित कर देगा !जिससे इस क्षेत्र में
लोगों के आपसी सम्बन्ध दिनोंदिन तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे !लोग एक दूसरे
के साथ मरने मारने पर उतारू हो जाएंगे निकट भविष्य में विशेष अशांति बढ़ना
संभव है !लोगों के आपसी सम्बन्धों में कटुता बढ़ती चली जाएगी !लोगों के आपसी
संबंध अविश्वसनीय होते चले जाएंगे !इस क्षेत्र में घुस पैठ कर चुके आतंकी लोग स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सैनिकों के विरुद्ध कभी भी
किसी बड़ी अप्रिय वारदात को आतंकी लोग अंजाम दे सकते हैं !
इस भूकंप का प्रभाव 8 -3-2019 तक विशेष अधिक रहेगा !
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