आमआदमीपार्टी के लिए शुभ नहीं हैं 'अ'अक्षर वाले नेतालोग ! भले ही वो अरविंद ,आशीष, आशुतोष जैसे नेता ही क्यों न हों लेनी उन्हें भी होगी विदाई !-ज्योतिष

आम आदमी पार्टी में निकलने और निकाले जाने का खेल तब तक यूँ ही चलता रहेगा जब तक 'अ' अक्षर से प्रारंभ नाम वाला एक भी व्यक्ति आम आदमी पार्टी  की प्रभावी भूमिका में रहेगा !-ज्योतिष  

म आदमी पार्टी हो या रविन्द केजरी वाल 'अ 'अक्षर ने कर रखा है सबका बुरा हाल !

आप स्वयं देखिए - शुतोष ,जीत झा,  अलकालांबा,शीष खेतान,अंजलीदमानियाँ ,आनंद जी,दर्शशास्त्री,सीम अहमद इसी प्रकार से जेश,वतार ,जय,खिलेश,निल,अमान उल्लाह खान  आदि और भी जो लोग हों 'अ' से प्रारम्भ नाम वाले वो कब किस बात को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना कर  पार्टी के कितने बड़े भाग को प्रभावित करके कितनी बड़ी समस्या तैयार कर दें कहना कठिन होगा !इससे पार्टी तो प्रभावित होगी ही सरकार भी प्रभावित होगी क्योंकि ये छोटी समस्या नहीं तैयार करेंगे !

     अभी भी आम आदमी पार्टी को सुरक्षित रखने का पहला रास्ता तो ये है कि सहनशीलता पूर्वक नाम वाले म आदमी पार्टी के सभी महापुरुष एक दूसरे की टाँग खिंचाई करना बंद कर  दें और  सबके क्षेत्र बाँटे जाएँ तथा किसी एक का महिमा मंडन न किया जाए ,सभी वालों के काम अलग अलग बाँटे जाएँ और सभी '' से प्रारम्भ नाम वालों को समान रूप से पूजा जाए !सबको महत्त्व देने का प्रयास किया जाए और जिसको कुछ कम सम्मान भी मिले तो  वो पार्टीहित को ऊपर रखकर उतने से ही काम चलाने की आदत डालें तो अभी भी एक सीमा तक टाले जा सकते हैं कई  प्रकार के विवाद !दूसरा रास्ता एक और है जिसमें कुछ ज्योतिषीय सावधानियाँ बरतनी होंगी और भी कुछ बात व्यवहार बदलने होंगे जो यहाँ लिखना संभव नहीं है अन्यथा यदि सबको पता लग ही गया तो उसका उतना प्रभाव उन लोगों पर पड़ना संभव नहीं होगा जिन पर पड़ना चाहिए !seemore...http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_10.html  

  इसी 'अ' अक्षर के कारण न्ना आंदोलन से जुड़े ग्निवेष , असीम त्रिवेदी और अंत में अन्ना हजारे समेत सबको न केवल अन्ना आंदोलन छोड़ना पड़ा अपितु आपस में  भी  सबके एक दूसरे से संबंध भी बिगड़ गए इसमें  न्ना और रविन्द में भी बढ़ गईं आपसी दूरियाँ आखिर क्यों ?

  वहाँ न्ना आंदोलन है तो यहाँ म आदमी पार्टी है बात तो वही है अक्षर भी वही 'अ' है वहाँ भी न्ना आंदोलन में भी 'अ' अक्षर वालों ने ही मिलजुलकर परिश्रम पूर्वक खूब लोकप्रियता बटोरी थी फिर स्वयं मिलजुलकर नष्ट भी कर दिया उस आंदोलन को !वही स्थिति यहाँ है मिलजुलकर परिश्रम पूर्वक लोकप्रियता इतनी बटोरी कि दिल्ली में प्रचंड बहुमत मिला पार्टी को किन्तु अब सब मिलजुलकर ही नष्ट कर देंगे इस लोकप्रियता को !

     सच्चाई ये है कि न वहाँ के हीरो अन्ना थे और न यहाँ के अरविंदकेजरीवाल हैं और यदि कोई हीरो बनना चाहेगा तो वही होगा जो राजग में नितीशकुमार और नरेंद्र मोदी के बीच हुआ था नरेन्द्रमोदी का बर्चस्व बढ़ते ही नितीश कुमार छोड़ गए थे 'राजग' !

     इसलिए आम आदमी पार्टी में उठा सारा बवंडर बर्चस्व का है जिसके लिए केवल इतने लोग ही जिम्मेदार हैं और ये सब 'अ'वाले आम आदमी पार्टी छोड़ने को तैयार बैठे हैं बशर्ते कोई बहन तो मिले !कुछ लोग अभी तो कुछ लोग कुछ रुक कर किन्तु इन 'अ' अक्षर वालों के किसी भी आचरण से न दमीपार्टी को कोई  लाभ होगा और न ही रविंदकेजरीवाल को और न ही ये आपस में ही एक दूसरे के लिए हितकर हैं इन्हें अरविंद के अनुशासन में रहना कतई बर्दास्त नहीं है इसलिए इस पार्टी और अरविन्द का आपसी निर्वाह तो कमजोर है ही किंतु ये लोग भी कोई न कोई विवाद ऐसा तैयार करते रहेंगे जो पार्टी को विवादित बनाए रहेगा । यहाँ तक कि इनकी हमदर्दी का बाह्य प्रदर्शन पार्टी के हित  में नहीं है और ये एक दो लोग नहीं हैं ।

       आप स्वयं देखिए काँग्रेस में रविंदर सिंह लवली और जय माकन के आपसी टकराव से दिल्ली में पार्टी का क्या हश्र हुआ !उन्हें रविंदर केजरीवाल की ओर देखने का मौका ही नहीं मिला वो आपस में ही जूझ रहे थे तीसरी ओर मितशाह जी ने अप्रत्यक्ष रूप से  दिल्ली भाजपा सँभाल रखी थी प्रत्यक्ष वो थे नहीं इसलिए यहाँ रविंद केजरी वाल दिल्ली की राजनीति में सबसे मजबूत पड़े तो जीते  ! 

       ये स्थिति केवल यहाँ की नहीं है ऐसा किसी पार्टी परिवार या संगठन में है तो नुक्सान हुआ है नामों के दो अक्षर एक साथ आते ही खतरा पैदा हुआ चाहें दो लोगों संगठनों पार्टियों प्रदेशों  देशों के नाम ही क्यों न हों !

     यही अक्षर के मर सिंह की जम खान  से नहीं पटी तो वो निकाले गए फिर खिलेश आए तो मर सिंह निकाले गए फिर एकमात्र अल्पसंख्यक चेहरा मानकर जम को मुलायम ने सँभालकर रखा है जबकि अपने बयानों से खिलेश सरकार के लिए समस्याएँ रोज तैयार करते हैं खैर !

दूसरी ओर इन्हीं अक्षर वाले मर सिंह की निलअंबानी,मिताभ बच्चन और अंत में जित सिंह जी के साथ कैसी निभ रही है आप स्वयं देखिए !

   रामदेव पर रामलीला मैदान में लट्ठ चले और कपड़े उतार कर भागना पड़ा दूसरी बार जल्दी मैदान छोड़कर निकले राजीवगांधी स्टेडियम के लिए तब हमारे पास कुछ पत्रकार मित्रों के फोन आए तो मैंने कहा अब वहाँ पिटेंगे किंतु अबकी बार भाग्य साथ दे गया और ये रुके अम्बेडकर स्टेडियम में तो बचाव हो गया !

  इसी प्रकार से जेडीयू के लिए जीतन राममाँझी, त्तर प्रदेश के लिए माभारती ,हाराष्ट्र के लिए नसे रियाणा के लिए विपा, गुजरात के लिए गुजरात परिवर्तन पार्टी आदि आदि क्या कर सकीं भाजपा को भारत की सत्ता में आने के लिए राजगावतार लेना पड़ा दिल्ली भाजपा के पाँच विजय जब से आस्तित्व में आए भाजपा विजय को तरस गई है वाही भाजपा लोक सभा में सारी  सीटें ले जाती है ।

 विजयेंद्रजी -विजयजोलीजी -विजय शर्मा जी       विजयकुमारमल्होत्राजी - विजयगोयलजी   
   लराजमिश्र-कल्याण सिंह,बामा-सामा,रूण जेटली- भिषेकमनुसिंघवी,मायावती-नुवाद
  रसिंहराव-नारायणदत्ततिवारी,लालकृष्णअडवानी-लालूप्रसाद,रवेजमुशर्रफ-पाकिस्तान                         
   नमोहन-मता-मायावती,,मुलायम -मायावतीर,मरसिंह - जमखान - खिलेशयादव 
      मर सिंह - निलअंबानी - मिताभबच्चन , प्रमोदमहाजन-प्रवीणमहाजन-प्रकाशमहाजन  आदि !

कुल मिलाकर ज्योतिष में नामों के द्वारा देखे जाने वाले नौ प्रकार के विधानों में यहाँ केवल एक अक्षर से सम्बंधित  एक प्रकार के उदाहरण  यहाँ प्रस्तुत किए गए हैं किंतु ऐसी समस्याएँ नौ प्रकार से होती हैं और जहाँ जहाँ जिन जिन के साथ ये समस्याएँ होती हैं ऐसे लोगों की पहले आपस में पटती भी बहुत है और फिर  विद्वेष भी भयंकर होता है जिसे सँभालपाना पंडित और पुजारियों के बश का भी नहीं है कोई डिग्रीहोल्डर ज्योतिष वैज्ञानिक ही परिश्रम पूर्वक निकल सकता है इसमें कोई रास्ता हमारा तो थीसिस का विषय ही यही रहा !
      बंधुओ ! घर के किसी सदस्य का नाम रखना या समाज के किसी संगठन पार्टी आदि से जुड़ना या जोड़ना ,पार्टियों में पदाधिकार या टिकट आदि देना ,मालिक और नौकर का एक दूसरे के विषय में विचार पति पत्नी के संबंधों में ,साथ ही दिनों दिन हिंसक होते जाते प्रेमी प्रेमिकाओं के संबंधों में  कितनी बड़ी भूमिका है इस नाम विज्ञान की !कल्पना भी नहीं की जा सकती है कितना नफा नुक्सान उठा रहे हैं लोग कितने संगठन पार्टियाँ परिवार आदि बर्बाद हो गए या हो रहे हैं किंतनी जिंदगियाँ तवाह हो गईं किन्तु अभी भी कुछ लोग ज्योतिष को विज्ञान मानने के लिए तैयार नहीं हैं !यदि कोई आग को आग न माने तो आग उसे जलाना तो नहीं छोड़ देगी !
      खैर ,आम आदमी पार्टी में जो भगदड़ आज मची है इसके विषय में मैं बहुत पहले से समय समय पर लिखता आ रहा हूँ जिन लेखों के लिंक यहाँ पड़े हुए हैं मेरा आपसे निवेदन है कि आप इन्हें खोलकर अवश्य पढ़ें जिसमें लिखने के बाद किसी प्रकार की एडिटिंग नहीं की गई है इस पर न केवल विश्वास करना चाहिए अपितु जाँच भी कराई  जा सकती  है । क्योंकि ये सब कुछ लिखने का अंततः हमारा लक्ष्य न केवल ज्योतिष  की अपितु अपनी प्रमाणिकता सिद्ध करना है इसके लिए मुझे एवं मेरे ज्योतिष ज्ञान को किसी कसौटी पर कसा  जाए उसके लिए मैं तैयार हूँ ताकि अपनी प्राचीन विद्याओं को मैं समाज के सामने लाने में सक्षम हो सकूँ !
      यदि किसी भी संगठन ,पार्टी ,परिवार, समाज या स्त्री पुरुष को ज्योतिष संबंधी सेवाओं की आवश्यकता है तो वो हमसे संपर्क कर सकते हैं साथ ही हमारी सलाह तो सभी संगठनों एवं राजनैतिक पार्टियों को है कि वो अपने किसी भी पदाधिकारी एवं टिकटार्थी के विषय में चाहते हैं कि बाद में तनाव न तैयार हो  लोगों को चाहिए कि वो हमारे यहाँ संपर्क करके नियमानुशार हमारी सेवाएँ ले सकते हैं ! निजी ज्योतिष सेवाओं के लिए हमारा  संपर्क सूत्र -See More....http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_10.html  

  आम आदमी पार्टी में जो कुछ आज हो रहा है उसमें मुझे कुछ नया होता नहीं दिख रहा है ज्योतिषीय दृष्टि से ये 'आप' के जन्म के साथ ही निश्चित हो चुका था इस विषय में समय समय पर पहले भी हमारे लेखों में ज्योतिषीय चेतावनियाँ दी जाती रही हैं जो आज सही होते दिख रही हैं फिर भी जो लोग कहते हैं कि ज्योतिष विज्ञान नहीं  है उसमें ज्योतिष का क्या दोष ?आप पढ़ें 'आप' के विषय में लिखे गए हमारे  पुराने ज्योतिषीय लेख - 

Thursday, 18 October 2012


अन्ना और अरविन्द में आपसी दूरी क्यों ?क्यों बिगड़े अन्ना और अरविन्द के आपसी सम्बन्धsee more... http://snvajpayee.blogspot.in/2012/10/anna-arvind-ki-aapasi-duri-kyon.html

Sunday, 25 November 2012
आम आदमी पार्टी में अरविन्द जी का भविष्य ?seemore... http://snvajpayee.blogspot.in/2012/11/blog-post_2833.html

Friday, 30 November 2012
आम आदमी पार्टी और अरविन्द ,आम आदमी पार्टी  और अरविन्द  जी एवं ज्योतिष seemore... http://snvajpayee.blogspot.in/2012/11/blog-post_9715.html

Sunday, 3 March 2013
अरविन्द केजरीवाल की गुडबिल दिनों दिन गड़बड़ाती जा रही है? अरविन्द केजरीवाल  और आम आदमी पार्टीseemore...http://snvajpayee.blogspot.in/2013/03/blog-post_4860.html
Monday, 11 March 2013
अरविन्द केजरीवाल फँसे के झंझट में !अरविन्द केजरीवाल  और आम आदमी पार्टीseemore... http://snvajpayee.blogspot.in/2013/03/drvajpayee.html
Friday, 29 March 2013
आम आदमी पार्टी बनते ही अरविन्द का करिश्मा समाप्त ? आम आदमी पार्टी  और अरविन्द  जी एवं ज्योतिष 
http:/snvajpayee.blogspot.in/2013/03/blog-post_8869.html

Friday, 29 March 2013
अरविन्द केजरीवाल जी के लिए आम आदमी पार्टी शुभ नहीं है !   आम आदमी पार्टी  और अरविन्द  जी एवं ज्योतिष seemore..http://snvajpayee.blogspot.in/2013/03/blog-post_9531.html

Wednesday, 20 November 2013

अन्ना एवं अरविन्द केजरी वाल के बीच बढ़ते विवाद के विषय में ज्योतिषीय सफाई !see  more... http://snvajpayee.blogspot.in/2013/11/blog-post_681.html 

Saturday, 7 December 2013
क्या है अरविन्द का भविष्य आम आदमी पार्टी में ?  अरविन्द केजरीवाल से यदि अन्नाहजारे की नहीं पटी तो पटेगी आम आदमी पार्टी की भी नहीं !seemore... http://snvajpayee.blogspot.in/2013/12/blog-post_7.html

Sunday, 12 January 2014
  आम आदमी पार्टीं एवं अरविन्द का आगे क्या होगा राजनैतिक भविष्य -ज्योतिषsee more...http://samayvigyan.blogspot.in/2014/01/blog-post_7471.html

Monday, 13 January 2014
आम आदमी पार्टी को अरविन्द स्वयं छोड़ देंगे अन्यथा हटा दिए जाएँगे - डॉ. एस .एन.वाजपेयी-'ज्योतिष वैज्ञानिक' !!! seemore... http://snvajpayee.blogspot.in/2014/01/blog-post_13.html

सोमवार, 13 जनवरी 2014
आम आदमी पार्टी का भविष्य बहुत अच्छा नहीं दिखता है -ज्योतिषआम आदमी पार्टी  क्या अपनी साख बचाने एवं बनाने में  सफल हो पाएगी ?seemore....http://bharatjagrana.blogspot.in/2014/01/blog-post_13.html

 आमआदमीपार्टी में केजरीवाल जी कब तक रह पाएँगे या रखे जा पाएँगे और कैसे चला पाएँगे सरकार !-ज्योतिष see more... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/02/blog-post_13.html

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