विवाहसुखयोग जिसके भाग्य में जितने प्रतिशत बदा होता है मिलता उतना ही है किसी से भी क्यों न कर ले विवाह !

  जिसका शरीर सुन्दर होगा उसका मन ख़राब होगा जिसका तन मन दोनों सुन्दर होगा उसका आचरण ख़राब होगा और जिसके ये तीनों ठीक होंगे उसका स्वास्थ्य ख़राब होगा यदि स्वास्थ्य भी ठीक है उसे संतान नहीं होगी यदि वो भी हुआ तो व्यापार बिगड़ेगा !कुल मिलाकर आपके जीवन में यदि साठ प्रतिशत विवाह का सुख बदा है तो मिलेगा साठ प्रतिशत ही बाक़ी की कटौती हो जाएगी हो सकता है कि बचा हुआ चालीस प्रतिशत पड़ोसी या पड़ोसिन या किसी और को मिले !किंतु कोई ज्योतिष वैज्ञानिक आपके जीवन को इस तरह से सुव्यवस्थित कर सकता है !जिससे उस साठ प्रतिशत में ही आपको सब कुछ मिले अर्थात थोड़ी थोड़ी कटौती सब में करके जीवन को एक बैलेंश में स्थापित कर दे !अन्यथा उस सुंदरता से क्या लाभ जो अपने लिए न हो औरों के लिए हो !

जानिए  क्यों होते हैं तलाक और क्यों घटती हैं वैवाहिक जीवन में सभी प्रकार की अप्रिय घटनाएँ !और इसे तलने के लिए करने चाहिए क्या कुछ उपाय ?

    यदि भाग्य में बदे के अनुशार ही विवाह सुख मिलना निश्चित है तो लोग अच्छे से अच्छे वर और कन्या खोजकर क्यों करते हैं विवाह ?जानिए ज्योतिष से अपना अपना विवाह सुख योग !

   बंधुओ ! जिसका जैसा विवाह होता है जरूरी नहीं कि उसे विवाह का  सुख भी वैसा  हो! कई बार लोग अपने धन बल से पराक्रम से प्रतिष्ठा से स्वास्थ्य से सुंदरता से या राजनैतिक आदि प्रभाव से या झूठ साँच बोलकर अपने से अधिक सुंदरी कन्या या वर से विवाह तो कर लेते हैं किंतु यदि उसके भाग्य में उतने अच्छे वर या कन्या का सुख  लिखा ही नहीं है तो उसका सुख उसे मिलेगा नहीं उसमें रूकावट आती रहेगी उसका कारण कोई बीमारी हो सकती है कोई अन्यप्रकार का घाटा मुनाफा हो सकता  है अपने पति ता पत्नी के अलावा किसी और से सम्बन्ध भी हो सकते हैं वैसे भी किसी के भाग्य में यदि पति या पत्नी का सुख ही साठ प्रतिशत लिखा हो तो सौ प्रतिशत अच्छे भाग्य और लक्षणों वाली कन्या या वर से विवाह हो जाने पर भी अपने को उसका सुख साठ प्रतिशत ही मिलेगा बाकी बचा चालीस प्रतिशत सुख पड़ोसी को मिले या किसी और को किंतु उसे नहीं मिलेगा जिसके लिए वो देख देख कर घुटता रहेगा जिससे सारा जीवन बोझ की तरह ढोया करता या करती है इसलिए हमारे विचार से किसी भी विवाह या प्रेम सम्बन्ध को आगे बढ़ने देने से पूर्व अपना विवाह सुख योग कितना है ये अपनी जन्मपत्री  दिखाकर पता कर लेना हितकर होगा । 

  किसी के भाग्य में विवाह सुख का योग ही यदि साठ प्रतिशत हो तो उसे चालीस प्रतिशत कम होगा विवाह सुख अर्थात उसे अपनी विवाह संबंधी इच्छाओं में इतना समझौता करके चलना ही पड़ता है अन्यथा टूटते हैं विवाह और होते हैं तलाक ! हमारे समझौता कहने का मतलब अपने विवाह सुख में चालीस प्रतिशत उसे वो कमियाँ स्वीकार करनी पड़ेंगी जो उसे पसंद नहीं होंगी । इस चालीस प्रतिशत कमी में या तो सुन्दरता में कमी होगी या स्वास्थ्य ठीक नहीं होगा या बात व्यवहार रहन सहन आदि का ढंग ठीक नहीं होगा और यदि ये सब ठीक है तो भाग्य में बदे से चालीस प्रतिशत अधिक वाला सुख अपने पति या पत्नी की जगह किसी और को देगा या देगी !ऐसे विवाह सुख दानियों को समाज करप्ट ब्यभिचारी चरित्र हीन आदि कुछ भी कहता है जिसे किसी दूसरे से ये अतिरिक्त वाला विवाह सुख मिलता है वो ऐसे सुखदानियों को अपना प्रेमी या प्रेमिका कहने लगते हैं और ऐसे विवाहसुखदानियों को उनके अपने पति या पत्नी अपने साथ हुई गद्दारी मानते हैं जिससे उनके निजी जीवन में कलह बढ़ने लगता है कई बार संबंध विच्छेद अर्थात तलाक तक होते देखे जाते हैं । इसलिए ऐसे लोगों को चाहिए कि किसी के प्रेम या विवाह के झमेले में पड़ने से पूर्व अपनी जन्मपत्री एकबार हमारे यहाँ से समय लेकर अवश्य दिखा ले जिससे उसे पता लग जाए कि वस्तुतः उसके भाग्य में विवाह सुख वास्तव में बदा कितना है उसी हिसाब से वो अपनी पसंद से उतने प्रतिशत का समझौता स्वयं ही कर ले ताकि भविष्य में ऐसी कोई पीड़ा मिले ही नहीं । जैसे किसी के भाग्य में यदि साठ प्रतिशत विवाह सुख है तो बची हुई चालीस प्रतिशत की कमी में जो समझौता करना है वो ऐसे लोग अपने पसंद से करें !उनके पास इतने विकल्प होते हैं वो अपना जीवन साथी बनाते समय सामान्य सुंदर पति या पत्नी से काम चला लें ,कम शिक्षित या कम धनी पति या पत्नी से काम चला लें !या फिर उनके चरित्र के विषय में उतने प्रतिशत समझौता किया जाए !इसे भले लोग अच्छा नहीं मानते हैं इसलिए ऐसी परिस्थिति में अच्छे लोग उसके चरित्र में समझौता न करके बाक़ी चीजों में थोड़ा थोड़ा समझौता कर लेते हैं जिससे उनका वैवाहिक जीवन गुजारे लायक अच्छा बीत जाता है । यह लाभ उसे ज्योतिष के द्वारा ही मिल सकता  है ऐसी खोज की सुविधा हमारे संस्थान में है क्योंकि अन्य जगहों पर लोग दावे तो बहुत बड़े बड़े करते हैं किंतु उनकी ज्योतिष शिक्षा बिलकुल जीरो होती है 98 प्रतिशत लोगों का हाल यह है कि जो ज्योतिष बिना पढ़े लिखे भी अपने को ज्योतिषी  कहने लगते हैं उनके पास ज्योतिष का न तो कोई अध्ययन होता है और न ही किसी सरकार द्वारा प्रमाणित विश्वविद्यालय की कोई डिग्री !इसलिए ऐसे लोगों से बचते बचाते हमारे संस्थान से संपर्क किया जा सकता है और जाना जा सकता है अपने भाग्य में बदा हुआ विवाह सुख उसी के अनुशार आगे विवाह संबंधी निर्णय लिया जा सकता है जिसका विवाह हो चुका हो उसके लिए भी ऐसे ही वैवाहिक सुखों का शोधन किया जा सकता है । 

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