तंत्र मंत्र ज्योतिष एवं धर्म के क्षेत्र में गधों को घोड़े बनाने की फैक्ट्री हैं टीवी चैनल !

फर्जी डिग्री वाले तांत्रिकों ज्योतिषियों वास्तुवालों एवं कालसर्पियों के साथ साथ ऐसे टीवी चैनलों अखवारों पर भी की जाए कठोर कार्यवाही जो ऐसे अंध विश्वास को फैलाने में हिस्सा लेकर ऐसे लोगों का प्रचार प्रसार करते हैं !भविष्य बताने और भाग्य चमकाने के नाम पर इतने ड्रामे इतनी नाटक नौटंकी !खुले आम फैलाया जा रहा है अंधविश्वास !सरकारें शांत कानून  मौन !इन पाखंडियों का विरोध करे कौन ! 
     दीपावली जैसे त्योहारों में या वैसे भी भाग्य बनाने बदलने और चमकाने वाले धार्मिक पाखंडियों ने नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीजों की सजा रखी होती हैं बड़ी बड़ी दुकानें !और झोंक रहे होते हैं अच्छे अच्छे पढ़े लिखे लोगों की आँखों में धूल !कर रहे होते हैं अनाफ सनाफ बकवास !जिन बातों का शास्त्रों में कहीं कोई जिक्र ही नहीं होता है ऐसा सौ प्रतिशत झूठ टीवी चैनलों पर खुले आम बेचा जा रहा होता है !इस प्रकार से भाग्य सजाने सँवारने के नाम पर धोखा धड़ी के द्वारा इकठ्ठा की गई धनराशि से टीवी चैनल वालों को उनका हिस्सा दे दिया जाता है जिससे टीवी वाले खुश खुद भी खुश जनता मरे तो मरे !बारी ज्योतिष बारे ज्योतिषी !!
    तंत्र मंत्र ज्योतिष एवं धर्म से जुड़े अशिक्षित लोग टीवी चैनलों पर बकवास करते करते अपने आप को विद्वान  सिद्ध कर लेते हैं !अब जरूरी हो गया है कि  ज्योतिष वास्तु एवं तंत्र मंत्र  से जुड़े पाखंडों को मिटाने  के लिए भी बने कठोर कानून !और कड़ाई से किया जाए उसका पालन !साथ ही बिना पढ़े लिखे फर्जी झोलाछाप ज्योतिषकर्मियों को रोकने के लिए भी बनाया जाए कठोर कानून !
    बंधुओ ! ऐसे बनावटी फर्जी लोग तरह तरह के दावे करके फँसा लेते हैं भोले भाले समाज को !आखिर उनसे क्यों नहीं पूछा जाता है कि आपके दावों की सच्चाई क्या है आपकी बातों का आधार क्या है इनके प्रमाण किन ग्रंथों में हैं आपने ये बकवास पढ़ी किस विश्व विद्यालय से है उसके डिग्री प्रमाण पत्र कहाँ हैं और नहीं पढ़ी तो क्यों बना रहे हो दूसरों को बेवकूफ ?ऐसे टीवी चैनलों ,अखवारों को भी प्रतिबंधित किया जाए जो अयोग्य ,अप्रमाणित एवं सम्बंधित विषयों में बिना डिग्री प्रमाण पत्र वाले लोगों का विज्ञापन करते हैं । ऐसे विज्ञापन माध्यमों को अंधविश्वास फैलानेवाला मानते हुए उन पर की जाए दंडात्मक कार्यवाही !
    बिना पढ़े लिखे फर्जी झोलाछाप ज्योतिषकर्मियों को रोकने के लिए बनाया जाए कठोर कानून !या फिर सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों में बंद किया जाए ज्योतिष डिपार्टमेंट !जब उसका कोई महत्त्व ही नहीं है  ऐसे ज्योतिष पाठ्यक्रम को पढ़वाने के लिए सरकार क्यों खर्च कर रही है  भारीभरकम धनराशि !
   धर्म एवं धार्मिकता की आड़ में सेक्स और कालेधन का फल फूल रहा है बड़ा करोबार !धार्मिक एवं शास्त्रीय तस्करों की पहचान किए बिना अपराधों पर लगाम लगाना कठिन !
    मेडिकल की तरह ही ज्योतिष विषय की डिग्रियों का महत्त्व समझे समाज !अन्यथा आजकल बिना डिग्री वाले ज्योतिष पढ़े लिखे लोग तो कम हैं बाकी ज्योतिष के नाम पर चोर छिनार लुच्चे लफंगों जैसे समाज शत्रुओं ने सजा रखी हैं भाग्य बदलने की अपनी दुकानें  !ऐसे लोग भी अपने को ज्योतिषी कहने लगे हैं जिनका ज्योतिष से दूर दूर  सम्बन्ध ही नहीं है ।
     बंधुओ ! ऐसे लोग आपकी बहन बेटियों के मन में कभी भी कोई बहम डालकर उसके जीवन से कर सकते हैं बड़ा से बड़ा खिलवाड़ !और यदि वो लज्जा के कारण मन ही मन घुटती रही और आपसे बता भी न सकी मन की बात तो जब आपको पता लग पाए तब तक कहीं देर न हो जाए !क्योंकि पाखंडी लोग उन्हें फँसाने के लिए हर तरह के जाल बिछाए बैठे हैं ये अपने को ज्योतिष का सबसे बड़ा विद्वान बताते हैं हर मनोकामना को सफल करने का आश्वासन देते हैं अपने हर पाखंड को अपना रिसर्च बताते हैं हर विषय का अपने को स्पेस्लिस्ट बताते हैं ऐसे लोग आपको अपने षड्यंत्रों में फँसाने के लिए कुछ नेताओं अभिनेताओं के साथ फोटो भी बनवाकर रखते हैं दो चार मेडल वैडल भी खरीद कर पहन लेते हैं बड़े बड़े आफिस गाड़ी घोड़े आदि सारे वैभव का प्रदर्शन भी भोली भाली जनता को अपने षड्यंत्रों में फँसाने के करते हैं ,टीवी चैनल भी ऐसे गधों को घोड़े बनाने का काम भारी भरकम धनराशि लेकर कर रहे हैं ऐसे लोग नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीजों मणियों का भारी भरकम कारोबार भी करते हैं !
     बंधुओ !ईमानदार ज्योतिषियों के पास इतना धन हो ही नहीं सकता कि वो विज्ञापनों में फूँकते फिरैं दूसरा जो परिश्रम करके ईमानदारी पूर्वक कमाएगा वो वो टीवी वालों के मुख से ये कहलाने के लिए लालायित क्यों होगा कि ये विद्वान है !बंधुओ !कभी किसी पढ़े लिखे डॉक्टर को ऐसी हरकत करते देखा गया है क्या कि वो टीवी चैनल पर बैठकर अपनी महिमा का गुणगान स्वयं कर रहा हो ऐसे भद्दे आचरण तो ज्योतिष के नाम पर मूर्ख बनाकर धन  लूटने वाले लोग ही कर सकते हैं किंतु डाक्टरों इंजीनियरों की तरह ही ज्योतिष विद्वान लोग भी अपनी ज्योतिषीय डिग्रियों से ही पहचाने जा सकते हैं ,जो लोग ज्योतिष वास्तव में पढ़े ही होंगे वो किसी सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से ज्योतिष विषय में कोई प्रमाणित डिग्री क्यों नहीं लेंगे !
   बंधुओ ! पहले ज्योतिष आदि प्राचीन विषयों में डिग्रियों का प्रचलन नहीं था किंतु जब से चोर लुटेरे बलात्कारी आदि अंध विश्वास फैलाने वाले पाखंडी लोग ज्योतिष के क्षेत्र में घुसने लगे तब से आयुर्वेद की तरह ही ज्योतिष में भी डिग्रियों को ही ज्योतिष विद्वानों की पहचान माना जाने लगा और सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय ज्योतिष विभाग बनाकर ज्योतिष विषय में  पूर्ण प्रामाणिकता के साथ ज्योतिष का अध्ययन अध्यापन करवाने लगे और देने लगे एम.ए. के समकक्ष ज्योतिषाचार्य जैसी बड़ी डिग्रियाँ !अब कर्तव्य समाज का है कि वो ज्योतिष विज्ञान का लाभ लेने के लिए अन्धविश्वास से बचते हुए विशुद्ध ज्योतिष वैज्ञानिकों की खोज करे और उन्हीं से जुड़े !फर्जी ज्योतिषियों ने धूमिल की है ज्योतिष शास्त्र की शाख ! मेडिकल की तरह ही फर्जी ज्योतिषियों पर भी लगाई जाए लगाम !
    फर्जी लोग ज्योतिष शास्त्र के द्वारा भाग्य बताने के नाम पर समाज को डरा धमकाकर फँसाते हैं अपने षडयंत्रों में ! उनसे वसूलते हैं अपनी शौक शान के लिए मोटी  मोटी  धनराशि !इनका शास्त्र से कोई संबंध नहीं होता ये ज्योतिष जानते भी नहीं हैं इसीलिए इन्हें कुंडली बनाना नहीं आता तो दिखाने के लिए कंप्यूटर रख लेते हैं और वेद दृष्टि से अनपढ़ होने के नाते वेद मंत्र  तो आते नहीं हैं इसलिए उपायों के नाम पर जितना भी ऊट पटांग मुख में आ जाता है वो सब बोल जाते हैं और बेच लेते हैं महँगे महँगे नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीज कवच कुण्डल मणि आदि !जिसका उपायों शास्त्रों धर्म ग्रंथों से कोई संबंध नहीं होता है !आज सबसे बड़ी चुनौती इस बात की है कि ऐसे लोगों से शास्त्र की पवित्रता आखिर कैसे बचाकर रखी जाए !
     बंधुओ ! ज्योतिष शास्त्र की गरिमा की रक्षा के लिए बनाए जाएँ कठोर कानून और दृढ़ता पूर्वक कराया जाए उनका अनुपालन ! इनकी बताई बातों और उपायों का ज्योतिष शास्त्र से कोई संबंध नहीं होता !ज्योतिष कार्यालय ,आफिस रिसर्च सेंटरों ,अनुसंधानों के नाम पर खोली गई हैं जगह जगह दुकानें किंतु उनमें बैठ कर ज्योतिष को बेचने वाले लोगों की ज्योतिष क्वालीफिकेशन भी तो चेक की जानी चाहिए ,आज समाज में अपने को ज्योतिष गुरु जैसे बड़े नामों से सम्मानित करने या बाजार से खरीदकर गोल्ड मेडल पहन कर घूमने वाले लोग तब तक विश्वसनीय नहीं हैं जब तक डॉक्टरों की तरह इनकी भी ज्योतिष क्वालीफिकेशन का ठीक ठीक ढंग से पता न लगा लिया जाए !
   सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों से ज्योतिष सब्जेक्ट में ज्योतिषाचार्य (M.A.in Jyotish) की डिग्री लेने के लिए सरकार के द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ने वाले विद्यार्थियों आखिर क्यों हो रहा है अन्याय ! उन्हें तो लगातार कई वर्षों तक परिश्रम पूर्वक ज्योतिष की पढ़ाई करके अन्य विषयों की तरह ही परीक्षा पास होने पर मिलती है 'ज्योतिषाचार्य' की डिग्री वही 'ज्योतिषाचार्य'की डिग्री बिना पढ़े लिखे लोग धड़ल्ले से लगा रहे हैं अपने नाम के साथ, टीवी एंकरों से बोलवा रहे हैं अपने विषय में और टीवी वाले बोल रहे हैं उन्हें ज्योतिषाचार्य आखिर क्यों ?
    क्या सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों की पढ़ाई और उनकी डिग्रियों का कोई महत्त्व नहीं है !ज्योतिषियों की योग्यता परखने के लिए ज्योतिष डिग्री,प्रमाण पत्र या किसी ज्योतिषी के विषय में आपका निजी अनुभव हो किंतु यदि कोई ज्योतिष पढ़ा लिखा ही होगा तो किसी  विश्व विद्यालय से ज्योतिष सब्जेक्ट में डिग्री हासिल क्यों नहीं करना चाहेगा !  
केवल  बकवास के बल पर ज्योतिषी -
     जैसा कि आप सभी लोग जानते हैं कि टीवी चैनलों पर तो लोग अपना  अपना विज्ञापन करने जाते हैं और विज्ञापनों में की गई प्रशंसा सच्चाई से कोसों दूर होती है इसीलिए टीवी चैनलों पर ज्योतिष बोलने वाले अधिकांश या 99 प्रतिशत ज्योतिषकर्मियों की ज्योतिष संबंधी न कोई शिक्षा होती है और न ही उनका ज्योतिष से कोई संबंध किंतु वो ज्योतिष से केवल जुड़े ही इसलिए होते हैं क्योंकि ज्योतिष में फर्जी डिग्री वाले पकड़े नहीं जाते हैं यदि उन्हें ये सुविधा मेडिकल के क्षेत्र में भी मिली होती तो ये सब इतने काबिल और लप्फाज लोग हैं कि  जिसके पेट में पथरी होती उसका पेट फाड़कर निकाल लेते पथरी मरीज बचता या मरता ये और बात है किंतु ये लोग पथरी तो निकालकर छिपा देते और बड़े बड़े पहाड़ लोगों को दिखाते  और सबको बता रहे होते कि देखो लोगों के पेट से इतने बड़े बड़े पत्थर निकाले हैं हमने टीवी चैनलों पर भी बैठकर बता रहे होते यही अपनी वीर गाथा और दिखा रहे होते बड़े बड़े पहाड़ ! टीवी वाले ज्योतिषियों का आतंक ही ऐसा है कि ये कुछ भी बता समझा सकते हैं कोई नहीं मानेगा तो कह देंगे कि हमने इन्हीं पत्थरों पर रिसर्च की है साथ ही ये विद्या ही मैंने खोजी है आदि आदि जैसे आज ज्योतिष में हाँक रहे होते हैं बिलकुल उसी तरह चिकित्सा क्षेत्र का भी चूस रहे होते खून किंतु चिकित्सा क्षेत्र को तो फर्जी डिग्री वाले कानून ने बचा  लिया किंतु ज्योतिषशास्त्र का खून चूसने में जोंक बनकर लगे हुए हैं देखो कब सरकारें चेतती हैं और बनती हैं ज्योतिष के क्षेत्र को भी नियंत्रित और पवित्र करने के लिए कोई कठोर कानून !
     बड़े बड़े नेताओं के साथ फोटो बना लेने से या बाजारू मेडल पहन लेने से यदि कोई डॉक्टर इंजीनियर नहीं बन सकता है तो कोई ज्योतिष बिना पढ़े ज्योतिषी कैसे बन सकता है!
      बंधुओ !आप अपनी किसी बीमारी के विषय में जब किसी डॉक्टर  के पास जाते हैं तो  पहले उसकी क्वालीफिकेशन देखते हैं तब उससे इलाज करवाना प्रारंभ करते हैं किंतु ज्योतिष और वास्तु के विषय में आप ऐसा करना जरूरी क्यों नहीं समझते हैं दूसरी बात यदि डॉक्टर ,इंजीनियर आदि बनने के लिए किसी सरकारी विश्वविद्यालय से डिग्री लेनी पड़ती है तो ज्योतिषी बनने के लिए केवल बकवास ही पर्याप्त है क्या ?
     वो भी तब जबकि ज्योतिष सब्जेक्ट की डिग्री भी वैसे ही सरकारी विश्वविद्यालयों से उसी प्रकार से लेनी पड़ती है जैसे अन्य विषयों की किंतु जो लोग ऐसा नहीं करते उन्हें प्रमाणित ज्योतिषी कैसे माना जाए ?और यदि वे वास्तव में पढ़े लिखे हैं तो उन्हें ऐसा करने में आपत्ति क्या है?
  इसलिए आपको ज्योतिषियों की योग्यता भी डॉक्टर ,इंजीनियरों की तरह ही परखनी चाहिए देखें हमारे विषय में भी seemore... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/p/blog-page_7811.html

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