जीवन समय का खेल है सुख दुःख समय के अनुसार मिलता है घाटा मुनाफा समय के अनुसार होता है पति पत्नी प्रेमी प्रेमिकाओं में सम्बन्ध बिगड़ते समय के कारण हैं रोग और समस्याएँ बढ़ती ही समय के कारण हैं किसका कैसा समय इसका पता लगाना समय का प्रभाव समझाना और मानसिक मदद पहुँचाना केवल ज्योतिष वैज्ञानिकों का काम का काम !
चिकित्सक एक जैसे 100 मरीजों की एक जैसी चिकित्सा करते हैं फिर भी कुछ स्वस्थ हो जाते हैं कुछ अस्वस्थ रहते हैं कुछ मर भी जाते हैं क्यों ?जिसका जब तक जैसा समय उस पर तब तक वैसा असर !
काम तो बहुत लोग करते हैं अपनी समझ और सीमाओं में रहकर परिश्रम भी सब खूब करते हैं किंतु सफलता सबको एक जैसी नहीं मिलती क्यों ?जिसका जैसा समय उसको वैसी सफलता ?
पति या पत्नी हो या प्रेमी और प्रेमिका के आपसी संबंधों पर पड़ता है समय का असर जब तक जिसका समय अच्छा तब तक साथी साथ देते हैं समय बुरा तो बुरा व्यवहार करने लगते हैं अपने सगे सगे लोग !जिसका जैसा समय उसके साथ वैसा बर्ताव करने लगता है समाज !
ऐसे सभी प्रकारों में घबड़ाना क्यों ?हम देंगे आपका साथ और करेंगे आपकी मदद !बताएँगे आपको मानसिक तनाव से निकलने का रास्ता बंधाएंगे हिम्मत और पार करा देंगे तनाव का समय !
ज्योतिष वैज्ञानिक तनाव का प्रकार पता लगाने कर सकते हैं अक्सर तनाव का कारण गुप्त रखते हैं तनाव ग्रस्त लोग !उस रहस्य को खोलने में मदद मिल सकती है | किसी के मन में तनाव !कब से है कब तक रहेगा क्यों है इसका पता लगाने में ज्योतिष बहुत सहयोगी सिद्ध हो सकता है इसमें किस प्रकार की काउंसलिंग तनाव घटाने में कारगर होगी ये बता सकता है !बढ़ते तलाक टूटते परिवारों की समस्याओं को दूर करने में सक्षम है ज्योतिष !जिसका जब तक समय ख़राब तब तक कलह फिर ठीक किंतु न जानने के कारण लोग घबड़ाकर उसी में ले लेते हैं तलाक !समय साथ न दे तो कैसे चले व्यापार क्यों साथ दे परिवार या कोई और !किंतु घबड़ाना क्यों ?यदि बुरे समय में बुरी परिस्थितियाँ हो सकती हैं तो अच्छे समय का पता करो कब आएगा !घबड़ाना क्यों सब कुछ अच्छा हो जाएगा !जो काम आअज नहीं हो पा रहा है वो आगे हो सकता है निराश क्यों होना कब संभावनाएँ बन सकती हैं ये जानने में हमारे यहाँ से मिल सकती है आपको सशुल्क मदद ! हम भाग्य बदलने के सपने नहीं दिखते और न ही नाग नगीने यंत्र तंत्र ताबीजों जादूटोनों में आपका समय बर्बाद करते हैं हम केवल रास्ता दिखाते हैं जिनके सहारे लोग स्वयं पार कर लेते हैं मुसीबत का समय !ऐसी परिश्रम पूर्ण सुविधाओं की मदद जीवन कुछ आसान हो जाता है ज्योतिष की ये पद्धति चिकित्सा की तरह ही खर्चीली एवं प्रभावी है समय तो लगता है ये चमत्कारिक विद्या नहीं है अपितु जीवन को सुगम सरल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है !
जिसके भाग्य में जो सुख जितने प्रतिशत बदा होता है उतने प्रतिशत ही मिलता है यही सच्चाई है किंतु जो लोग इस बात पर भरोसा नहीं करते हैं वो बेईमानी करके धन तो बहुत इकठ्ठा कर सकते हैं किंतु उसे भोग नहीं सकते क्योंकि वो धन उनका अपना नहीं है किंतु उन्होंने छल कपट से चालाकी से चुगलखोरी से ,किसी को झूठे सपने दिखाकर या अपनी शक्ति से डरा धमका कर किसी से ले लिया है धन !ऐसा धन उसे सुख कभी नहीं दे सकता अपितु दुःख देगा !प्रतिदिन नै नै मुसीबतें देगा बीमारियाँ देगा वो भी ऐसी जिनका किसी जाँच से न पता लगे और यदि लग भी जाए तो उसकी को ई दवा न हो और यदि हो भी तो वो तब तक फायदा न करे जब तक उस घर में बेईमानी का धन रहे !
जिनके भाग्य में जिस धन का सुख भोगना लिखा ही न हो वो पराया धन यदि मिल भी जाए तो उसका कैसे उपयोग कर पाएँगे आप ?ऐसा धन न उनके काम आएगा न उनके बच्चों के अच्छे काम में लगेगा ! हर परिस्थिति में ऐसे धन को नष्ट ही होना होता है ,चोर ले जाएँ गिर जाए नष्ट हो जाए बीमारी में लग जाए संतान न हो संतान रोगिणी हो आदि आदि किंतु ऐसा धन कभी प्रसन्नता नहीं देता है इसीलिए ऐसे लोग कृत्रिम प्रसन्नता के लिए सुरा सुंदरी में अपने को इधर उधर भटकाते रहते हैं उन्हीं पर लुटाते रहते हैं यह धन !किंतु सुंदरी पास से हटी या सुरा का नशा उतरा तो फिर वही तनाव !
चिकित्सक एक जैसे 100 मरीजों की एक जैसी चिकित्सा करते हैं फिर भी कुछ स्वस्थ हो जाते हैं कुछ अस्वस्थ रहते हैं कुछ मर भी जाते हैं क्यों ?जिसका जब तक जैसा समय उस पर तब तक वैसा असर !
काम तो बहुत लोग करते हैं अपनी समझ और सीमाओं में रहकर परिश्रम भी सब खूब करते हैं किंतु सफलता सबको एक जैसी नहीं मिलती क्यों ?जिसका जैसा समय उसको वैसी सफलता ?
पति या पत्नी हो या प्रेमी और प्रेमिका के आपसी संबंधों पर पड़ता है समय का असर जब तक जिसका समय अच्छा तब तक साथी साथ देते हैं समय बुरा तो बुरा व्यवहार करने लगते हैं अपने सगे सगे लोग !जिसका जैसा समय उसके साथ वैसा बर्ताव करने लगता है समाज !
ऐसे सभी प्रकारों में घबड़ाना क्यों ?हम देंगे आपका साथ और करेंगे आपकी मदद !बताएँगे आपको मानसिक तनाव से निकलने का रास्ता बंधाएंगे हिम्मत और पार करा देंगे तनाव का समय !
ज्योतिष वैज्ञानिक तनाव का प्रकार पता लगाने कर सकते हैं अक्सर तनाव का कारण गुप्त रखते हैं तनाव ग्रस्त लोग !उस रहस्य को खोलने में मदद मिल सकती है | किसी के मन में तनाव !कब से है कब तक रहेगा क्यों है इसका पता लगाने में ज्योतिष बहुत सहयोगी सिद्ध हो सकता है इसमें किस प्रकार की काउंसलिंग तनाव घटाने में कारगर होगी ये बता सकता है !बढ़ते तलाक टूटते परिवारों की समस्याओं को दूर करने में सक्षम है ज्योतिष !जिसका जब तक समय ख़राब तब तक कलह फिर ठीक किंतु न जानने के कारण लोग घबड़ाकर उसी में ले लेते हैं तलाक !समय साथ न दे तो कैसे चले व्यापार क्यों साथ दे परिवार या कोई और !किंतु घबड़ाना क्यों ?यदि बुरे समय में बुरी परिस्थितियाँ हो सकती हैं तो अच्छे समय का पता करो कब आएगा !घबड़ाना क्यों सब कुछ अच्छा हो जाएगा !जो काम आअज नहीं हो पा रहा है वो आगे हो सकता है निराश क्यों होना कब संभावनाएँ बन सकती हैं ये जानने में हमारे यहाँ से मिल सकती है आपको सशुल्क मदद ! हम भाग्य बदलने के सपने नहीं दिखते और न ही नाग नगीने यंत्र तंत्र ताबीजों जादूटोनों में आपका समय बर्बाद करते हैं हम केवल रास्ता दिखाते हैं जिनके सहारे लोग स्वयं पार कर लेते हैं मुसीबत का समय !ऐसी परिश्रम पूर्ण सुविधाओं की मदद जीवन कुछ आसान हो जाता है ज्योतिष की ये पद्धति चिकित्सा की तरह ही खर्चीली एवं प्रभावी है समय तो लगता है ये चमत्कारिक विद्या नहीं है अपितु जीवन को सुगम सरल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देती है !
जिसके भाग्य में जो सुख जितने प्रतिशत बदा होता है उतने प्रतिशत ही मिलता है यही सच्चाई है किंतु जो लोग इस बात पर भरोसा नहीं करते हैं वो बेईमानी करके धन तो बहुत इकठ्ठा कर सकते हैं किंतु उसे भोग नहीं सकते क्योंकि वो धन उनका अपना नहीं है किंतु उन्होंने छल कपट से चालाकी से चुगलखोरी से ,किसी को झूठे सपने दिखाकर या अपनी शक्ति से डरा धमका कर किसी से ले लिया है धन !ऐसा धन उसे सुख कभी नहीं दे सकता अपितु दुःख देगा !प्रतिदिन नै नै मुसीबतें देगा बीमारियाँ देगा वो भी ऐसी जिनका किसी जाँच से न पता लगे और यदि लग भी जाए तो उसकी को ई दवा न हो और यदि हो भी तो वो तब तक फायदा न करे जब तक उस घर में बेईमानी का धन रहे !
जिनके भाग्य में जिस धन का सुख भोगना लिखा ही न हो वो पराया धन यदि मिल भी जाए तो उसका कैसे उपयोग कर पाएँगे आप ?ऐसा धन न उनके काम आएगा न उनके बच्चों के अच्छे काम में लगेगा ! हर परिस्थिति में ऐसे धन को नष्ट ही होना होता है ,चोर ले जाएँ गिर जाए नष्ट हो जाए बीमारी में लग जाए संतान न हो संतान रोगिणी हो आदि आदि किंतु ऐसा धन कभी प्रसन्नता नहीं देता है इसीलिए ऐसे लोग कृत्रिम प्रसन्नता के लिए सुरा सुंदरी में अपने को इधर उधर भटकाते रहते हैं उन्हीं पर लुटाते रहते हैं यह धन !किंतु सुंदरी पास से हटी या सुरा का नशा उतरा तो फिर वही तनाव !
इसमें ज्योतिषीय काउंसलिंग अर्थात ज्योतिषीय परामर्श मनोविज्ञान कैसे करता है अपना काम ?
लगभग हर प्रकार का मनोरोग में मानसिक तनाव से पैदा होता है तनाव से रात्रि में नींद नहीं आती है नींद न आने से पेट साफ नहीं रहता है अर्थात कब्ज रहता है कब्ज से गैस बनती है वही गन्दी वायु (गैस) हृदय में जाती है तो घबड़ाहट पैदा करती है उलटी लगती है धड़कन बढ़ा देती है और शिर में चढ़ती है तो शिर दर्द होता है चक्कर आता है कई बार ऐसी ही मिली जुली सभी परिस्थितियों से रक्त चाप अर्थात ब्लड प्रेशर बढ़ने लगता है ।
मनोरोग वह बीमारी है जो हमारी बढ़ी हुई महत्वाकाँक्षा से पैदा होती है अर्थात हम जो और जैसा पाना या करना चाहते हैं या जैसा चाहते हैं वो और वैसा न हो पाने पर हमें तनाव होता है यह तनाव जिसका जैसा समय होता है उस पर वैसा प्रभाव करता है जिनका समय जितना ठीक होता है वो ऐसे तनावों से उतना लड़ पाने में सक्षम होते हैं अर्थात तनाव को उतना सह पाते हैं कई लोगों का समय बहुत अच्छा होता है उन पर तनाव का असर बिलकुल कम होता है।
मनोरोगी केवल अपनी समस्या का समाधान चाहता है और केवल उसी विषय में सुनना चाहता है और कोई बात उसे पसंद ही नहीं होती है । इसलिए यहाँ एक बात सबसे जरूरी और विशेष रूप से ध्यान देने योग्य होती है कि एक जैसा मानसिक तनाव अलग अलग लोगों पर अलग अलग प्रकार से असर करता है अर्थात जिसका समय जितना प्रतिकूल या हानि कारक होता है उस पर उतना अधिक असर होता है इसलिए अधिकाँश लोगों का यह फार्मूला कतई ठीक नहीं है कि किसी मनोरोगी के समय का सम्यक रूप से अध्ययन किए बिना ही आप बीती या औरों पर बीती बातें बता बता कर उसे समझाने लग जाना !ऐसा करने का असर कुछ तो होता है किन्तु बहुत नहीं होता है क्योंकि समझने वाले को उसकी मनोदशा एवं उसके समय की स्थिति का ज्ञान बिलकुल ही नहीं होता है और समय का अध्ययन ऐसे केसों में सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है इसके लिए ज्योतिष शास्त्र के अध्ययन की आवश्यकता होती है क्योंकि ज्योतिष शास्त्र के अलावा समय के अध्ययन का और कोई विकल्प है ही नहीं इसलिए ज्योतिष विशेषज्ञों की राय के अनुसार मनोरोगियों की चिकित्सा की जाए तो ऐसी चिकित्सा का असर और अधिक शीघ्र एवं प्रभावी होता है
Depression ,Mental Stress and astrology
पहुँचा अवसाद या डिप्रेशन का तात्पर्य मनोविज्ञान के क्षेत्र में मनोभावों
संबंधी दुख से होता है। इसे रोग या सिंड्रोम की संज्ञा दी जाती है।
आयुर्विज्ञान में कोई भी व्यक्ति डिप्रेस्ड की अवस्था में स्वयं को लाचार
और निराश महसूस करता है। उस व्यक्ति-विशेष के लिए सुख, शांति, सफलता, खुशी
यहाँ तक कि संबंध तक बेमानी हो जाते हैं। उसे सर्वत्र निराशा, तनाव,
अशांति, अरुचि प्रतीत होती है।[1] अवसाद के भौतिक कारण भी अनेक होते हैं। इनमें कुपोषण, आनुवांशिकता, हार्मोन, मौसम, तनाव, बीमारी,
नशा, अप्रिय स्थितियों में लंबे समय तक रहना, पीठ में तकलीफ आदि प्रमुख
हैं। इनके अतिरिक्त अवसाद के ९० प्रतिशत रोगियों में नींद की समस्या होती
है। मनोविश्लेषकों के अनुसार अवसाद के कई कारण हो सकते हैं। यह मूलत: किसी
व्यक्ति की सोच की बुनावट या उसके मूल व्यक्तित्व पर निर्भर करता है। अवसाद
लाइलाज रोग नहीं है। इसके पीछे जैविक, आनुवांशिक और मनोसामाजिक कारण होते हैं। यही नहीं जैवरासायनिक असंतुलन के कारण भी अवसाद घेर सकता है।[2] इसकी अधिकता के कारण रोगी आत्महत्या तक कर सकते हैं।[3]
इसलिए परिजनों को सजग रहना चाहिए और उनके परिवार का कोई सदस्य गुमसुम रहता
है, अपना ज्यादातर समय अकेले में बिताता है, निराशावादी बातें करता है तो
उसे तुरंत किसी अच्छे मनोचिकित्सक के पास ले जाएं। उसे अकेले में न रहने
दें। हंसाने की कोशिश कर अवसाद अक्सर दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स की कमी के कारण भी होता है।
न्यूरोट्रांसमीटर्स दिमाग में पाए जाने वाले रसायन होते हैं जो दिमाग और
शरीर के विभिन्न हिस्सों में तारतम्यता स्थापित करते हैं। इनकी कमी से भी
शरीर की संचार व्यवस्था में कमी आती है और व्यक्ति में अवसाद के लक्षण
दिखाई देते हैं। इस तरह का अवसाद आनुवांशिक होता है। अवसाद के कारण निर्णय
लेने में अड़चन, आलस्य, सामान्य मनोरंजन की चीजों में अरुचि, नींद की कमी,
चिड़चिड़ापन या कुंठा व्यक्ति में दिखाई पड़ते हैं। अवसाद के कारणों में
इसका एक पूरक चिंता (एंग्ज़ायटी) भी है।[5]
इसके उपचार में योगासन में प्राणायाम बहुत सहायक सिद्ध हुआ है।[1]
कई बार अतिरिक्त चिड़चिड़ापन, अहंकार, कटुता या आक्रामकता अथवा नास्तिकता,
अनास्था और अपराध अथवा एकांत की प्रवृत्ति पनपने लगती है या फिर व्यक्ति
नशे की ओर उन्मुख होने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि हम किसी मनोचिकित्सक
से संपर्क करें। व्यक्ति को खुशहाल वातावरण दें। उसे अकेला न छोड़ें तथा
छिन्द्रान्वेषण कतई न करें। उसकी रुचियों को प्रोत्साहित कर, उसमें
आत्मविश्वास जगाएँ और कारण[6] जानने का प्रयत्न करें।[1]
अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने गहन शोध के बाद यह दावा किया है कि यदि कोई
व्यक्ति लगातार सकारात्मक सोच का अभ्यास करता है, तो वह उसके डिप्रेशन या
अवसाद की स्थिति का एकमात्र इलाज हो सकता है। अमेरिकन एकेडमी ऑफ फैमेली
फिजिशियन का कहना है कि लोगों को नकारात्मक नहीं सोचना चाहिए। न ही विफलता
के भय को लेकर चिंतित होते रहना चाहिए। इनकी बजाय हमेशा सकारात्मक सोच
दिमाग में रखना चाहिए जो होगा अच्छा होगा।[7]
घर में अन्य सदस्यों को अवसाद की बीमारी होने से भी यह परेशानी महिलाओं को
जल्दी पकड़ती है। क्योंकि घर से लगाव पुरुषों के मुकाबले उन्हें ज्यादा
होता है। इसके चलते कभी-कभी उनमें आत्महत्या की इच्छा जोर मारने लगती है।
इसलिए पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का अवसाद ज्यादा खतरनाक होता है। हालांकि
मंदी और कॉम्पटीशन के दौर में डिप्रेशन अब युवाओं को भी अपना शिकार बनाने
लगा है इसलिए कोशिश यह रखनी चाहिए कि आप खुशनुमा पलों की तलाश करें और
सकारात्मक सोच रखें।[2]
इससे बचने के उपायों में व्यस्त रहकर मस्त रहना, अपने लिए समय निकालना,
संतुलित आहार सेवन, अपने लिए समय निकालना और सामाजिक मेलजोल बढ़ाना मूल
उपाय हैं।[8]DepressionMental Stress and astrology
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