प्रेम संबंधों के दुष्परिणामों से निपटने में सक्षम है ज्योतिष ! बशर्ते ज्योतिषी योग्य हो !!

आजकल प्रेमी जोड़ों के प्रेमसंबंध जल्द ही न केवल शत्रुता में बदलने लगते हैं अपितु हिंसक होने लगते हैं ।

   कई बार इसी तथाकथित प्रेम के कारण कभी प्रेमी प्रेमिका की हत्या करता है तो कभी प्रेमिका प्रेमी की हत्या करती है कई बार प्रेमी प्रेमिका मिलकर अपने संबंधों में रूकावट बने माता पिता या अन्य स्वजनों या पूर्व प्रेमी प्रेमिकाओं की हत्या कर देते हैं इसी प्रकार से कई बार ऐसे प्रेमी प्रेमिका अपने प्रेम संबंधों में बाधा बने अपने वास्तविक पति या पत्नी की हत्या कर देते हैं कई बार बच्चों तक की हत्या कर देते हैं कई बार अपनी बसी बसाई गृहस्थी को तोड़कर छोड़कर अपने स्वजनों यहाँ तक कि बच्चों को भी छोड़कर और हमेंशा हमेंशा के लिए निकल जाते हैं कहीं छिपते छिपाते जहाँ कईबार घर के कुछ लोग खोजते खोजते पहुँच भी जाते हैं और  उन प्रेमी प्रेमिकाओं पर अपनी इच्छाओं को थोपते हैं जिन्हें न मानने पर सामाजिक यश अपयश के भय से उन दोनों की हत्या उनके स्वजन ही कर देते हैं कई बार ऐसा नहीं भी होता है तो कुछ दिनों बाद ही उनका आपसी तनाव होने लगता है और हिंसक विरोध तक होते देखा जाता है कई बार इनसे बचते बचाते लोग अपने पूर्व व्यवस्थित घरों की ओर भाग खड़े होते हैं लोग जहाँ उन्हें कुछ लोग पुनः स्वीकार कर लेते हैं कुछ नहीं भी करते हैं फिर उन्हें सारा जीवन ठोकरें खाते भटकना पड़ता है जिनके घर वाले उन्हें माफ करके पुनः घर में रख लेते हैं उन्हें भी उनसे खतरा बना रहता है जिन प्रेमी या प्रेमिकाओं को छोड़कर भाग आए होते हैं ऐसे कुंठित लोग अपनी जिंदगी की बरबादी के लिए उन्हें  जिम्मेदार ठहराते हुए किसी अन्य की मदद लेकर उनपर या उनके परिजनों पर हमले करते हैं या बच्चों का अपहरण कर लेते हैं हत्या कर देते हैं । ऐसी समस्त दुर्घटनाओं को टालने के लिए आपको चाहिए कोई विद्वान ईमानदार एवं परिश्रमी ज्योतिषी उसकी विद्या का सम्मान करने के लिए योग्य उचित पारिश्रमिकदेकर उससे खोजवाया जाए ऐसी समस्याओं का ज्योतिष शास्त्रीय उचित समाधान !ऐसे लोगों का जीवन सुव्यवस्थित करने में विद्वान ज्योतिषी लोग कर सकते हैं महत्वपूर्ण योगदान !जो लोग अपनी  गरीबी के कारण,कंजूसी या दरिद्रता के कारण या ज्योतिष विद्या के प्रति उतना विश्वास और सम्मान न होने के कारण उन ज्योतिष विद्वानों को उचित पारिश्रमिक(धन) नहीं दे पाते हैं ऐसी परिस्थिति में ज्योतिष विद्वान भी उचित एवं अपेक्षित परिश्रम करने में कंजूसी करने लगते हैं इससे जीवन से जुड़ी ऐसी किसी भी समस्या का वास्तविक ज्योतिष शास्त्रीय समाधान खोजने में ज्योतिष विद्वान भी कंजूसी करने लगते हैं जिससे सम्बंधित विषय में ज्योतिषीय सच कभी सामने नहीं आ पाता है !

 

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