मौसम पूर्वानुमान(वैदिक): अक्टूबर -2021

       मौसम साराँश- अक्टूबर के महीने में बादलों की उपस्थिति बनी रहेगी|अक्टूबरके कुछ दिनों में समय समय पर मध्यमस्तरीय वर्षा भी होती रहेगी |11अक्टूबर के बाद वर्षाऋतु पूरी होनी प्रारंभ हो जाएगी 16अक्टूबर के बाद वर्षा का वेग बिलकुल समाप्त हो जाएगा फिर भी सामान्य और मध्यमस्तरीय वर्षा महीने के कुछ दिनों में ही होगी|अधिक वर्षा एवं बाढ़ जैसी परिस्थितियाँ अक्टूबर में बिल्कुल नहीं बनेंगी |2,3,14,15,16,29,30,31 तारीखों में वर्षा की संभावना  सभी देशों प्रदेशों में बन सकतीहै |समुद्री क्षेत्रों में हिंसक चक्रवातों का निर्माण 8से11अक्टूबर एवं 20 से 24 अक्टूबर के बीच  हो सकता है |  जिससे उस क्षेत्र के आसपास वाले समुद्री प्रदेशों जनपदों आदि में तेज आँधी तूफानों के साथ अधिक वर्षा हो सकती है |1से 18 अक्टूबर में तापमान सामान्य से कुछ कम रहेगा | बादलों की आवाजाही लगी रहेगी | 1 से8 तक दक्षिणपूर्वी  भारत को छोड़कर अन्य प्रदेशों में कुछ अधिक वर्षा हो सकती है | 27 अक्टूबर से वायुप्रदूषण बढ़ना प्रारंभ ही जाएगा !
अब विस्तार से-
1 अक्टूबर को विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों में बादलों की अधिकता रहेगी उत्तर भारतीय क्षेत्र में मध्यमस्तरीय वर्षा की संभावना है वर्षा की संभावना है|
2और 3 अक्टूबर को  भारत के अनेकों प्रदेशों में विशेष  वर्षा होने की संभावना है | सामान्य वर्षा तो लगभग सभी जगहों पर होगी |विशेषकर भारत के  जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदिआदि में काफी अधिक वर्षा हो सकती है |
4 अक्टूबर  को अधिकाँश देशों प्रदेशों में कृषिकार्यों के लिए हितकारी अच्छी वर्षा होने की संभावना है |
5और6 अक्टूबर को अधिकाँश देशों प्रदेशों में बादलों की मात्रा अधिक एवं 6 अक्टूबर को वर्षा की संभावना है |

7 अक्टूबर  को हवाओं का वेग बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा | कहीं कहीं धूप होने से तापमान बढ़ने का अनुमान है |

8 और 9 अक्टूबर  को  सामान्य बादलों की उपस्थिति रहने का अनुमान है | कुछ प्रदेशों में हवाओं के वेग के साथ सामान्य वर्षा की संभावना है !
9 और 10 अक्टूबर को कुछ क्षेत्रों में आँधी तूफ़ान एवं वायुप्रदूषण बढ़ने लगेगा | सामाजिक वातावरण में मानसिक तनाव की मात्रा इस समय अधिकबढ़ती दिखाई देगी |सामान्यतःवर्षा की संभावना बहुत कम है |

11अक्टूबर कोआकाश में वायुप्रदूषण का  स्तर  बढ़ेगा | मौसम सामान्य रहेगा |सामान्यतौर पर इन दिनों  में वर्षा प्रायः नहीं होगी!केवल समुद्र के किनारे स्थित देशों प्रदेशों में आँधी तूफ़ान ओलावृष्टि अधिक वर्षा एवं बज्रपात होने की संभावना अचानक बन सकती है |इन दिनों में चक्रवातों का निर्माण हो सकता है | 

  12अक्टूबर को वायुमंडल में ज्वलनशील गैसों की मात्रा अचानक बढ़ जाएगी |तापमान अन्य दिनों की अपेक्षा कुछ अधिक होगा | वर्षा होने की संभावना अत्यंत कम है |
13 और 14 अक्टूबर  को हवाओं का वेग क्रमशः कम होने लगेगा | वर्षा की संभावना बनती दिखाई पड़ेगी |14 अक्टूबर को भारत के जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल आदि में वर्षा हो सकती है | हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में भी वर्षा हो सकती है|
15 और 16 अक्टूबर को  विश्व के अनेकों  देशों प्रदेशों में सामान्य से कुछ अधिक वर्षा होने की संभावना है|भारत के हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में काफी विशेष वर्षा की  संभावनाएँ हैं |
17अक्टूबर को बादलों की उपस्थिति के साथ साथ अनेकों देशों प्रदेशों में मध्यमस्तरीय वर्षा की संभावना भी है |
18और19 अक्टूबर  को कुछ क्षेत्रों में कृषिकार्यों के लिए हितकारी सामान्य वर्षा होने की संभावना है |इसीदिन से तापमान बढ़ना  प्रारंभ हो जाएगा |
20अक्टूबर  को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ अधिक होगा !कुछ क्षेत्रों में तेज हवाएँ चल सकती हैं कहीं कहीं वर्षा होने की संभावना है |
21और22 अक्टूबर को समुद्र के किनारे वाले देशों प्रदेशों में आँधी के साथ अधिक वर्षा हो सकती है | कुछ भागों में सामान्य वर्षा की संभावना कम है |
23 अक्टूबर को हवाओं का वेग बढ़ना प्रारंभ हो जाएगा !तापमान भी अधिक बढ़ चुका होगा !कुछ क्षेत्रों में तेज आँधी तूफ़ान जैसी घटनाएँ भी घटित हो सकती हैं|इन्हीं दिनों में समुद्र के आसपास के क्षेत्रों में तेज  हवाओं के साथ अधिक वर्षा  हो सकती है |
24और25अक्टूबर को आँधी और वर्षा के साथ साथ कहीं कहीं समुद्री क्षेत्रों में हिंसक चक्रवातों का भी निर्माण हो सकता है ,अन्य स्थानों पर कहीं कहीं हवा के झकोरों के साथ अत्यंत अल्पमात्रा वर्षा हो सकती है |

 25 अक्टूबर को अन्य दिनों की अपेक्षा तापमान कुछ अधिक होगा !धूप होगी कहीं कहीं अधिक रहेगी | अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए सतर्कता पूर्वक अग्नि का व्यवहार करना चाहिए |

26और27 अक्टूबर को गरम हवाओं की गति धीमी होगी एवं हिमालयी हवाओं का वेग बढ़ने से हवाओं में नमी की मात्रा बढ़ेगी |तापमान घटेगा  |अधिकाँश देशों प्रदेशों में बादलों की उपस्थिति दिखाई पड़ेगी |जिससे कुछ क्षेत्रों में वर्षा होने की भी संभावना बन सकती है |
27 और 28 अक्टूबर को भारत के  जम्मू कश्मीर के लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तरप्रदेश बिहार आदि में मध्यमस्तरीय वर्षा होने की संभावना है |

29 और 30 अक्टूबर को विश्व के अनेकों देशों प्रदेशों में अधिक वर्षा की संभावना है | विशेषकर भारत के  जम्मू कश्मीर लेह लद्दाख उत्तराखंड हिमाचल हरियाणा पंजाब उत्तरी राजस्थान दिल्ली उत्तर प्रदेश बिहार आदिआदि में काफी अधिक वर्षा हो सकती है |
31 अक्टूबर को भारत के अनेकों प्रदेशों में विशेष  वर्षा होने की संभावना है | सामान्य वर्षा तो लगभग सभी जगहों पर होगी |सायंकाल से बादलों की मात्रा कम होने लगेगी |
आँधीतूफ़ान:  तेज हवाओं का प्रवाह रहेगा | 8से11अक्टूबर के बीच चक्रवात का निर्माण संभव है इस समय में अन्य प्रकार के भी हिंसक प्राकृतिक उपद्रव हो सकते हैं | इसी प्रकार से 20 से 24अक्टूबर के बीच एक से अधिक चक्रवातों का निर्माण भी संभव है | इससे भारत के भी महाराष्ट्र केरल कर्नाटक तमिलनाडु आंध्रप्रदेश तेलंगाना उड़ीसा पुड्डुचेरी त्रिपुरा छत्तीस गढ़ पश्चिम बंगाल आदि प्रदेशों में  तेज हवाओं  के साथ वर्षा की संभावना है |
आग लगने के बिषय में पूर्वानुमान:  
7 से 11अक्टूबर के बीच तापमान बढ़ा रहेगा | 15से 25 अक्टूबर तक तापमान विशेष अधिक बढ़ा रहेगा | इसीलिए इस बीच अग्नि संबंधी दुर्घटनाएँ अधिक घटित हो सकती हैं |26 से 31 अक्टूबर को अग्नि प्रकोप की संभावना विशेष अधिक है |अग्नि संबंधी दुर्घटनाएँ इन  दिनों में अधिक घटित हो सकती हैं |इन दिनों में विशेष सावधानी वरती जानी चाहिए |

तनाव का समय :7 से11  अक्टूबर के बीच के समय में लोगों के मन में समाज में समुदायों एवं दो देशों के बीच में तनाव विशेष अधिक बढ़ जाने का समय है | ऐसे समय में जिन्हें पहले से कोई तनाव चला आ रहा होगा उन्हें इस समय में अधिक परेशानी होगी | जिनके साथ ऐसा नहीं है इस समय में बेचैनी उनकी भी बढ़ेगी किंतु उन्हें अधिक परेशानी का अनुभव नहीं होगा |
उत्पात का समय: 6 से11 अक्टूबर तक एवं 19 से 24 अक्टूबर के बीच उल्कापात बज्रपात जैसी प्राकृतिक घटनाएँ घटित हो सकती हैं |इस समय में आकाश से पाताल तक संपूर्ण प्रकृति में बेचैनी बढ़ेगी| इसीलिए इन दिनों में भूकंप ,बज्रपात एवं विमान दुर्घटना जैसे हिंसक हादसे घटित  हो सकते हैं |समय के दुष्प्रभाव से अकारण वाहनों का टकरा जाना,बसों का खाई में गिरजाना,दंगा फैलना,सरकारों एवं शासन के बिरुद्ध आंदोलन, देशों की  सीमाओं पर संघर्ष गोलीबारी तथा बमविस्फोट आदि हिंसक आतंकवादी घटनाओं के घटित होने की संभावना इस समय में अन्य समय की अपेक्षा अधिक रहती है |यहाँ तक कि सभी जीवों में मानसिक बेचैनी बढ़ने के कारण जीव अधिक हिंसक एवं आक्रमक हो सकते हैं |लोगों के चिंतन में हिंसा उन्माद की मात्रा  अन्य समय की अपेक्षा इन दिनों में अधिक बढ़ जाएगी !इसलिए परिवारों, जातियों, संप्रदाओं, समुदायों, देशों में आपसी तनाव बढ़ सकता है |अतएव इन दिनों में विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए

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