एक दूसरे के ग्रहों को देखकर किया गया प्यार बीच में न तो टूटता है और न ही तनाव या दुर्घटना का कारण ही बनता है !जानिए क्यों ?
लड़के हों या लड़कियाँ प्यार नामक खतरनाक खेल खेलते आखिर क्यों हैं और इससे बचा या निकला आखिर कैसे जा सकता है इसे जानने का एक मात्र रास्ता है ज्योतिष में -जानिए कैसे !
विवाह ,उपविवाह(प्यार) इसी प्रकार मैरिज और सब मैरिज आदि महिलाओं के साथ के बिना अकेले कैसे संभव हैं दोनों की सहमति से ही हो पाता है यह तथाकथित प्यार अथवा विवाह !
बंधुओ ! प्यार
का खेल दिनोंदिन खतरनाक होता जा रहा है अब तो प्रेमी जोड़े भी आपस में एक
दूसरे की हत्या तक करने लगे हैं यहाँ तक कि उनके घर वाले भी ऐसे लड़के लड़कियों के साथ हिंसक बर्ताव करने लगे हैं!देश का मीडिया कानून व्यवस्था राजनीति सरकारें सामाजिक निजी संस्थाएँ भी महिला सुरक्षा के लिए चिंतित दिखाई देती हैं फिर भी महिला सुरक्षा के नाम पर कुछ विशेष हासिल भी नहीं हो पा रहा है बलात्कारियों के लिए फाँसी जैसी कठोर कानून व्यवस्था भी उन्हें भयभीत नहीं कर पा रही है आखिर क्यों नहीं रोकी जा पा रही हैं बलात्कारों की दुखद घटनाएँ ? सरकारों एवं पुलिस प्रशासन के सामने यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है कि अब और क्या उपाय किए जाएँ !
जहाँ तक बात वेषभूषा की है वो भी एक कारण हो सकता है किन्तु मुख्यकारण बासनात्मक चिंतन ही है जो मन का विषय है इसलिए इसका सम्यक समाधान भी ज्योतिष में ही है । जिसके कारण किसी व्यक्ति को चाहते या न चाहते हुए भी अपनी शिक्षा पूरी करने या कैरियर बनाने की चिंता छोड़कर अपितु अपनी बासनापूर्ति के लिए किसी से जुड़ना पड़ता है किसी पर झपटना पड़ता है झूठ साँच बोलना पड़ता है झूठे सपने दिखाने पड़ते हैं आदि आदि !जो लोग इसे प्यार मानते हैं वे ये भूल रहे हैं कि प्यार कभी घटता नहीं अपितु बढ़ता ही है ,प्यार में धोखा नहीं होता ,प्यार में निजी स्वार्थ और सुख की भावना ही नहीं होती किंतु यहाँ तो प्यार के नाम पर हत्या और आत्म हत्या जैसी सारी चीजें देखी जाती हैं फिर इसे प्यार कैसे माना जाए !वस्तुतः ये तथाकथित प्यार एक मानसिक बीमारी है जिसका अध्ययन ज्योतिष से ही कर पाना संभव है इसका बचपन से ही पता लगाकर और थोड़ा सा ध्यान दिया जाए तो इस प्रकार के विकारों से बचाव हो सकता है और जिसका एकबार कहीं फँसाव हो गया हो उसे भी शांति पूर्ण ढंग से धीरे धीरे ज्योतिष के माध्यम से सुरक्षित किया जा सकता है !
लड़के और लड़कियों को प्यार करने से पहले
योग्य ज्योतिष वैज्ञानिक से लेनी चाहिए ज्योतिषीय सलाह !क्योंकि इसमें घरवालों को
पीछे करके लड़के और लड़की को ही आपस में पहल करनी होती है !एक दूसरे को पटाने
के लिए आपस में अपने विषय की सारी जानकारी ही एक दूसरे को गलत दी गई होती
है !जिसकी सच्चाई ज्योतिष से समझनी चाहिए ! प्रेम संबंधों में आजकल हिंसक
वारदातें तक अक्सर होने लगी हैं इसलिए ज्योतिष विज्ञान का सहयोग इस विषय
में अवश्य लेना चाहिए !प्यार करने वाले लड़के लड़कियाँ ज्योतिष के द्वारा एक
दूसरे की सच्चाई समझ कर ही आगे बढ़ें !
जब हर लड़के लड़की को पता होता है कि जब उम्र आएगी विवाह की तो विवाह हो जाएगा इसके बाद भी इतनी जल्दबाजी क्यों होती है आखिर विवाह तक की प्रतीक्षा क्यों नहीं की जानी चाहिए!दूसरी बात अपने तथा कथित प्यार को दूसरों से छिपाना तो ठीक किंतु अपनों से क्यों छिपाना!वो भी उन माता पिता जैसे अत्यंत आत्मीय जनों से जिनके जीवन का लक्ष्य ही निःस्वार्थ भाव से केवल संतानों के लिए जीवन धारण करना होता है उनकी तरक्की बच्चों के लिए जो उनके बच्चों को प्रेम करे उस पर वो प्राण न्योछावर करने के लिए तैयार हो जाते हैं यह मानते हुए भी कि ये हमारा कभी बुरा नहीं चाहेंगे फिर भी ऐसे परम प्रिय माता पिता से अपने प्रेम संबंधों के विषय में छिपाना आखिर क्यों ? आजकल प्यार की ओर लड़के लड़कियों का इतना झुकाव आखिर होने क्यों लगा है इसे भी समझना भी आवश्यक है ! आयुर्वेद ऐसा मानता है कि व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए तीन चीजें
बहुत आवश्यक हैं पहली निद्रा(नींद)दूसरा भोजन और तीसरा सेक्स । ये तीनों
चीजें जीवन में संतुलित होनी चाहिए इनके अधिक होने पर बीमारी होती है और कम
होने पर भी होती है ये बात नींद और भोजन के विषय में तो सबको पता है
किन्तु सेक्स के विषय में कम लोगों को ही पता होती है इसीलिए लोग इस विषय
को हँसी मजाक में निकाल दिया करते हैं दूसरा इस विषय में ब्रह्मचर्य आदि को
लेकर भी लोगों के मन में भ्रम बना रहता है चूँकि सेक्स का सम्बन्ध तन
अर्थात शरीर के साथ साथ मन से विशेष होता है जिसका जहाँ जब मन प्रसन्न हुआ
तो सेक्स की इच्छा हो जाना आम सी बात है किन्तु जिनका कोई लक्ष्य होता है
,या ब्रह्मचर्य आदि व्रत होता है वो अपने लक्ष्य या व्रत भावना से अपनी
सेक्स इच्छा को दबा देते हैं किंतु लक्ष्य और संयमभ्रष्ट लोग ऐसा नहीं कर
पाते और सेक्स पूर्ति के प्रयासों में लग जाते हैं । सेक्स की उम्र हो जाने के बाद विवाह में विलंब होने पर इस गैप को भरने के लिए लक्ष्य एवं संयम विहीन युवा बिना विवाह किए ही विवाह होने तक के लिए अपना कोई सेक्स सहयोगी बना लेते हैं उसके सहारे काट लेते हैं अपना समय !फिर जब विवाह लायक उम्र होती है तब तक यदि अधिक शिक्षा लेने में सफल हो पाए या अच्छी नौकरी पाने में सफल हो पाए या अच्छी संपत्ति इकट्ठी कर सके आदि आदि किसी भी प्रकार से यदि अपने प्रेमी या प्रेमिका की औकात से अधिक अपने को बढ़ाने में सफल हो पाए या कोई और अधिक अच्छा जीवन साथी मिलता दिखा तो अपने टाईम पास प्रेमी और प्रेमिका नाम के अपने पुराने सेक्स सहयोगियों को छोड़कर दूसरों के साथ अपना घर बसा लेते हैं ऐसे में उन पुराने साथियों में आक्रोश उमड़ना स्वाभाविक ही होता है जिसे कुछ लोग कह पाते हैं कुछ सह जाते हैं कुछ लोग कुछ अप्रिय या हिंसक कर या करवा बैठते हैं इसलिए इनके लिए यह कठिन समय होता है ! जिस उम्र में ये भटकते हैं उस उम्र में विवाह होना संभव नहीं होता है ऊपर से बेरोजगारी और अपने से बड़ों के अविवाहित
होने के कारण उस समय विवाह हो भी नहीं सकता है इसलिए ऐसे लड़के
लड़कियों को विवाह तक का समय बिताने के लिए एक सेक्स पार्टनर की आवश्यकता
होती है जिसे वो प्रेमी या प्रेमिका के नाम से जानते हैं और अपने इस
सेक्सकृत्य को प्यार कहते हैं । कुछ लोग ऐसे संबंधों को विवाह के पहले ही
छोड़ देते हैं कुछ विवाह के बाद एक आध प्रतिशत लोग ऐसे समझौतों से ही अपना
जीवन पार कर लेते हैं किंतु प्रेम नाम के ऐसे शिथिल संबंधों में पड़ने वाले
अधिकतर वे लोग होते हैं जिनके भाग्य में विवाह का सुख बदा ही नहीं होता है
यही कारण है कि ऐसे लोगों को विवाह होने से पहुत पहले से ही वैवाहिक
विषयों में सबसे बेइज्जत होना पड़ता है घर वालों के सामने अपने प्रेम संबधों
के लिए पहले मुख छिपाना पड़ता है बाद में गिड़गिड़ाना पड़ता है बाहर बालों से
अपमानित होना पड़ता है एक दूसरे से मिलने के लिए झाड़ी जंगलों कूड़ेदानों के
पास छिप छिप कर मिलना जुलना होता है कहीं से डाँट डपट कर खदेड़े भी जाते हैं
इसी बीच हो जाते हैं इन लोगों के बीच आपसी शारीरिक संबंध जिनका न कोई अच्छा
स्थान होता है और न ही शुभ मुहूर्त और न ही अच्छी भावना !आपराधिक भावों से
डर डर कर प्रथम संबंधों में सहभागी होते हैं जिनके परिणाम उन्हें आजीवन
भुगतने पड़ते हैं । ऐसे संबंधों के लिए कई बार लोग अपनी या सामने वाले की
जिंदगी के साथ खेलते भी देखे जा सकते हैं ।
ऐसे लोगों की इस प्रकार की भावनाओं का बचपन में ही पता लग जाता है
इसलिए यदि कोई चाहे तो बचपन से ऐसे लोगों की पत्री दिखाकर ऐसे सारे दोष
दुर्गुणों का पता लगाया जा सकता है और ऐसे लोगों को भटकने से बचाया जा सकता
है यदि ऐसा न किया जा सका हो तो भी ऐसे संबंधों में फँसने के बाद भी
ज्योतिष की मदद से इनके आपसी संबंधों को धीरे धीरे अलग किया जा सकता है या
निर्वाह करने की स्थिति बने तो उसका मार्ग प्रशस्त कर दिया जाता है ऐसे
संबंधों में कोई दुर्घटना न घटे ज्योतिष के द्वारा इसका प्रबंध करने में
विशेष सहयोग मिलता है । इसका पता लगाने के लिए निर्धारित शुल्क जमा करके हमारे यहाँ संपर्क किया जा
सकता है ।
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