पूर्वी भारत में भूकंप के झटके 24-8-2016 \ 16.5 बजे !

    भूकंप का केंद्र म्यांमार में जमीन से 58 किमी. नीचे था। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.8 मापी गई।
    " म्यांमार से लेकर पूर्वोत्तर भारत में पश्चिम बंगाल ,उत्तरप्रदेश ,बिहार ,झारखंड,उड़ीसा ,असम, अरुणाचलप्रदेश, नगालैंड, त्रिपुरा, मणिपुर और मिजोरम आदि में  भूकंप का तगड़ा झटका महसूस किया गया। कोलकाता, पटना, दरभंगा, गुवाहाटी और लखनऊ में भूकंप के झटके महसूस किए गए।"
    भूकंप से प्रभावित प्रदेशों में पिछले 4 महीने से भीषण वर्षा और बाढ़ से मची त्राहि त्राहि प्रभाव पूर्वक अब तुरंत समाप्त हो जाएगी इस भूकंप से प्रभावित प्रदेशों में पिछले 4 महीने से चली आ रही वर्षात अब तुरंत बंद हो जाएगी ! बाढ़ पे अतिशीघ्र अंकुश लग जाएगा नदियाँ कुएँ तालाब आदि बाढ़ की अतिविशाल जल राशि को अतिशीघ्र स्वयं पी जाएँगे !पूर्वी क्षेत्रों में समुद्र  के समान फैला बाढ़ का यह विशाल पानी  कुछ ही दिनों में अतिशीघ्र सूख कर गया कहाँ इसका अनुमान भी लगाना कठिन होगा ! भूकंप से प्रभावित बाढ़ पीड़ित प्रदेशों की असहाय सरकारें एवं आपदा प्रबंधन विभाग राहत की सांस लेगा !सरकारें एवं आपदा प्रबंधन विभाग पूर्वोत्तर भारत की जिस बाढ़ को देखकर लाचार है वह अतिशीघ्र स्वयं समाप्त हो जाएगी !यहाँ तक कि जमीन की नमी बहुत जल्दी सूख जाएगी तथा अग्नि एवं गर्मी से संबंधित प्रकोप बढ़ेंगे पित्त प्रकुपित होने से संभावित बीमारियाँ फैलेंगी !
       पूर्वोत्तर भारत में असंतोष पनपेगा !यहाँ के लोग आपस में एक दूसरे के साथ हिंसक वर्ताव करने लगेंगे !चीन,बांग्लादेश आदि पर विश्वास करना भारत सरकार  अविलम्ब बंद कर दे अन्यथा चीन की ओर से भारत को कभी भी कोई भी बड़ी से बड़ी चोट दी जा सकती है भारत सरकार को चाहिए कि अगले 6 महीने के लिए चीन से किसी भी प्रकार की न कोई मेल मिलाप संबंधी बात करे और न ही चीन की किसी बात पर भरोसा करे । 
     वर्षा बाढ़ एवं भूकंप आदि विषयों से सम्बंधित पूर्वानुमान लगाने में मौसम विभाग एवं भूकंप विज्ञान विभाग पूरी तरह कन्फूज्ड है उन्हें समझ में ही नहीं आता है कि वर्षा  संबंधी पूर्वानुमानों को लेकर कब क्या बकें !अक्सर उनके अनुमान आधार विहीन होते हैं तीर तुक्के लगाते हैं जो सच हो जाता है तो अपनी पीठ  थपथपा लेते हैं और जो नहीं सच होता है वो तो नहीं ही होता है । जब पानी बरसने लगता है तो वो दो दो दिन करके बढ़ाते चले जाते हैं । जब भूकंप आ जाता है तो वही घिसी पिटी धरती के अंदर की प्लेटों की कहानियाँ सुनाने लगते हैं डेंजर जोन गिना देते हैं रेक्टर स्केल की नाप बता देते हैं और जमीन के कितने किलोमीटर अंदर से भूकंप आया था वो बता देते हैं ! 

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