उनकी ज्योतिष सेवा तो वस्तुतः बहाना है मुख्य काम तो नग नगीना यंत्र तंत्र ताबीज बेचने के लिए अपने चंगुल में फँसाना होता है !
ज्योतिष संबंधी फ्री सेवाओं के शौकीन लोगों को पाखंडियों के बुने षड्यंत्र में फँसने के लिए तैयार रहना चाहिए !
बंधुओ !ज्योतिष बहुत कठिन विद्या है बहुत परिश्रम एवं वर्षों तक त्याग बलिदान पूर्वक गुरुओं की सेवा सुश्रूषा करके ज्योतिष को पढ़कर किसी प्रमाणित सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से जो व्यक्ति डिग्री लेगा वो फ्री में ज्योतिष सेवाएँ देगा तो खाएगा क्या ?अपने बच्चे कैसे पालेगा घर गृहस्थी की जिम्मेदारियों का निर्वाह कैसे करेगा ?आदि आदि !
कोई भी व्यक्ति नहीं चाहेगा कि स्वयं वो या उसके बच्चे इतना पढ़ लिख कर भी अपने एवं अपने घर परिवार को भूलकर समाज सेवा में ही लगे रहें साथ ही ये भी कोई नहीं चाहेगा कि उसके काम की कीमत समाज अपनी श्रद्धा के अनुशार दे !वस्तुतः किसी ज्योतिषी से ऐसी अपेक्षा क्यों कि वो फ्री सेवा देगा !कोई डॉक्टर इंजीनियर वकील आदि जब अपनी निर्धारित फीस लेते हैं तभी तो वो काम ठीक से कर पाते हैं फिर कोई ज्योतिष वैज्ञानिक यदि वास्तव में डिग्री होल्डर ज्योतिषी होगा तो फ्री सेवा कैसे देगा ?इसलिए फ्री सेवा देने का दंभ भरने वाले ज्योतिषियों की सर्व प्रथम ज्योतिषी क्वालिफिकेशन देखनी चाहिए कि ज्योतिष सब्जेक्ट से किस विश्व विद्यालय से क्या किया है ?क्योंकि ऐसे लोगों के पढ़े लिखे ज्योतिषी होने की संभावनाएँ बिलकुल न के बराबर होती हैं !
दूसरी बात ऐसे लोग फ्री सेवा देने के नाम पर कुछ लें न लें नग नगीने आदि बेचकर उससे मोटा कमीशन ले लेते हैं तो बात तो वहीँ पहुँच जाती है !ऐसे लोग तरह तरह के ड्रामे करते हैं जैसे शर्दी का सीजन आया तो 'शर्दी मोचन कवच' बेचने लगे और गर्मी आई तो गर्मी 'निरोधक मणि' बेचने लगे और वर्षात में 'वर्षामुक्ति महा यंत्र' स्वाइन फ्लू फैला तो स्वाइन फ्लू मुक्ति महा शांति बेचने लगे और डेंगू फैला तो डेंगू पीड़ानिवारण धूप बेचने लगे !और सब में कमीशन सब में पैसे और सब झूठ का ही खेल होता है ।
बंधुओ !ज्योतिष बहुत कठिन विद्या है बहुत परिश्रम एवं वर्षों तक त्याग बलिदान पूर्वक गुरुओं की सेवा सुश्रूषा करके ज्योतिष को पढ़कर किसी प्रमाणित सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से जो व्यक्ति डिग्री लेगा वो फ्री में ज्योतिष सेवाएँ देगा तो खाएगा क्या ?अपने बच्चे कैसे पालेगा घर गृहस्थी की जिम्मेदारियों का निर्वाह कैसे करेगा ?आदि आदि !
कोई भी व्यक्ति नहीं चाहेगा कि स्वयं वो या उसके बच्चे इतना पढ़ लिख कर भी अपने एवं अपने घर परिवार को भूलकर समाज सेवा में ही लगे रहें साथ ही ये भी कोई नहीं चाहेगा कि उसके काम की कीमत समाज अपनी श्रद्धा के अनुशार दे !वस्तुतः किसी ज्योतिषी से ऐसी अपेक्षा क्यों कि वो फ्री सेवा देगा !कोई डॉक्टर इंजीनियर वकील आदि जब अपनी निर्धारित फीस लेते हैं तभी तो वो काम ठीक से कर पाते हैं फिर कोई ज्योतिष वैज्ञानिक यदि वास्तव में डिग्री होल्डर ज्योतिषी होगा तो फ्री सेवा कैसे देगा ?इसलिए फ्री सेवा देने का दंभ भरने वाले ज्योतिषियों की सर्व प्रथम ज्योतिषी क्वालिफिकेशन देखनी चाहिए कि ज्योतिष सब्जेक्ट से किस विश्व विद्यालय से क्या किया है ?क्योंकि ऐसे लोगों के पढ़े लिखे ज्योतिषी होने की संभावनाएँ बिलकुल न के बराबर होती हैं !
दूसरी बात ऐसे लोग फ्री सेवा देने के नाम पर कुछ लें न लें नग नगीने आदि बेचकर उससे मोटा कमीशन ले लेते हैं तो बात तो वहीँ पहुँच जाती है !ऐसे लोग तरह तरह के ड्रामे करते हैं जैसे शर्दी का सीजन आया तो 'शर्दी मोचन कवच' बेचने लगे और गर्मी आई तो गर्मी 'निरोधक मणि' बेचने लगे और वर्षात में 'वर्षामुक्ति महा यंत्र' स्वाइन फ्लू फैला तो स्वाइन फ्लू मुक्ति महा शांति बेचने लगे और डेंगू फैला तो डेंगू पीड़ानिवारण धूप बेचने लगे !और सब में कमीशन सब में पैसे और सब झूठ का ही खेल होता है ।
बंधुओ !स्वार्थ से भरे इस संसार में लोग जन्म देने वाले माता पिता तक
की सेवा फ्री में कितने लोग कर पाते हैं आजकल तो 'स्वार्थ नहीं तो सेवा
नहीं' ऐसी परिस्थिति में कोई किसी और को अपनी ज्योतिष एवं वास्तु सेवाएँ
फ्री क्यों देगा और देगा तो भ्रष्टाचार करेगा या आपको नग नगीने यंत्र
तंत्र ताबीज पहनने को बोलेगा जिसमें आधा उसका कमीशन होता है तो ये फ्री
कैसे हुआ !ये तो आपको अपने बने षड्यंत्र में फँसा कर फ्री सेवा देने का झाँसा दिया गया माना जाएगा !
इसलिए यदि
कोई ज्योतिष के क्षेत्र में एजुकेटेड है और अपने काम के प्रति ईमानदार है
और वास्तव में आपके ज्योतिषीय जरूरतों के लिए परिश्रम करना चाहता है तो
अपनी आजीविका (रोजी रोटी)के साथ समझौता वो कैसे कर सकता है !जिसने दस बारह
वर्ष स्कूलों में ज्योतिष पढ़ने के लिए परिश्रम किया होगा विद्वान गुरुओं से
सेवा करके विद्या ली होगी ऐसे सुशिक्षित महत्वाकाँक्षी
ईमानदार लोगों से फ्री सेवा लेने के लिए या कुछ धन ,वस्त्र ,फल, मीठा आदि
देकर,रो धोकर अपनी मजबूरियाँ बता कर आप उन्हें बेवकूफ नहीं बना सकते!
क्योंकि अधिकांश ज्योतिष वैज्ञानिकों का ये अनुभव है कि ऐसे पीड़ित बन कर
पेश होने वाले लोग बुरा समय निकल जाने पर ज्योतिषियों के साथ सम्मान जनक
व्यवहार नहीं करने लगते हैं !इसलिए मुसीबत के समय भी अपना काम अच्छे ढंग से
कराने के लिए जैसे आप वकीलों,डॉक्टरों आदि को उनकी निर्धारित
शुल्क(फीस)देते हैं तो ज्योतिषी से फ्री सेवा की आशा क्यों ?
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