कश्मीर में भूकंप, 24-8-2017\ 2.22AM,तीव्रता 5.00\'चन्द्रज' भूकंप

इस भूकंप का फल - 
     इस समय भूकंप की सूचना के अनुशार भारत पकिस्तान के बीच लम्बे समय से चलते आ रहे संघर्ष  को घटाने के प्रभावी प्रयास किए जा सकते हैं जिनमें सफलता मिलने की संभावना विशेष अधिक होगी !भारत और पाकिस्तान की सीमा में रहने वाले लोगों की मानसिकता बदलने का संकेत देता है भूकंप |फिर भी भारत विरोधी लक्ष्य लेकर जीने वाले आतंकवादियों से तो सतर्कता बरती जानी ही चाहिए किंतु स्थानीय लोगों  में इस समय उन्माद की मात्रा अत्यंत घटती चलीजाएगी | आतंकवादियों को इस समय यहाँ के लोगों का पत्थरबाजी और पागलपन जैसा बिल्कुल सहयोग नहीं मिलेगा जिससे निराश हताश आतंकी कोई चोट देने में भले सफल हो जाएँ बाकी सामान्य रूप से अगले 6 महीनों तक यहाँ का वातावरण शांतिप्रिय बना रहेगा ! जम्मू कश्मीर में फैले उन्माद की शांति की घोषणा करती भूकंपीय शक्तियाँ !भारत और पकिस्तान के आपसी संबंध सुधारने की मानसिकता बनाने की घोषणा !
      प्राचीन विज्ञान के हिसाब से चंद्र किरणों के प्रभाव से यह भूकंप प्रकट हुआ है 'चन्द्रज' भूकंप होने के कारण इसमें वर्षा और बाढ़ से सतर्कता बरती जानी चाहिए भारत पाक सीमा में पड़ने वाले नदी सरोवरों में जल की अत्यधिक वृद्धि होगी नदी सरोवरों के आस पास रहने वाले लोगों में जल जनित बीमारियों का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाएगा ! भूकंप का केंद्र चंद्र से संबंधित है इसलिए जम्मू-कश्मीर एवं उससे जुड़ी हुई पाक सीमा में पड़ने वाले नदियों तालाबों के किनारे और ऐसे जल के संपर्क में अधिक रहने वाले लोग जल जनित बड़ी बीमारियों के शिकार होंगे !
   इन क्षेत्रों में तालाब आदि के संपर्क में रहने वाले लोग नहाने धोने एवं पीने के पानी का भी विशेष सतर्कता से प्रयोग करें क्योंकि उसका असर विपरीत होने की अधिक संभावनाएँ रहेंगी !सीमा पर तैनात सैनिकों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष सावधानी बरती जानी चाहिए |पत्थरवाजों से निरंतर जूझते सेना के जवानों को सतर्कता तो बरतनी ही पड़ेगी किंतु इस 'चन्द्रज'भूकंप के बाद इस क्षेत्र में उत्तेजना फैलाने वाले वर्ग को भी सद्बुद्धि आएगी !12 -10-2017 तक के लिए वातावरण शांत हो जाएगा ! भारत पाक सीमा पर ये शांति28-02-2018 तक रहेगी !
     इसी समय तक जलजनित कई बड़ी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं यहाँ रहने वाले लोग ! कुल मिलाकर पानी के प्रदूषण से प्रदूषित वायु का स्पर्श होने से भी हो सकती हैं उल्टी दस्त एवं ज्वर जैसी अधिक दिनों तक चलने वाली कई बड़ी बीमारियाँ सरकार इनसे बचाव के लिए समय रहते यदि सचेत नहीं हो सकी तो उपर्युक्तसमय तक ये बीमारियाँ सरकार के नियंत्रण से बाहर भी जा सकती हैं पानी के किनारे रहने वाली जनता इन्हीं बीमारियों से  विशेष परेशान होगी | 
     इस भूकंप  से नदी के किनारे बसने वाले लोगों की क्षति होगी । जल जनित बीमारियों जैसी बड़ी बाधाएँ निकट भविष्य में अधिक होना संभव हैं।इस भूकंप का विशेष प्रभाव 12 -10-2017 तक रहेगा !भारत पाक सीमा पर ये शांति28-02-2018 तक रहेगी किंतु जैसे जैसे समय बीतता जाएगा वैसे वैसे भूकंप का प्रभाव घटता जाएगा और भूकंप से सम्बंधित कही गई बातें भी सामान्य होती चली जाएँगी !  
   इस  क्षेत्र में जलजनित गैसों के प्रकोप से ये भूकम्प आया  है और उन्हीं गैसों के प्रकोप से ज्वर आदि बीमारियाँ अचानक बढ़ती चली जाएँगी !जैसे जैसे समय बीतेगा वैसे वैसे स्थिति सामान्य  होती जाएगी | 

      पुनः  इस भूकंप  से नदी के किनारे बसने वाले लोगों की बहुत बड़ी क्षति होगी । जल जनित बीमारियों से बचने के लिए नदी तालाब आदि के जलों के संपर्क में रहने से अधिक से अधिक बचने का प्रयास करें 

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