प्यार पीड़ा से परेशान लोग क्यों करते हैं हत्या या आत्म हत्या ?जानिए आप भी !
सेक्सोन्मादी लोग बलात्कारी और अपराधी भी हो जाते हैं ! इन्हें बचाने में क्या है भूमिका ज्योतिष की आप भी जानिए !
जिसके भाग्य में विवाह का सुख सौ प्रतिशत न होकर 60 प्रतिशत ही बदा हो खोजते वो भी सौ प्रतिशत अच्छा जीवन साथी हैं किंतु जब उनके भाग्य में विवाह सुख लिखा ही 60 प्रतिशत है तो वो सभी प्रकार से सुन्दर लड़के या लड़की से यदि विवाह भी कर लें तो भी उन्हें उस विवाह का सुख 60 प्रतिशत ही मिलेगा बाकी बचा खुचा चालीस प्रतिशत विवाह सुख जीवन साथी के पास होते हुए भी आपको नहीं मिलेगा !उतने के लिए वो किसी दूसरे के साथ प्यार नाम का ब्याभिचार करता या करती है जिसे पचा पाना हर किसी के लिए कठिन होता है यह कोई नहीं चाहता है कि उसका पति या पत्नी उसे छोड़कर किसी और से प्यार करे और यदि करे तो मारे या मरे अन्यथा तलाक करे !इसलिए हमारे यहाँ अपनी कुंडली पहले ही दिखाकर यह पता कर ले कि उसके भाग्य में विवाह सुख है कितने प्रतिशत उसी हिसाब से जीवन साथी की तलाश करे जिससे दोनों का आपसी स्नेह आजीवन उत्तम बना रहता है ।
मित्रता पवित्र वहीँ तक है जहाँ तक मित्रता मित्र भावना से की जाए किन्तु मूत्रता के लिए की गई मित्रता प्यार कैसे हो सकती है !
सेक्सोन्मादी लोग अचानक हिंसक हो जाते हैं ये कभी भी कुछ कर सकते हैं इसलिए इन्हें चाहिए योग्य ज्योतिष चिकित्सा !मित्रता पवित्र वहीँ तक है जहाँ तक मित्र भावना से की जाए किन्तु मूत्रता अर्थात सेक्स भावना से बने गए सम्बन्ध के लिए की गई मित्रता प्यार कैसे हो सकती है !ऐसे लोग हिंसा की कहानी प्यार से प्रारम्भ करते हैं किंतु बहुत जल्द ही सेक्सुअल बात व्यवहार में संलिप्त होने लगते हैं यदि ऐसा होने लगे तो समझ लेना चाहिए कि ये प्यार से नहीं अपितु सेक्सआपूर्ति की तलाश में बनाए गए संबंध हैं जो तब तक चलेंगे जब तक ये आपूर्ति कहीं और से नहीं मिलने लगेगी और जैसे ही दूसरी जगह से सेक्स सप्लाई प्रारम्भ हुई तो प्रार्थयन्ति नवं नवं की तर्ज पर पुराने सेक्सदाता से पीछा छुड़ाना चाहेगा उसके लिए किसी भी स्तर तक उतर जाने में उसे कोई हिचक नहीं होगी भले ही वह हिंसा का दुखद मार्ग ही क्यों न हो ! इसमें अपनी एवं अपनों तक की हिंसा में नहीं हिचकता है ! इसलिए ये एक प्रकार का मनोविकार है जिसका पूर्वभाष ज्योतिष वैज्ञानिक को हो ही जाता है इसमें कैसे न फँसने दिया जाए सक्षम ज्योतिषी इस पर बिचार कर सकता है और फँसे हुए को निकालने में भी प्रभावी मदद कर सकता है योग्य ज्योतिषी की सेवाओं से ही परिणाम की आशा की जानी चाहिए बक तो सभी रहे हैं ।
मित्रता पवित्र वहीँ तक है जहाँ तक मित्रता मित्र भावना से की जाए किन्तु मूत्रता के लिए की गई मित्रता प्यार कैसे हो सकती है !
पहले प्यार शब्द का प्रयोग पवित्र अर्थ में होता था किंतु आजकल सेक्सालुओं की बासना का माध्यम बन चुका है प्यार ! पवित्र प्यार तो माता पिता भाई बहन आदि सबका सबसे होना चाहिए किंतु जो प्यार अन्य सारे स्वजन संबंधों से कटकर केवल किसी लड़के या लड़की तक ही समिट कर रह जाए वो मित्रता कैसी जो केवल मूत्रता को ही प्यार समझती हो ?वस्तुतः वो तो प्यार नहीं अपितु ब्याभिचार होता है इसीलिए जब प्यार वास्तव में प्यार था तब नहीं होती थीं इतनी दुर्घटनाएँ किंतु प्यार जबसे ब्याभिचार की ओर मुड़ा वो हिंसक होने लगा और उससे बचने के लिए बहुत जरूरी है योग्य ज्योतिष वैज्ञानिक की उचित सलाह !
इसे प्यार कहें या पागलपन या दो सेक्सपीड़ितों के आपसी समझौतों का सच !जानिए ज्योतिष से -
सेक्सोन्मादी लोग बलात्कारी और अपराधी भी हो जाते हैं ! इन्हें बचाने में क्या है भूमिका ज्योतिष की आप भी जानिए !
जिसके भाग्य में विवाह का सुख सौ प्रतिशत न होकर 60 प्रतिशत ही बदा हो खोजते वो भी सौ प्रतिशत अच्छा जीवन साथी हैं किंतु जब उनके भाग्य में विवाह सुख लिखा ही 60 प्रतिशत है तो वो सभी प्रकार से सुन्दर लड़के या लड़की से यदि विवाह भी कर लें तो भी उन्हें उस विवाह का सुख 60 प्रतिशत ही मिलेगा बाकी बचा खुचा चालीस प्रतिशत विवाह सुख जीवन साथी के पास होते हुए भी आपको नहीं मिलेगा !उतने के लिए वो किसी दूसरे के साथ प्यार नाम का ब्याभिचार करता या करती है जिसे पचा पाना हर किसी के लिए कठिन होता है यह कोई नहीं चाहता है कि उसका पति या पत्नी उसे छोड़कर किसी और से प्यार करे और यदि करे तो मारे या मरे अन्यथा तलाक करे !इसलिए हमारे यहाँ अपनी कुंडली पहले ही दिखाकर यह पता कर ले कि उसके भाग्य में विवाह सुख है कितने प्रतिशत उसी हिसाब से जीवन साथी की तलाश करे जिससे दोनों का आपसी स्नेह आजीवन उत्तम बना रहता है ।
मित्रता पवित्र वहीँ तक है जहाँ तक मित्रता मित्र भावना से की जाए किन्तु मूत्रता के लिए की गई मित्रता प्यार कैसे हो सकती है !
सेक्सोन्मादी लोग अचानक हिंसक हो जाते हैं ये कभी भी कुछ कर सकते हैं इसलिए इन्हें चाहिए योग्य ज्योतिष चिकित्सा !मित्रता पवित्र वहीँ तक है जहाँ तक मित्र भावना से की जाए किन्तु मूत्रता अर्थात सेक्स भावना से बने गए सम्बन्ध के लिए की गई मित्रता प्यार कैसे हो सकती है !ऐसे लोग हिंसा की कहानी प्यार से प्रारम्भ करते हैं किंतु बहुत जल्द ही सेक्सुअल बात व्यवहार में संलिप्त होने लगते हैं यदि ऐसा होने लगे तो समझ लेना चाहिए कि ये प्यार से नहीं अपितु सेक्सआपूर्ति की तलाश में बनाए गए संबंध हैं जो तब तक चलेंगे जब तक ये आपूर्ति कहीं और से नहीं मिलने लगेगी और जैसे ही दूसरी जगह से सेक्स सप्लाई प्रारम्भ हुई तो प्रार्थयन्ति नवं नवं की तर्ज पर पुराने सेक्सदाता से पीछा छुड़ाना चाहेगा उसके लिए किसी भी स्तर तक उतर जाने में उसे कोई हिचक नहीं होगी भले ही वह हिंसा का दुखद मार्ग ही क्यों न हो ! इसमें अपनी एवं अपनों तक की हिंसा में नहीं हिचकता है ! इसलिए ये एक प्रकार का मनोविकार है जिसका पूर्वभाष ज्योतिष वैज्ञानिक को हो ही जाता है इसमें कैसे न फँसने दिया जाए सक्षम ज्योतिषी इस पर बिचार कर सकता है और फँसे हुए को निकालने में भी प्रभावी मदद कर सकता है योग्य ज्योतिषी की सेवाओं से ही परिणाम की आशा की जानी चाहिए बक तो सभी रहे हैं ।
मित्रता पवित्र वहीँ तक है जहाँ तक मित्रता मित्र भावना से की जाए किन्तु मूत्रता के लिए की गई मित्रता प्यार कैसे हो सकती है !
पहले प्यार शब्द का प्रयोग पवित्र अर्थ में होता था किंतु आजकल सेक्सालुओं की बासना का माध्यम बन चुका है प्यार ! पवित्र प्यार तो माता पिता भाई बहन आदि सबका सबसे होना चाहिए किंतु जो प्यार अन्य सारे स्वजन संबंधों से कटकर केवल किसी लड़के या लड़की तक ही समिट कर रह जाए वो मित्रता कैसी जो केवल मूत्रता को ही प्यार समझती हो ?वस्तुतः वो तो प्यार नहीं अपितु ब्याभिचार होता है इसीलिए जब प्यार वास्तव में प्यार था तब नहीं होती थीं इतनी दुर्घटनाएँ किंतु प्यार जबसे ब्याभिचार की ओर मुड़ा वो हिंसक होने लगा और उससे बचने के लिए बहुत जरूरी है योग्य ज्योतिष वैज्ञानिक की उचित सलाह !
इसे प्यार कहें या पागलपन या दो सेक्सपीड़ितों के आपसी समझौतों का सच !जानिए ज्योतिष से -
- पहले समझिए प्यार है क्या और होता क्यों है तथा इससे बचा कैसे जा सकता है और यदि फँस चुके हैं तो निकलने के लिए उपाय आखिर क्या है ?जानिए ज्योतिष से -
- अगर किसी ने प्यार के खेल में पड़कर विवाह भी कर लिया है तो ऐसी शापित कुंडलियों के लोग ऐसे विवाहों का निर्वाह बहुत कम कर पाते हैं और यदि कुछ दिन हो भी गया और बच्चे भी हो गए, यदि तब वो लोग अलग होते हैं तो उन बच्चों के भरण पोषण में बड़ी दिक्कत आती है इसलिए ऐसे संबंधों को बचा एवं बना कर कैसे रखा जाए !जानिए ज्योतिष से -
- कई बार बिना पढ़े लिखे झोला छाप ज्योतिषियों के द्वारा बिचार करके कराए गए विवाह संबंधों के टूटने का संकट खड़ा हो जाए तो ऐसे संबंधों को बना कर और बचाकर रखने के उपाय क्या किए जाने चाहिए ! जानिए ज्योतिष से -
- अपने माता पिता से लुक छिपकर सेक्स समझौते करने वाले जब अपनों के प्यार का सम्मान नहीं कर सके तो औरों से कैसे कर लेंगे प्यार!और कर भी लेंगे तो निर्वाह भी कर सकेंगे क्या?जानिए ज्योतिष से -
प्रेमऔर प्रेम विवाह किसी किसी के लिए कितना खतरनाक हो सकता है इस एक दुर्गुण से कितनी जिंदगियाँ बरबाद होती हैं कितने संबंधों में जहर घुलता है इसके लिए कितना झूठ बोलना पड़ता है और करने पड़ते हैं कितने पाप!आखिर क्यों?जानिए ज्योतिष से -
पिछले जन्म में किन्हीं पापों के प्रभाव से सेक्स सुख से असंतुष्ट रह गए जो लोग इसी कुंठा में आत्महत्या कर लेते हैं अथवा अपने पति या पत्नी के अलावा किसी और से सेक्स सुख पाने के प्रयास में मार दिए जाते हैं उनकी ये अधूरी सेक्स इच्छा उन्हें जन्म जन्मान्तरों तक पीड़ा देती रहती है जिसके लिए अगले जन्म में भी वे बचपन से ही सेक्स पीड़ा से इतना अधिक परेशान रहते हैं कि विवाह होने तक की प्रतीक्षा ही नहीं कर पाते हैं ऐसे लोग सेक्स चाहत में दिन रात बेचैन रहने लगते हैं इस बेचैनी का आलम यह होता है कि ऐसे भाग्य पीड़ित लोग अपना सब काम काज छोड़कर यहाँ तक कि पढ़ाई लिखाई की भावनाएँ छोड़कर दिनरात भटकने लगते हैं यहाँ तक कि ये अपने माता पिता भाई बहन आदि स्वजनों से लुक छिपकर अपने सेक्स साधन जुटाते देखे जाते हैं इसके लिए पागल हो उठते हैं मरने मारने पर उतारू हो जाते हैं ऊपर से कहते तो हैं कि मैंने तो प्यार किया है किंतु होता ब्याभिचार है ,इससे बचने का रास्ता है ज्योतिष में -
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