ज्योतिष अंध विश्वास उसके लिए है जिसका ज्योतिषी ज्योतिष पढ़ा विद्वान न हो !और विद्वान ज्योतिषियों के संपर्क वाले लोगों के लिए ज्योतिष अंध विश्वास नहीं अपितु विज्ञान ही है !
जिस ज्योतिषविद्वान से आप अपनी समस्याओं का समाधान पूछते हैं वो यदि किसी सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से ज्योतिष सब्जेक्ट में उच्च डिग्री प्राप्त विद्वान है तो आपके लिए ज्योतिष वास्तव में विज्ञान है और फर्जी डिग्री वाले झोलाछाप लोगों को आपने मान लिया है अपना ज्योतिषी तो ज्योतिष आपके लिए अंध विश्वास है न कि विज्ञान !
फर्जी डिग्री वाले ज्योतिषी या बिना डिग्री वाले ज्योतिषी या पंडित और पुजारी वर्ग जो ज्योतिष विषय में डिग्री होल्डर ज्योतिष विद्वान नहीं हैं उनकी ज्योतिषीय योग्यता को आँकने का और दूसरा पैमाना क्या है ?
जिस ज्योतिषविद्वान से आप अपनी समस्याओं का समाधान पूछते हैं वो यदि किसी सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालय से ज्योतिष सब्जेक्ट में उच्च डिग्री प्राप्त विद्वान है तो आपके लिए ज्योतिष वास्तव में विज्ञान है और फर्जी डिग्री वाले झोलाछाप लोगों को आपने मान लिया है अपना ज्योतिषी तो ज्योतिष आपके लिए अंध विश्वास है न कि विज्ञान !
फर्जी डिग्री वाले ज्योतिषी या बिना डिग्री वाले ज्योतिषी या पंडित और पुजारी वर्ग जो ज्योतिष विषय में डिग्री होल्डर ज्योतिष विद्वान नहीं हैं उनकी ज्योतिषीय योग्यता को आँकने का और दूसरा पैमाना क्या है ?
सभी भाई बहनो से निवेदन है कि ऐसे संवेदन शील विषयों में ज्योतिष
संबंधी परामर्श लेने के लिए सरकारी विश्वविद्यालय से ज्योतिष सब्जेक्ट में
उच्च डिग्री हासिल करने वाले ज्योतिष वैज्ञानिकों की सेवाएँ ही लें अन्यथा
झोलाछाप फर्जी डिग्री वाले या बिना डिग्री वाले ज्योतिषियों की ज्योतिष
सेवाएँ लाभ तो नहीं ही पहुँचा सकती हैं किंतु हानि भी संभव है इसका ये कतई
मतलब नहीं है कि किसी प्रमाणित सरकारी विश्व विद्यालय से ज्योतिष सब्जेक्ट
में जिसने शिक्षा न ली हो वो सारे लोग अयोग्य ही होंगे किंतु यदि उनमें से
एक आध योग्य हों भी तो उनकी योग्यता के नापने का पैमाना आखिर क्या हो
अर्थात इसका निश्चय और कैसे किया जाए कि वे योग्य हैं या अयोग्य !क्योंकि
वर्तमान समय में शैक्षणिक योग्यता मापने का एक मात्र साधन ही उस विषय से
संबंधित उसकी डिग्रियाँ ही हैं और दूसरा कोई विकल्प ही नहीं है।
ऐसी परिस्थिति में बिना डिग्रियाँ लिए हुए भी जो लोग ज्योतिष शास्त्र के विद्वान हैं उन्हें सरकारी संस्कृत विश्व विद्यालयों के द्वारा निर्धारित किए गए पाठ्यक्रम की परीक्षाएँ उत्तीर्ण करके अपनी ज्योतिषीय योग्यता को सरकारी नियमानुसार ज्योतिष डिग्रियों से प्रमाणित कर लेनी चाहिए !
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