क्या है इस भूकंप का फल -
इस भूकंप का निर्माण सूर्य की किरणों के द्वारा हुआ है |इसलिए 'सूर्यज' भूकंप
होने के कारण भूकंपीय क्षेत्र के वातावरण में गर्मी बढ़नी
स्वाभाविक है | इस क्षेत्र में वर्षा की मात्रा घटेगी !नदियाँ
तालाब आदि सूखते चले जाएँगे !यहाँ सूखीखाँसी, साँस लेने की समस्या एवँ
आँखों में जलन आदि गर्मी की अधिकता से होने वाले और रोग भी अधिक बढ़ेंगे |
इसी 'सूर्यज' भूकंप प्रभावित क्षेत्र के लोगों के मनों
में अब अचानक तनाव बढ़ता चला
जाएगा आत्मबल घटेगा | इसीकारण समाज में उन्माद भावना पनपेगी !जगह जगह
असंतोष उन्माद के कारण आतंकवाद जैसी दुर्घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं |यहाँ तक कि भारत पाक
की सीमा पर भी विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए | आतंकवादी घटनाओं को रोकने के
लिए खुपिया एजेंसियों को तुरंत विशेष सतर्क कर दिया जाना चाहिए |अभी तक
तो केवल आतंकवादी ही थे अब तो भूकंप प्रभावित लोग भी विशेष उत्तेजित हो सकते हैं | ये समय भूकंप से विशेष प्रभावित
लोगों के चिंतन को अत्यंत उग्र अर्थात दूषित कर देगा | जिससे इस क्षेत्र में
लोगों के आपसी संबंध भी दिनोंदिन तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे | लोग एक दूसरे
के साथ मरने मारने पर उतारू हो जाएंगे निकट भविष्य में विशेष अशांति बढ़ना
संभव है | लोगों के आपसी सम्बन्धों में कटुता बढ़ती चली जाएगी | लोगों के आपसी
संबंध अविश्वसनीय होते चले जाएँगे | इस क्षेत्र में घुस पैठ कर चुके आतंकी लोग स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सैनिकों के विरुद्ध कभी भी
किसी बड़ी अप्रिय वारदात को आतंकी लोग अंजाम दे सकते हैं |
इस 'सूर्यज' भूकंप का प्रभाव अगले कम से कम 40 दिनों तक रहेगा किंतु
जैसे जैसे समय ब्यतीत होता चला जाएगा वैसे वैसे इस भूकंप का असर भी घटता
चला जाएगा | ऊपर जो दोष दुर्गुण आदि बताए गए हैं वो 18दिसंबर 2019तक विशेष
प्रभावी रहेंगे |
चूँकि अभी तुरंत भूकंप घटित हुआ है इसलिए इसका असर पृथ्वी पर अभी सौ
प्रतिशत है इससे प्रभावित क्षेत्र अगले कम से कम 90 दिनों तक कई ऐसी
समस्याओं से जूझेगा | इस क्षेत्र में वर्षा की संभावनाएँ भी 10 दिसंबर तक कमजोर रहेंगी | गर्मी का प्रकोप इस क्षेत्र की प्रकृति को बदल देगा |
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