26 -10-2015 को गीता पाकिस्तान छोड़कर भारत आई थी तब आया था भूकम्प और 25(26) -12 -2015 को मोदी जी पाकिस्तान छोड़कर आए थे तब रात्रि में आया भूकंप आखिर क्यों ?क्या इसका आपस में कोई संबंध है क्या ?और इसका भारत और पाकिस्तान के भविष्य पर भी क्या कुछ होगा असर !और यदि हाँ तो क्या ?जानिए आप भी !
26 -10-2015 को आया भूकंप हो या 25(26) -12 -2015 को आया भूकंप भविष्य विज्ञान की दृष्टि से यदि इसका अध्ययन किया जाए तो ये दोनों भूकम्प जल देवता की कृपा से आए थे इसलिए ये वातावरण ठंडा बनाते हैं आपसी सहनशीलता बढ़ाते हैं जिससे आपस के बैर विरोध समाप्त होते हैं चूँकि इन दोनों भूकंपों का असर भारत पाक दोनों देशों में रहा है इसलिए इसका अर्थ निकाला जाना चाहिए कि भारत पाक के आपसी संबंध सुधारेंगे ,ऐसे भूकम्पों का असर यद्यपि छै महीनों तक रहता है किंतु जैसे जैसे समय बीतता जाता है वैसे वैसे कम होता जाता है। पहले भूकंप का असर अब दिनोंदिन घटने लगा था किंतु 25(26) -12 -2015 को आए भूकंप के प्रभाव से वो प्रभाव फिर से रिचार्ज हो गया है । अब भारत पाकिस्तान की सरकारें आपसी विवाद निपटाने का प्रयास जितना करेंगी उससे कई गुना अधिक सफलता मिलेगी किंतु इसका विशेष असर लगभग साठ दिन तक रहेगा उसके बाद घटता जाएगा !
ऐसे भूकम्पों का असर अतिवर्षा और अतिबाढ़ कारक भी होता है जिसकी चर्चा मैंने अपने 26 -10-2015 वाले लेख में की थी जो बिना किसी संशोधन के वहाँ वैसे ही उपस्थित है अभी भी देखा जा सकता है(seelink ... http://jyotishvigyananusandhan.blogspot.in/2015/10/blog-post_26.html) उसके बाद ही मद्रास में भीषण वर्षा हुई थी इसका ये मतलब कतई नहीं कि हर बार ऐसा ही होगा किंतु ऐसी संभावनाएं होती हैं इससे इंकार नहीं किया जा सकता है कि मद्रास जैसे समुद्र या नदियों के तट पर रहने वाले लोगों के लिये बाढ़ सुनामी या अति वृष्टि की संभावना ऐसे भूकम्पों के बाद रहती है ।
दूसरी बात हर भूकंप के बाद वर्षा विषयक परिकल्पना नहीं की जानी चाहिए केवल जलीय भूकम्पों में ऐसा होता है ये दोनों जलीय भूकम्प हैं इसलिए ऐसी संभावना विशेष बनती है ।
विशेष बात - भविष्य विज्ञान सम्बन्धी हर बात को अंधविश्वास नहीं माना जाना चाहिए यह स्वतंत्र सब्जेक्ट है इसे उसी तरह से लिया जाना चाहिए ।
ये देखिए हमारा 26 -10-2015 को इसी ब्लॉग पर प्रकाशित लेख !
इस भूकंप के विषय में क्या कहता है भारत का प्राचीन विज्ञान !जानिए आप भी -
26 -10-2015 को आए भूकंप की शास्त्र वर्णित विशेषताएँ -
किसी भी भूकंप के कारण जन धन की हानि तो होती ही है किंतु भूकंप प्रभाव से होने वाले शकुन अपशकुनों की दृष्टि से यदि देखा जाए तो ये भूकंप इस क्षेत्र के लोगों में आपसी शांति का कारक होगा देशों एवं लोगों के बीच आपसी सौमनस्य का निर्माण करेगा और इस सात्विक सोच का असर वर्तमान भारत पाक संबंधों में भी सकारात्मक दिखेगा आपसी संबंध सामान्य बनाने के प्रयास फलीभूत होंगे ! इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !इसमें भारत पाक संबंधों को सामान्य बनाने के सफल प्रयास होंगे ।
प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है ! जबकि हिंदू कुश के आस पास समुद्र न होने के कारण संभव है कि समुद्र में हुई जलीय हलचलों से निर्मित गैसों का प्रकटीकरण हुआ हो हिंदूकुश जैसे स्थलों पर ! वैसे शास्त्रीय मान्यताओं के हिसाब से तो ये भूकंप जल जनित ही माना गया है ।
दूसरी बात ऐसे जलीय भूकंपों में आफ्टर शॉक्स नहीं आया करते हैं एक बार ही भूकम्प आता है बस !
तीसरी बात ऐसे भूकंपों से समुद्रों और नदियों के किनारे बसने वाले लोगों की बड़ी क्षति होती है जल जनित बीमारियाँ ,अति वृष्टि या सुनामी जैसी बाधाएँ निकट भविष्य में संभव हैं ।
इसी भूकंप विषय में ये भी पढ़ना चाहिए -
Earthquakes in astrology - Dr.S.N. vajpayee
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