जनप्रतिनिधिआयुर्वेद का सम्मान करें और बनस्पतियों के नामों के साथ छेड़ छाड़ ठीक नहीं ।
जनप्रतिनधियों की भी शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए और जो शिक्षित हैं उन्हें
प्राचीन वांग्मय से जुडी बातों पर प्रश्न करने से पूर्व उनके विषय में
जानना चाहिए अन्यथा बिना पढ़े लिखे लोग तर्क हीन प्रमाण विहीन ब्यर्थ और
अनर्थ का हुल्लड़ करके संसद का बहुमूल्य समय अकारण बिताया करते हैं जो ठीक
नहीं है !
पुत्रजीवक नाम से ही आयुर्वेद की प्रसिद्ध औषधि है !जो संतानोत्पादन के
लिए सहायक औषधि है जिससे पुत्र और पुत्री सभी प्रकर की संतानों का लाभ होता
है ।
पुत्रजीवो गर्भकरो यष्टीपुष्पोर्थसाधकः ।
पुत्रजीवक के पुत्रजीव गर्भकर यष्टीपुष्प अर्थसाधक ,पितौजिया आदि नाम हैं आयुर्वेद में जीवक नाम से भी कई जगह पाठ मिलता है ।
पुत्रजीवो गुरुवृष्यो गर्भदः श्लेष्मवातहृत् |
सृष्ट मूत्र मलो रूक्षो हिमः स्वादुः पटुः कटुः ||
ये स्वादिष्ट,कटु ,लवणरसी ,गुरु वृष्य अर्थात वीर्य वर्धक,गर्भ प्रदान करने वाला रूक्ष ,शीतल होता है कफ एवं बात को नष्ट करता है ।
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