कोरोना जैसी महामारियाँ क्यों होती हैं कब कब होती हैं !कितने समय तक रहती
हैं क्या इनके विषय में पूर्वानुमान लगाया जा सकता है यदि हाँ तो लगाया
क्यों नहीं जाता है और यदि नहीं लगाया जा सकता है तो क्यों ?
आखिर
चिकित्सकीय अनुसंधानों के लिए सरकारें जो धन खर्च करती हैं वो जिस जनता के
द्वारा दिए गए टैक्स के पैसों से इस आशा में खर्च किया जाता है कि ये
अनुसंधान चिकित्सकीय आवश्यकता पड़ने पर हमारे काम आएँगे किंतु जब कोरोना
जैसी महामारियाँ अचानक आकर जनता पर जान घातक हमला करती हैं | इतनी बड़ी
महामारी के विषय में जनता को पहले कभी कोई पूर्वानुमान नहीं बताया गया होता
है इसके समाप्त होने के विषय में कोई पूर्वानुमान नहीं बताया गया होता है |
उसकी चिकित्सा प्रक्रिया नहीं खोजी गई होती है उसके लिए किसी औषधि को नहीं
चिन्हित किया जा सका होता है | ऐसी महामारियों से जनता को स्वयं जूझना
पड़ता है सारा संकट स्वयं सहना पड़ता है तब तक सहना पड़ता है जब तक कि वो
महामारी रहती है |
कुल मिलाकर कोरोना जैसी महामारियों से जूझते समय अपनी प्राण रक्षा के लिए
जब जनता को अपने चिकित्सकीय अनुसंधानों के सहयोग की सबसे अधिक आवश्यकता
होती है उस समय वे अनुसंधान हाथ खड़े कर देते हैं तो ऐसे अनुसंधान जनता के
किस काम के !सामान्य बीमारियाँ तो वैसे भी ठीक हो ही जाती हैं |
चिकित्सामीय अनुसंधानों की अग्नि परीक्षा तो महामारियों के समय ही होती है
जिससे ये पता लग पाता है कि हमारे अनुसंधान किस बिषय में कितने सही सिद्ध
हो पा रहे हैं और जिन महामारियों के विषय में सही नहीं सिद्ध हो पा रहे हैं
उनके लिए क्या किया जाना चाहिए | किसी महामारी के फैलने के समय समाज को
घरों में कैद कर दिया जाना किसी वैज्ञानिक अनुसंधान की उपलब्धि कैसे मानी
जा सकती है |
ये महामारी अभी महीने भर और चलेगी दो महीने या छै महीने और चलेगी इसका
सरकारी तौर पर कोई विश्वसनीय उत्तर न मिल पाने के कारण जनता स्वयं अनुमान
लगाने लगती है आपस में उसकी चर्चा करने लगती हैं |अपनी संभावित आवश्यकताओं
की पूर्ति के लिए सामान जुटाने लगती है | जिनके सामने ऐसी कोई समस्या नहीं
होती हैं उन्हें जनता के द्वारा घबड़ाहट में उठाए जाने वाले कदम अफवाह
फैलाने जैसे लगते हैं तो इसमें जनता को दोषी नहीं माना जा सकता है | यदि
कुछ लोग ऐसी गतिविधियाँ कर भी रहे हों तो इसके लिए उन्हें ही दोषी माना
जाना चाहिए | ऐसी समस्याओं के संपूर्ण समाधान के लिए प्रकृति और जीवन से
संबंधित पूर्वानुमान लगाने के विषय में ऐसे गंभीर अनुसंधानों की आवश्यकता
है जिससे समय रहते वर्षा बाढ़ आँधी तूफान आदि घटनाओं के विषय में
पूर्वानुमान लगाया जा सकता हो | इस विषय में अभी तक ऐसा कुछ भी नहीं खोजा
जा सका है जो प्राकृतिक घटनाओं या आपदाओं या रोगों और महामारियों से
संबंधित किसी पूर्वानुमान की कोई प्रक्रिया खोजी जा सकी हो !ये सबसे अधिक
चिंता की बात है |
सबसे
बड़ा प्रश्न यह है कि महामारी के शुरू होने या उसके समाप्त होने के विषय
में पूर्वानुमान क्यों नहीं लगाए जा सकते हैं ?ये आवश्यक नहीं माने जा रहे
हैं या इनका पूर्वानुमान लगा पाना संभव ही नहीं है | आखिर समस्या क्या है
जनता जानना चाहती है |
'समयविज्ञान' के आधार पर मेरे द्वारा इस प्रकार के जो पूर्वानुमान लगाए जाते हैं उन्हें वर्तमान वैज्ञानिक प्रक्रिया में विज्ञान नहीं माना जाता और जिसे विज्ञान माना जाता है पूर्वानुमान लगाना उसके बश की बात नहीं है यदि होती तो कोरोना जैसी महामारी के विषय में पूर्वानुमान जनता को बताए गए होते और ये महामारी समाप्त कब होगी इसके विषय में भी कुछ भविष्यवाणी की गई होती किंतु ऐसा नहीं किया जा सका ऐसी परिस्थिति में समय विज्ञान के आधार पर मैंने कोरोना को समाप्त होने के विषय में जो पूर्वानुमान लगाए हैं वे यहाँ उद्धृत किए जा रहे हैं |
कोरोना जैसी महामारी के इतने बड़े संकट से निपटने में कुछ समय तो लगेगा किंतु अधिक घबड़ाने की आवश्यकता इसलिए नहीं है क्योंकि इस दृष्टि से जो समय अधिक बिषैला था वो 11 फरवरी तक ही निकल चुका था | इसलिए महामारी का केंद्र रहे वुहान में यहीं से इस रोग पर अंकुश लगना प्रारंभ हो गया था | उसके बाद इस महामारी के वुहान से दक्षिणी और पश्चिमी देशों प्रदेशों में फैलने का समय चल रहा है | जो 24 मार्च 2020 तक चलेगा | उसके बाद इस महामारी का समाप्त होना प्रारंभ हो जाएगा जो क्रमशः 6 मई तक चलेगा | |उसके बाद समय में पूरी तरह सुधार हो जाने के कारण संपूर्ण विश्व अतिशीघ्र इस महामारी से मुक्ति पा सकेगा |यह संदेश प्रधानमंत्री जी को पहले ही भेज दिया गया था !SEE ....
'समयविज्ञान' के आधार पर मेरे द्वारा इस प्रकार के जो पूर्वानुमान लगाए जाते हैं उन्हें वर्तमान वैज्ञानिक प्रक्रिया में विज्ञान नहीं माना जाता और जिसे विज्ञान माना जाता है पूर्वानुमान लगाना उसके बश की बात नहीं है यदि होती तो कोरोना जैसी महामारी के विषय में पूर्वानुमान जनता को बताए गए होते और ये महामारी समाप्त कब होगी इसके विषय में भी कुछ भविष्यवाणी की गई होती किंतु ऐसा नहीं किया जा सका ऐसी परिस्थिति में समय विज्ञान के आधार पर मैंने कोरोना को समाप्त होने के विषय में जो पूर्वानुमान लगाए हैं वे यहाँ उद्धृत किए जा रहे हैं |
कोरोना जैसी महामारी के इतने बड़े संकट से निपटने में कुछ समय तो लगेगा किंतु अधिक घबड़ाने की आवश्यकता इसलिए नहीं है क्योंकि इस दृष्टि से जो समय अधिक बिषैला था वो 11 फरवरी तक ही निकल चुका था | इसलिए महामारी का केंद्र रहे वुहान में यहीं से इस रोग पर अंकुश लगना प्रारंभ हो गया था | उसके बाद इस महामारी के वुहान से दक्षिणी और पश्चिमी देशों प्रदेशों में फैलने का समय चल रहा है | जो 24 मार्च 2020 तक चलेगा | उसके बाद इस महामारी का समाप्त होना प्रारंभ हो जाएगा जो क्रमशः 6 मई तक चलेगा | |उसके बाद समय में पूरी तरह सुधार हो जाने के कारण संपूर्ण विश्व अतिशीघ्र इस महामारी से मुक्ति पा सकेगा |यह संदेश प्रधानमंत्री जी को पहले ही भेज दिया गया था !SEE ....
ऐसी महामारियों को सदाचरण स्वच्छता उचित आहार विहार आदि धर्म कर्म ,ईश्वर
आराधन एवं ब्रह्मचर्य आदि के अनुपालन से जीता जा सकता है |इसमें चिकित्सकीय
प्रयासों का बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा | क्योंकि महामारियों में होने
वाले रोगों का न कोई लक्षण होता है न निदान और न ही कोई औषधि होती है |
किसी भी महामारी की शुरुआत समय के बिगड़ने से होती है और समय के सुधरने पर
ही महामारी की समाप्ति होती है | समय से पहले इस पर नियंत्रण करने के लिए
अपनाए जाने वाले प्रयास उतने अधिक प्रभावी नहीं होते हैं |
किसी महामारी पर नियंत्रण न हो पाने का कारण यह है कि कोई भी महामारी तीन
चरणों में फैलती है और तीन चरणों में ही समाप्त होती है | महामारी फैलते
समय सबसे बड़ी भूमिका समय की होती है | सबसे पहले समय की गति बिगड़ती है
ऋतुएँ समय के आधीन हैं इसलिए अच्छे या बुरे समय का प्रभाव सबसे पहले ऋतुओं
पर पड़ता है ऋतुओं का प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है उसका प्रभाव वृक्षों
बनस्पतियों फूलों फलों फसलों आदि समस्त खाने पीने की वस्तुओं पर पड़ता है
वायु और जल पर भी पड़ता है इससे वहाँ के कुओं नदियों तालाबों आदि का जल
प्रदूषित हो जाता है | इन परिस्थितियों का प्रभाव जीवन पर पड़ता है इसलिए
शरीर ऐसे रोगों से पीड़ित होने लगते हैं जिनमें चिकित्सा का प्रभाव बहुत कम
पड़ पाता है |
विशेष बात यह है जो औषधियाँ बनस्पतियाँ आदि ऐसे रोगों में लाभ
पहुँचाने के लिए जानी जाती रही हैं बुरे समय का प्रभाव उन पर भी पड़ने से वे
उतने समय के लिए निर्वीर्य अर्थात गुण रहित हो जाती हैं जिससे उनमें
रोगनिवारण की क्षमता नष्ट हो जाती है |
महामारी समय के बिगड़ने से प्रारम्भ होती है और समय के सुधरने से ही
समाप्त होती है प्रयत्नों का बहुत अधिक लाभ नहीं मिल पाता है |पहले समय की
गति सँभलती है उस प्रभाव से ऋतुविकार नष्ट होते हैं उससे पर्यावरण सँभलता
है |उसका प्रभाव वृक्षों बनस्पतियों फूलों फलों फसलों आदि समस्त खाने पीने
की
वस्तुओं पर पड़ता है वायु और जल पर पड़ता है |कुओं नदियों तालाबों आदि का
जल प्रदूषण मुक्त होकर जीवन के लिए हितकारी होने लग जाता है |
इसमें कोई संशय नहीं है कि वर्तमान विश्व का जो चिकित्सा विज्ञान अपने
अनुसंधानों की अच्छाई के कारण नित्य नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है वही
विज्ञान इतनी बड़ी कोरोना जैसी महामारी का पूर्वानुमान लगाने में सफल नहीं
हो सका !यह स्वीकार करने में भी कोई संकोच नहीं होना चाहिए |
इस महामारी के होने का कारण क्या है इसके लक्षण क्या हैं और इससे मुक्ति पाने के लिए उचित औषधि क्या है इसके साथ ही यह कोरोना अभी कब तक और परेशान करेगा !इस विषय में कुछ काल्पनिक बातों के अतिरिक्त वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर कुछ भी कह पाना संभव नहीं हो पाया है |
यह स्थिति केवल कोरोना जैसी इसी महामारी की नहीं है अपितु जब भी कोई महामारी आती है तब इसी प्रकार की ऊहापोह की स्थिति का सामना उसे करना पड़ता है इस विषय में हजार वर्ष पहले जो स्थिति थी वही स्थिति आज भी बनी हुई है |
किसी महामारी के फैलने के समय जब वर्तमान समय के अत्यंत विकसित चिकित्सा विज्ञान की सबसे अधिक आवश्यकता समाज को होती है तब जनता को केवल भाग्य के सहारे ही नियति को स्वीकार करना पड़ता है | इस क्षेत्र में विज्ञान की विशेषता का कोई विशेष लाभ नहीं लिया जा सका है | महामारी पनपने पर जनता को केवल भाग्य के भरोसे ही रहना पड़ता है | ऐसा एक दो बार नहीं अपितु अनेकों बार अनुभव किया जा चुका है जैसा कि आज हो रहा है |
ऐसी परिस्थिति में किसी भी महामारी का संकट समाज को तब तक सहना पड़ता है जब तक कि वह महामारी रहती है जब वह महामारी समाप्त होना शुरू होती है तब धीरे धीरे स्वयं ही समाप्त होती है इसमें मनुष्यकृत प्रयासों की बहुत अधिक भूमिका नहीं होती है फिर भी महामारी समाप्त होने के समय में जो प्रकार के उपाय कर रहा होता है उसे लगता है कि वह उसी उपाय से स्वस्थ हुआ है इसी प्रकार से सरकारों को लगता है कि उन्होंने जो जितने प्रयास किए हैं उसी से इस महामारी से मुक्ति मिली है जबकि ऐसा दवा करने का मतलब सच्चाई से मुख मोड़ना होता है |
हमें हमेंशा याद रखना चाहिए कि जो रोग हमारे खान पान रहन सहन आचार व्यवहार आदि के बिगड़ जाने के कारण होते हैं ऐसे रोग खान पान रहन सहन आचार व्यवहार आदिके सँभालने से ही पीछा छोड़ते हैं | विशेष बात यह है कि महामारी जैसे जो रोग बुरे समय के कारण प्रारंभ होते हैं ऐसे रोगों की समाप्ति भी अच्छे समय के आने पर ही होती है इनमें प्रयास प्रायः निरर्थक होते देखे जाते हैं | जहाँ तक महामारी पनपने की बात है तो समय के प्रभाव से ही पैदा होती है और समय के प्रभाव से ही समाप्त होती है इसमें खान पान आदि को दोष नहीं दिया जा सकता है | क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का खानपान एक साथ नहीं बिगड़ सकता है |
ऐसी महामारियों से सबसे अधिक पीड़ित वे लोग होते हैं जिनका इसी समय में ही अपना व्यक्तिगत समय भी ख़राब आ गया होता है अन्यथा जिन क्षेत्रों में महामारी के कारण बहुत सारे लोगों की मृत्यु होते देखी जाती है उन्हीं क्षेत्रों में बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं को जीवन लीला उन्हीं क्षेत्रों में बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी होता है कि वह बिल्कुल स्वस्थ बना रहता है उसे किसी प्रकार का कोई रोग पीड़ा परेशानी आदि नहीं होने पाती है और वह बिलकुल स्वस्थ बना रहता है |क्योंकि उसका अपना समय अच्छा चल रहा होता है | इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को इस बात की जानकारी आगे से आगे रखनी चाहिए कि उसका समय कब कैसा चल रहा है | जिसका समय अच्छा न चल रहा हो उसे महामारियों के समय में विशेष अधिक सतर्कता बरतनी होती है अन्यथा उनमें से बहुत लोगों के जीवन की रक्षा होना कठिन होते देखा जाता है |
इसीलिए आयुर्वेद की चरक और सुश्रुत आदि संहिताओं में महामारी फैलने तथा उनके समाप्त होने से संबंधित पूर्वानुमान लगाने की जो विधि बताई गई है उसे आधुनिकविज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान नहीं मानने की सरकारी परंपरा है | इस कारण ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकारी तौर पर अधिकृत लोग ये काम स्वयं इसलिए नहीं कर पाते हैं क्योंकि आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में जब रोगों का पूर्वानुमान लगाने की ही कोई विज्ञान विधा नहीं है तो पूर्वानुमान लगाया भी कैसे जाए |
ऐसी परिस्थिति में सरकारी तौर पर जिसे विज्ञान मानने का रिवाज है वो पूर्वानुमान लगाने में सक्षम नहीं है और जो विज्ञान पूर्वानुमान लगाने में सक्षम हैआधुनिक विज्ञान के विद्वान् लोग उसे विज्ञान नहीं मानते भले ही उससे अर्जित किए गए पूर्वानुमान कितने भी सही एवं सटीक क्यों न हों | जिस विषय को वे विज्ञान नहीं मानते हैं उन्हीं के चश्मे से झांकने वाली सरकारों का आत्मबल इतना मजबूत नहीं होता कि वे ऐसी परिस्थिति में दोनों विज्ञान विधाओं का परीक्षण करके जो सच लगे जनहित में उसे स्वीकार करें | सरकारों की इस दुर्बलता का दंड जनता को भोगना पड़ता है |
मौसम समेत किसी भी क्षेत्र से संबंधित पूर्वानुमान लगाने में अक्षम आधुनिक विज्ञान की इस अयोग्यता का दंड समाज को प्रत्येक क्षेत्र में भोगना पड़ा रहा है | दूर की बातें न की जाएँ तो भी पिछले दस वर्षों में जितनी भी बड़ी प्राकृतिक आपदाएँ घटित हुई हैं उनमें से किसी का भी पूर्वानुमान नहीं बताया जा सका है जो बताए भी जाते हैं वे अक्सर गलत ही होते देखे जाते हैं |
भूकंप के विषय में तो अयोग्यता स्वीकार भी की जाती है किंतु वर्षा बाढ़ आँधी तूफानों आदि का पूर्वानुमान लगाने के लिए रडारों उपग्रहों से प्राप्त चित्रों के द्वारा ऐसी घटनाओं की जासूसी कर ली जाती है कि कौन बादल या तूफ़ान कितनी गति से कब किधर जा रहे हैं उसी हिसाब से अंदाजा लगा लिया जाता है यदि हवा का रुख नहीं बदला तो कभी कभी तुक्का सही भी हो जाता है अन्यथा अक्सर गलत ही होता है |मौसम पूर्वानुमान से संबंधित ऐसे तीर तुक्के जब जब गलत निकल जाते हैं तो वो अपने द्वारा की गई तथाकथित भविष्यवाणी के गलत हो जाने की बात को न स्वीकार करके अपितु ग्लोबल वार्मिंग जलवायुपरिवर्तन अलनीनों ला नीना जैसी काल्पनिक बातें बोलकर इतनी बड़ी गलती को हवा में उड़ा दिया जाता है |
इसलिए इतना तो तय है कि पूर्वानुमान लगाने की पद्धति अभीतक खोजी नहीं जा सकी है इसीलिए मौसम संबंधी पूर्वानुमान प्रायः गलत होते देखे जाते हैं |जिनके विषय में अनुसंधान की कोई तकनीक यदि खोजी जा सकी होती तो मौसम के साथ साथ प्रकृति एवं जीवन से जुड़े सभी विषयों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता था |उसी तकनीक से कोरोना जैसी महामारी होने से पूर्व एवं इसके होने तथा समाप्त होने संबंधी पूर्वानुमान लगाया जा सकता था |
प्रकृति और जीवन से संबंधित अच्छी और बुरी सभी प्रकार की घटनाऍं समय के साथ साथ घटित होती रहती हैं अच्छा समय आता है तब अच्छी घटनाएँ घटित होती हैं और बुरा समय आता है तब भूकंप आँधी तूफ़ान वर्षा बाढ़ जैसी प्राकृतिक दुर्घटनाएँ घटित हुआ करती हैं जब समय बहुत अधिक बुरा होता है तब बड़ी दुर्घटनाओं के साथ साथ समय समय पर होने वाले रोग महामारियों का रूप ले लिया करते हैं और वे तब तक रहते हैं जब तक बुरे समय का प्रभाव रहता है और समय बदलते ही ही वे स्वयं ही समाप्त हो जाया करते हैं | जिस पर मैं विगत लगभग तीस वर्षों से अनुसंधान करता चला आ रहा हूँ | उसी 'समयविज्ञान' के आधार पर मैंने कोरोना जैसी महामारी के विषय में भी प्रयास किया है |
इस महामारी के होने का कारण क्या है इसके लक्षण क्या हैं और इससे मुक्ति पाने के लिए उचित औषधि क्या है इसके साथ ही यह कोरोना अभी कब तक और परेशान करेगा !इस विषय में कुछ काल्पनिक बातों के अतिरिक्त वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर कुछ भी कह पाना संभव नहीं हो पाया है |
यह स्थिति केवल कोरोना जैसी इसी महामारी की नहीं है अपितु जब भी कोई महामारी आती है तब इसी प्रकार की ऊहापोह की स्थिति का सामना उसे करना पड़ता है इस विषय में हजार वर्ष पहले जो स्थिति थी वही स्थिति आज भी बनी हुई है |
किसी महामारी के फैलने के समय जब वर्तमान समय के अत्यंत विकसित चिकित्सा विज्ञान की सबसे अधिक आवश्यकता समाज को होती है तब जनता को केवल भाग्य के सहारे ही नियति को स्वीकार करना पड़ता है | इस क्षेत्र में विज्ञान की विशेषता का कोई विशेष लाभ नहीं लिया जा सका है | महामारी पनपने पर जनता को केवल भाग्य के भरोसे ही रहना पड़ता है | ऐसा एक दो बार नहीं अपितु अनेकों बार अनुभव किया जा चुका है जैसा कि आज हो रहा है |
ऐसी परिस्थिति में किसी भी महामारी का संकट समाज को तब तक सहना पड़ता है जब तक कि वह महामारी रहती है जब वह महामारी समाप्त होना शुरू होती है तब धीरे धीरे स्वयं ही समाप्त होती है इसमें मनुष्यकृत प्रयासों की बहुत अधिक भूमिका नहीं होती है फिर भी महामारी समाप्त होने के समय में जो प्रकार के उपाय कर रहा होता है उसे लगता है कि वह उसी उपाय से स्वस्थ हुआ है इसी प्रकार से सरकारों को लगता है कि उन्होंने जो जितने प्रयास किए हैं उसी से इस महामारी से मुक्ति मिली है जबकि ऐसा दवा करने का मतलब सच्चाई से मुख मोड़ना होता है |
हमें हमेंशा याद रखना चाहिए कि जो रोग हमारे खान पान रहन सहन आचार व्यवहार आदि के बिगड़ जाने के कारण होते हैं ऐसे रोग खान पान रहन सहन आचार व्यवहार आदिके सँभालने से ही पीछा छोड़ते हैं | विशेष बात यह है कि महामारी जैसे जो रोग बुरे समय के कारण प्रारंभ होते हैं ऐसे रोगों की समाप्ति भी अच्छे समय के आने पर ही होती है इनमें प्रयास प्रायः निरर्थक होते देखे जाते हैं | जहाँ तक महामारी पनपने की बात है तो समय के प्रभाव से ही पैदा होती है और समय के प्रभाव से ही समाप्त होती है इसमें खान पान आदि को दोष नहीं दिया जा सकता है | क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का खानपान एक साथ नहीं बिगड़ सकता है |
ऐसी महामारियों से सबसे अधिक पीड़ित वे लोग होते हैं जिनका इसी समय में ही अपना व्यक्तिगत समय भी ख़राब आ गया होता है अन्यथा जिन क्षेत्रों में महामारी के कारण बहुत सारे लोगों की मृत्यु होते देखी जाती है उन्हीं क्षेत्रों में बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं को जीवन लीला उन्हीं क्षेत्रों में बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी होता है कि वह बिल्कुल स्वस्थ बना रहता है उसे किसी प्रकार का कोई रोग पीड़ा परेशानी आदि नहीं होने पाती है और वह बिलकुल स्वस्थ बना रहता है |क्योंकि उसका अपना समय अच्छा चल रहा होता है | इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को इस बात की जानकारी आगे से आगे रखनी चाहिए कि उसका समय कब कैसा चल रहा है | जिसका समय अच्छा न चल रहा हो उसे महामारियों के समय में विशेष अधिक सतर्कता बरतनी होती है अन्यथा उनमें से बहुत लोगों के जीवन की रक्षा होना कठिन होते देखा जाता है |
इसीलिए आयुर्वेद की चरक और सुश्रुत आदि संहिताओं में महामारी फैलने तथा उनके समाप्त होने से संबंधित पूर्वानुमान लगाने की जो विधि बताई गई है उसे आधुनिकविज्ञान के क्षेत्र में विज्ञान नहीं मानने की सरकारी परंपरा है | इस कारण ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए सरकारी तौर पर अधिकृत लोग ये काम स्वयं इसलिए नहीं कर पाते हैं क्योंकि आधुनिक विज्ञान के क्षेत्र में जब रोगों का पूर्वानुमान लगाने की ही कोई विज्ञान विधा नहीं है तो पूर्वानुमान लगाया भी कैसे जाए |
ऐसी परिस्थिति में सरकारी तौर पर जिसे विज्ञान मानने का रिवाज है वो पूर्वानुमान लगाने में सक्षम नहीं है और जो विज्ञान पूर्वानुमान लगाने में सक्षम हैआधुनिक विज्ञान के विद्वान् लोग उसे विज्ञान नहीं मानते भले ही उससे अर्जित किए गए पूर्वानुमान कितने भी सही एवं सटीक क्यों न हों | जिस विषय को वे विज्ञान नहीं मानते हैं उन्हीं के चश्मे से झांकने वाली सरकारों का आत्मबल इतना मजबूत नहीं होता कि वे ऐसी परिस्थिति में दोनों विज्ञान विधाओं का परीक्षण करके जो सच लगे जनहित में उसे स्वीकार करें | सरकारों की इस दुर्बलता का दंड जनता को भोगना पड़ता है |
मौसम समेत किसी भी क्षेत्र से संबंधित पूर्वानुमान लगाने में अक्षम आधुनिक विज्ञान की इस अयोग्यता का दंड समाज को प्रत्येक क्षेत्र में भोगना पड़ा रहा है | दूर की बातें न की जाएँ तो भी पिछले दस वर्षों में जितनी भी बड़ी प्राकृतिक आपदाएँ घटित हुई हैं उनमें से किसी का भी पूर्वानुमान नहीं बताया जा सका है जो बताए भी जाते हैं वे अक्सर गलत ही होते देखे जाते हैं |
भूकंप के विषय में तो अयोग्यता स्वीकार भी की जाती है किंतु वर्षा बाढ़ आँधी तूफानों आदि का पूर्वानुमान लगाने के लिए रडारों उपग्रहों से प्राप्त चित्रों के द्वारा ऐसी घटनाओं की जासूसी कर ली जाती है कि कौन बादल या तूफ़ान कितनी गति से कब किधर जा रहे हैं उसी हिसाब से अंदाजा लगा लिया जाता है यदि हवा का रुख नहीं बदला तो कभी कभी तुक्का सही भी हो जाता है अन्यथा अक्सर गलत ही होता है |मौसम पूर्वानुमान से संबंधित ऐसे तीर तुक्के जब जब गलत निकल जाते हैं तो वो अपने द्वारा की गई तथाकथित भविष्यवाणी के गलत हो जाने की बात को न स्वीकार करके अपितु ग्लोबल वार्मिंग जलवायुपरिवर्तन अलनीनों ला नीना जैसी काल्पनिक बातें बोलकर इतनी बड़ी गलती को हवा में उड़ा दिया जाता है |
इसलिए इतना तो तय है कि पूर्वानुमान लगाने की पद्धति अभीतक खोजी नहीं जा सकी है इसीलिए मौसम संबंधी पूर्वानुमान प्रायः गलत होते देखे जाते हैं |जिनके विषय में अनुसंधान की कोई तकनीक यदि खोजी जा सकी होती तो मौसम के साथ साथ प्रकृति एवं जीवन से जुड़े सभी विषयों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता था |उसी तकनीक से कोरोना जैसी महामारी होने से पूर्व एवं इसके होने तथा समाप्त होने संबंधी पूर्वानुमान लगाया जा सकता था |
प्रकृति और जीवन से संबंधित अच्छी और बुरी सभी प्रकार की घटनाऍं समय के साथ साथ घटित होती रहती हैं अच्छा समय आता है तब अच्छी घटनाएँ घटित होती हैं और बुरा समय आता है तब भूकंप आँधी तूफ़ान वर्षा बाढ़ जैसी प्राकृतिक दुर्घटनाएँ घटित हुआ करती हैं जब समय बहुत अधिक बुरा होता है तब बड़ी दुर्घटनाओं के साथ साथ समय समय पर होने वाले रोग महामारियों का रूप ले लिया करते हैं और वे तब तक रहते हैं जब तक बुरे समय का प्रभाव रहता है और समय बदलते ही ही वे स्वयं ही समाप्त हो जाया करते हैं | जिस पर मैं विगत लगभग तीस वर्षों से अनुसंधान करता चला आ रहा हूँ | उसी 'समयविज्ञान' के आधार पर मैंने कोरोना जैसी महामारी के विषय में भी प्रयास किया है |
20-March -2020 से चीन के वुहान में बिल्कुल समाप्त हो गया है कोरोना इसलिए ख़ुशी में पटाखे छूटा रहे हैं वुहान के लोग !see more... https://hindi.news18.com/news/knowledge/fireworks-in-wuhan-as-checkpoints-are-taken-down-other-cities-in-china-ease-controls-knowat-2952829.html
ReplyDeleteभारत में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी 2020 को रिपोर्ट हुआ.
ReplyDeleteपहले केस से 100 केस होने में 45 दिन लगे. अब लगभग हर पांच दिन में भारत में कोरोना संक्रमण के केस दोगुने हो रहे हैं.see more....https://hindi.news18.com/news/nation/coronavirus-outbreak-in-india-statewise-covid-19-cases-and-death-toll-numbers-2955967.html
24-3-2020 पिछले 24 घंटे में एक भी कोरोना संक्रमित नहीं मिला !SEE MORE... https://epaper.livehindustan.com/imageview_4086_128164912_4_1_24-03-2020_5_i_1_sf.html
ReplyDeleteभारत में कोरोना वायरस का पहला केस 30 जनवरी 2020 को रिपोर्ट हुआ.
ReplyDeleteपहले केस से 100 केस होने में 45 दिन लगे. अब लगभग हर पांच दिन में भारत में कोरोना संक्रमण के केस दोगुने हो रहे हैं.see more....https://hindi.news18.com/news/nation/coronavirus-outbreak-in-india-statewise-covid-19-cases-and-death-toll-numbers-2955967.html
WHO ने 'लॉकडाउन' करने वाले देशों को चेताया- इससे खत्म नहीं होगा कोरोना का खतरा, हमें और भी !
ReplyDeleteकोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर दुनियाभर में तेजी से अपना पांव पसार रहा है और ऐसे में संक्रमण को रोकने के लिए कई देश अलग-अलग तरीके अपना रहे हैं.
Reported by: ANI, Edited by: अल्केश कुशवाहा, Updated: 26 मार्च, 2020 11:39 AM
see more...https://khabar.ndtv.com/news/world/whos-general-tedros-adhanom-ghebreyesus-warns-lockdown-countries-on-coronavirus-2200883
BBC News Hindiजानवरों से इंCorona Virus कैसे और किन Animals से इंसानों में घुसा है?
ReplyDeleteजानवरों से इंसानों में जानलेवा कोरोना वायरस कैसे पहुंचा, इसे पता करने की कोशिश जारी है. हेलेन ब्रिग्स ने इस बात की पड़ताल की है कि वैज्ञानिक कैसे कोरोना वायरस के स्रोत को खोजने की कोशिश कर रहे हैं.see more...https://www.youtube.com/watch?v=FcQ7zpzkYgg
27 मार्च 2020 पैंगोलिन में मिला कोरोना से मिलता-जुलता वायरस, नए शोध में चेतावनी !see more...https://aajtak.intoday.in/gallery/pangolins-can-carry-coronaviruses-closely-related-to-pandemic-strain-tlif-1-47994.html
ReplyDeleteपटना एम्स में कोरोना संदिग्ध मरीजों में आयी कमी
ReplyDeleteBy Rajat Kumar Updated Date Sat, Mar 28, 2020, 11:43 AM IST
see more...https://www.prabhatkhabar.com/state/bihar/patna/coronavirus-lockdown-in-bihar-live-updates-28-march
प्राकृतिक है कोरोना वायरस, लैब में नहीं बनाया गया
ReplyDeleteमदन जैड़ा ,नई दिल्ली
Last updated: Thu, 26 Mar 2020 09:54 AM
see more....https://www.livehindustan.com/health/story-coronavirus-covid19-is-natural-not-lab-made-according-to-research-3108806.html
कोरोना वायरस क्या हवा से भी फैल सकता है?
ReplyDeleteकीर्ति दुबे बीबीसी संवाददाता 24 मार्च 2020
see more...https://www.bbc.com/hindi/india-52017709
कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं फिर भी देश में कैसे ठीक हो रहे हैं लोग?
ReplyDeleteबीबीसी Updated Wed, 01 Apr 2020 11:06 AM IST
see more...https://www.amarujala.com/india-news/india-fights-coronavirus-by-immunity-social-distancing-good-food-and-lock-down
भारत में धीमी है संक्रमण फैलने की रफ्तार,
ReplyDeleteLast Updated: April 1, 2020, 4:35 PM IST
see more....https://hindi.news18.com/news/knowledge/the-speed-of-coronavirus-is-slow-in-india-know-how-would-successful-the-lockdown-achknow-2978866.html
राहत की खबर: कोरोना के 98 प्रतिशत मरीजों में हल्का संक्रमण, सिर्फ 20 को ही वेंटिलेटर रखने की आई नौबत !
ReplyDeleteविशेष संवाददाता, हिन्दुस्तान,नई दिल्ली। Last updated: Tue, 31 Mar 2020 08:55 see more....https://www.livehindustan.com/national/story-coronavirus-good-news-98-percent-covid-19-positive-patients-have-mild-infection-only-20-are-on-ventilator-3120181.html
चीन के वैज्ञानिक का दावा- 4 हफ्तों में कम होंगे कोरोना वायरस के मामले !
ReplyDelete02 अप्रैल 2020
see more...https://aajtak.intoday.in/gallery/china-top-coronavirus-expert-says-pandemic-will-decline-in-four-weeks-tstr-1-48285.html
10-4-2020कोरोना संक्रमण की दर देश में काफी कम !
ReplyDeleteपिछले एक महीने में नहीं बढ़ा कोरोना see more....https://epaper.livehindustan.com/
अमेरिकन स्टडी का दावा- गर्म मौसम नहीं करेगा कोरोना वायरस को रोकने में मदद!
ReplyDeleteस्टडी में कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग और निजी सुरक्षा ही फिलहाल कोरोना वायरस का इलाज है. Last Updated: April 10, 2020, 11:17 AM IST
see more...https://hindi.news18.com/news/world/american-study-claims-hot-weather-will-not-help-prevent-corona-virus-3002263.html
5 अप्रैल को असम में आया था भूकंप !
ReplyDeleteअसम में कोरोना वायरस से पहली मौत, जमात के कार्यक्रम में हुआ था शामिल
भाषा,गुवाहाटी
Last updated: Fri, 10 Apr 2020 09:15 AM
see....https://www.livehindustan.com/national/story-coronavirus-first-death-due-to-covid-19-in-assam-3140120.html
नेपाल के रास्ते भारत में कोरोना वायरस फैलाने की साजिश, डीएम ने कहा- 40-50 लोग सीमा में घुसे
ReplyDeleteलाइव हिन्दुस्तान टीम ,पटनाLast updated: Fri, 10 Apr 2020 04:21 PM
see more...https://www.livehindustan.com/bihar/story-ssb-halerted-sp-dm-of-west-champaran-and-bihar-government-as-man-plotting-for-spreading-coronavirus-in-state-sitting-in-nepal-3140513.html
सितंबर में अपने चरम पर होगा Coronavirus, भारत की 58% आबादी हो सकती है संक्रमित: CM अमरिंदर
ReplyDeleteApr 11, 2020, 11:26 AM IST
वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने एक चौंकाने वाली बात कही. उन्होंने स्वास्थ्य विशेषज्ञों का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले समय में कोरोना वायरस से स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है see more...https://zeenews.india.com/hindi/india/states/cm-captain-amarinder-singh-says-covid-19-will-be-on-its-peak-by-mid-september/666176
अधिक वायु प्रदूषण क्षेत्र में रहने वाले लोगों पर कोरोना से मरने का अधिक खतरा: शोध
ReplyDeleteपीटीआई, बोस्टन Updated Wed, 08 Apr 2020 06:35 PM IST
अधिक वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में रहने से कोविड-19 के कारण मौत होने का अधिक जोखिम है। ऐसा अमेरिका में किए गए एक अध्ययन में दावा किया गया है।
हार्वर्ड टी एच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के शोधकर्ताओं ने कहा कि शोध में सबसे पहले लंबी अवधि तक हवा में रहने वाले सूक्ष्म प्रदूषक कण (पीएम2.5) और अमेरिका में कोविड-19 से मौत के खतरा के बीच के संबंध का जिक्र किया गया है। ये सूक्ष्म प्रदूषक कण कारों, रिफाइनरियों और बिजली संयंत्रों में see more...https://www.amarujala.com/world/high-air-pollution-to-higher-coronavirus-death-rates-research
देश के 25 जिलों में 14 दिनों से नहीं आए कोरोना के नए मामले, कुल 9152 मरीज, 857 हुए ठीक
ReplyDeleteCorona cases in india: भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय (Health ministry) ने बताया है देश में कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 9152 है, जिसे में 857 लोग ठीक हुए हैं। अब तक 308 लोगों की मौत भी हुई है।
Nilesh Mishra | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 13 Apr 2020, 05:30:00 PM IST see more....https://navbharattimes.indiatimes.com/india/25-districts-does-not-have-new-cases-of-coronavirus-says-health-ministry-total-covid-19-cases-reaches-to-9152-total-857-recovered/articleshow/75122458.cms
ReplyDeleteतब्लीगी जमातियों ने दिया झटका तो लॉकडाउन ने थामी कोरोना संक्रमण की रफ्तार
Publish Date:Thu, 16 Apr 2020 09:57 AM (IST)
लॉकडाउन से एक सप्ताह पहले यानी 18 से 24 मार्च के बीच के आंकड़े पर यदि हम गौर करें तो उस समय संक्रमितों की संख्या 3.3 दिन में दोगुनी हो रही थी, जबकि लॉकडाउन के पहले सप्ताही यानी 25 से 31 मार्च के बीच मरीजों के दोगुनी होने की दर पांच दिन तक खिंची see more...https://www.jagran.com/news/national-tablighi-jamaat-blow-gave-lockdown-halts-corona-infection-jagran-special-20194710.html
Covid-19: देश में क्या उतर रहा कोरोना का ग्राफ? मुंबई में नए मामलों में 35 % कमी, दिल्ली में सिर्फ 17 नए केस !
ReplyDeleteChandra Pandey | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 16 Apr 2020,
देश में बुधवार को कोरोना वायरस के नए मामलों में करीब एक चौथाई की कमी आई। सबसे बुरी तरह प्रभावित मुंबई में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इसी तरह दिल्ली में बुधवार को सिर्फ 17 नए केस आए जो पूरे अप्रैल महीने में सिंगल डे केस का सबसे कम आंकड़ा है see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/india/coronavirus-in-india-curve-flattening-new-cases-dip-in-hotspots-delhi-mumbai-25-percent-drop-in-national-level/articleshow/75172364.cms
देश में 3 दिन से कम हो रहे कोरोना मरीज, दिल्ली-मुंबई से राहत, राजस्थान-मध्य प्रदेश ने बढ़ाई टेंशन
ReplyDeleteएजेंसियां,नई दिल्ली
Last updated: Thu, 16 Apr 2020 12:14 PM
see more...https://www.livehindustan.com/national/story-coronavirus-cases-in-india-new-cases-decreasing-in-delhi-and-maharashtra-increasing-in-rajasthan-and-mp-3153724.html
संक्रमण के फैलाव में थोड़ी राहत !
ReplyDelete16 अप्रैल, 2020
see more... https://epaper.livehindustan.com/imageview_43172_78973406_4_1_16-04-2020_2_i_1_sf.html
दैनिक भास्करApr 14, 2020, 05:00 AM IST
ReplyDeleteदिल्ली. सोमवार को आए भूकंप का केंद्र नई दिल्ली से 12 किमी उत्तर वजीराबाद और सोनिया विहार के बीच में रहा। रविवार को भी इसी के आसपास का केंद्र था।भारतीय भूकंप वैज्ञानिक डॉ. अरुण बापत का कहना है कि रविवार और सोमवार के भूकंप में आपसी कोई संबंध नहीं है। दोनो में 30 किमी का फासला था।see more....https://www.bhaskar.com/local/delhi-ncr/news/earthquake-for-the-third-time-in-a-week-experts-said-earthquake-may-occur-several-times-in-24-hours-no-need-to-panic-127163614.html
दैनिक भास्करApr 14, 2020, 05:00 AM IST
ReplyDeleteमहाराष्ट्र में पालघर में नवंबर, 2018 से 2019 के बीच कई बार भूकंप के झटके आए और केंद्र भी वही रहा।भूकंप वैज्ञानिक डॉ. अरुण बापत का कहना है कि रविवार और सोमवार के भूकंप में आपसी कोई संबंध नहीं है। दोनो में 30 किमी का फासला था। महाराष्ट्र में लगातार करीब एक साल के भूकंप के झटके आते रहे थे लेकिन इनके केंद्रों के बीबच की दूरी 20-80 किमी तक रहती है।बंगाल में भी 60-70 साल पहले ऐसे छोटे-छोटे भूकंप आए थे। अफवाह आए तो विश्वास मत करिए। कोरोना से कोई ताल्लुक नहीं है।
see more....https://www.bhaskar.com/local/delhi-ncr/news/earthquake-for-the-third-time-in-a-week-experts-said-earthquake-may-occur-several-times-in-24-hours-no-need-to-panic-127163614.html
मई के पहले सप्ताह में बढ़ेंगे कोरोना के मरीज, फिर तेजी से आएगी कमी!
ReplyDeleteLast Updated: April 17, 2020, 9:44 AM IST
गृह मंत्रालय (Home Ministry) की ओर से किए गए एक आंतरिक सर्वेक्षण में पता चला है कि मई के पहले सप्ताह में कोरोना के मरीजों में काफी तेजी देखने को मिलेगी. हालांकि इसके बाद कोरोना मरीजों की संख्या धीरे-धीरे कम होने लगेगी.see more... https://hindi.news18.com/news/nation/corona-patients-will-increase-in-first-week-of-may-then-will-decrease-rapidly-3024058.html
17 अप्रैल 2020 : 19 राज्यों में घटने लगा कोरोना - स्वास्थ्य मंत्रालय
ReplyDeletesee more... https://www.jansatta.com/national/coronavirus-latest-news-in-india-live-updates-today-in-hindi-covid-19-tracker-india-live-corona-virus-cases-in-india-state-wise-today-live-status-update-at-covid19india-org-read-covid-19-india-late/1380343/
भारत में मई के तीसरे हफ्ते तक ही जोर मारेगा कोरोना, उसके बाद मामले घटने के आसार
ReplyDeleteAshish Kumar | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 18 Apr 2020, 07:20:00 AM IST
कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप भारत समेत पूरी दुनिया में फैला हुआ है। हालांकि मई के तीसरे हफ्ते तक कोरोना के भारत में कमजोर पड़ने के आसार हैं। उसके बाद कोरोना के मामले घटेंगे, लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम कितना ऐहतियात बरतते हैं।see more....https://navbharattimes.indiatimes.com/india/corona-will-continue-to-be-strong-in-india-till-the-third-week-of-may-after-that-cases-will-decrease/articleshow/75214143.cms
https://www.facebook.com/BBCnewsHindi/videos/224661338977228/
ReplyDeleteस्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा- देश के 730 जिलों में से 353 में संक्रमण का कोई असर नहीं Last Updated: April 19, 2020, 4:38 PM IST
ReplyDeleteकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन (Harsh Vardhan) ने कहा, ‘हम कोविड-19 से होने वाले नुकसान को काफी हद तक रोकने में सफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि देश के कुल 730 जिलों में से 353 में संक्रमण का कोई असर नहीं है. संतोष की बात है कि उपचार के बाद स्वस्थ होने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.उन्होंने कहा कि अगर देश में 25 मार्च से 21 दिन का पूर्ण लॉकडाउन नहीं लागू किया गया होता तो भारत की हालत यूरोप के देशों जैसी ही खराब होती ‘तीसरे चरण की स्थिति बनने के कोई आसार नहीं’see more...https://hindi.news18.com/news/nation/health-minister-harsh-vardhan-said-out-of-730-districts-in-the-country-353-have-no-effect-of-infection-3031324.html
झारखंड में आज मिले कोरोना के 4 नए मामले, कुल 38 संक्रमित, दो की मौत
ReplyDeletePublish Date:Sun, 19 Apr 2020 05:31 PM (IST)
झारखंड में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या 38 हो गई है। मिल रही जानकारी के अनुसार एक मामला रांची के हिंदपीढ़ी, एक मेन राेड, एक रांची के बेडो प्रखंड और एक सिमडेगा का है। बता दें कि रांची का हिंदपीढ़ी इलाका कोरोना मरीजों का हब बनता जा रहा है। अधिकतर मामले यहीं से सामने आ रहे हैं।see more....https://www.jagran.com/jharkhand/ranchi-4-new-case-of-coronavirus-in-jharkhand-total-38-corona-positive-in-jharkhand-20204639.html
कोरोना ने बदला मौसम का मिजाज़! भारत में सबसे ठंडा अप्रैल, ब्रिटेन में चल रही लू
ReplyDeleteLast Updated: April 21, 2020, 10:30 AM IST
नई दिल्ली/लंदन. कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) के बीच ब्रिटेन में गर्मी ने पिछले 361 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. वहां अप्रैल में भीषण गर्मी और लू चल रही है. ब्रिटेन के मौसम विभाग के मुताबिक, हीथ्रो और पश्चिमी लंदन के नोर्थोल्ट में सोमवार को तापमान 33.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया see more...https://hindi.news18.com/news/nation/britain-is-tipped-for-hottest-april-in-361-years-india-is-coldest-3036361.html
कोरोना पर WHO की नई चेतावनी-'गलती मत करना, लंबे समय तक साथ रहेगा वायरस'
ReplyDeleteविश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ये नई चेतावनी कोरोना वायरस (Coronavirus) के लगातार बदलते ट्रेंड को लेकर की है
News18Hindi Last Updated: April 23, 2020, 12:28 AM IST
दुनियाभर में जारी कोरोनावायरस (Coronavirus) के कहर के बीच WHO ने नई चेतावनी (Warning) जारी see more...https://hindi.news18.com/news/world/rest-of-world-who-warns-corona-virus-will-be-with-us-for-long-time-3042733.html
दम घोंट देता है कोरोना, देखते रह जाते हैं डॉक्टर, वेंटिलेटर भी काम नहीं आता
ReplyDeleteaajtak.in23 अप्रैल 2020
कोरोना वायरस की वजह से मरीजों का दम घुट रहा है. वेंटिलेटर और लाइफ सपोर्ट सिस्टम भी बेकार साबित हो रहे हैं. डॉक्टर मरीजों को मरते हुए देखते रह जाते हैं. ऐसा हो रहा है दुनिया के कई जगहों पर. लेकिन ये दिक्कत है क्या? क्योंsee more....https://aajtak.intoday.in/gallery/coronavirus-kills-patients-by-silent-hypoxia-low-oxygen-no-solution-tstr-1-49294.html
कोरोना का कहरः भारत में कब और कैसे खत्म होगा लॉकडाउन, एक्सपर्ट की राय!
ReplyDeleteनई दिल्ली, 23 अप्रैल 2020, अपडेटेड 18:21 IST
जब कोरोना अपने पीक पर होगा तो लॉकडाउन का क्या होगा? ये वो सवाल हैं, जिनका जवाब हर देशवासी जानना चाहता है. मगर ये सवाल जितने आसान हैं, जवाब उतने ही पेचीदा. देश और दुनिया के तमाम एक्सपर्ट और वैज्ञानिकों की नज़र भी इसी सवाल पर है, पर जवाब अलग-अलग तरीक़े से सामने आ रहे हैंsee more...https://aajtak.intoday.in/crime/story/india-corona-covid-19-virus-lockdown-threat-challenge-preparedness-bcg-report-crime-1-1183751.html
Updated Date Thu, Apr 23, 2020, 8:13 PM IST
ReplyDeleteपर्यावरण सचिव ने जानकारी दी है कि कोरोना एक बड़ी चुनौती है. हमारा मूलमंत्र है कि जिंदगी कैसे बचाएं? हम लगातार टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. 23 मार्च तक हमने देशभर में महज 14,915 टेस्ट किए थे और अब 22 अप्रैल तक हमने 5 लाख से ज्यादा टेस्ट कर लिए हैं . हालांकि यह पर्याप्त नहीं है और हमें देश में रैंप टेस्टिंग की जरूरत है. see more...https://www.prabhatkhabar.com/national/corona-virus-ministry-of-health-ministry-of-home-affairs-data-country
Covid-19: कोविड-19 वैक्सीन का ट्रायल आज से ब्रिटेन में शुरू, वैज्ञानिकों को 80 फीसदी सफलता की उम्मीद
ReplyDeleteलाइव हिन्दुस्तान टीम,नई दिल्ली Last updated: Thu, 23 Apr 2020 02:03 PM
see more....https://www.livehindustan.com/health/story-covid-19-trial-of-covid-19-vaccine-starts-in-britain-from-today-scientists-expect-80-percent-success-3169676.html
सनलाइट से जल्दी खत्म हो जाता है कोरोना वायरस, अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किया रिसर्च में दावा
ReplyDeleteLast updated: Fri, 24 Apr 2020 10:34 AM
कोरोना वायरस को लेकर कई रिसर्च हुए हैं और अब भी कई जारी हैं, मगर अब तक इसके इलाज के लिए कोई भी नतीजा सामने नहीं आया है। इस बीच एक नए रिसर्च में बताया गया है कि सनलाइट (सूरज की किरण) से कोरोना वायरस तेजी से मर जाता है। अमेरिका के अधिकारियों ने इस नए रिसर्च के हवाले से बताया है कि सूरज की किरणों के संपर्क में आते ही कोरोना वायरस जल्दी खत्म हो जाता है। हालांकि इस स्टडी को अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है और अभी इसका मूल्यांकन किया जा रहा है।
सूरज की किरणें वायरस पर डालती हैं प्रभाव
होमलैंड सुरक्षा सचिव के विज्ञान और तकनीकी विभाग के सलाहकार विलियम ब्रायन ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों कहा कि सरकारी वैज्ञानिकों ने एक रिसर्च में पाया है कि सूरज की पराबैंगनी किरणें पैथोगेन यानी वायरस पर प्रभावशाली असर डालती हैं। उम्मीद है कि गर्मियों में इसका प्रसार कम होगा।
विलियम ब्रायन ने कहा कि हमारी रिसर्च में अब तक सबसे खास बात यह पता चली है कि सोलर लाइट सतह और हवा दोनों में इस वायरस को मारने की क्षमता रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमने यह भी पाया है कि तापमान और नमी में भी इसी तरह के नतीजे सामने आए हैं। यानी तापमान और नमी में वृद्धि वायरस के लिए फायदेमंद नहीं है।see more....https://www.livehindustan.com/international/story-sunlight-destroys-coronavirus-quickly-say-us-scientists-3171690.html
लॉकडाउन का 1 महीना: 22 से घटकर 8 पर्सेंट तक आ गए कोराना वायरस के मामले
ReplyDeleteEdited By Vaibhava Pandey | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 25 Apr 2020, 07:55:00 AM IST see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/india/during-one-month-of-lockdown-coronavirus-cases-falls-from-22-percent-to-8-percent-in-india/articleshow/75367047.cms
कोरोना, सूखा और तूफान से अमेरिका खस्ताहाल, ट्रंप पर बड़ी आफत
ReplyDeleteaajtak.in 22 अप्रैल 2020
see more...https://aajtak.intoday.in/gallery/us-facing-three-big-problems-drought-coronavirus-pandemic-storm-hurricane-season-donald-trump-tstr-1-49236.html
कोरोना की वैक्सीन का पांच हजार लोगों पर 'महा' परीक्षण शुरू
ReplyDeleteएजेंसी,लंदन
Last updated: Fri, 24 Apr 2020 09:12 AM
see more...https://www.livehindustan.com/international/story-corona-vaccine-test-starts-on-five-thousand-people-3171659.html
एलएनजेपी अस्पताल में चार मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का परीक्षण अबतक रहा सफल: केजरीवाल
ReplyDeleteअमर उजाला नेटवर्क, नई दिल्ली Updated Fri, 24 Apr 2020 04:49 PM ISTsee more...https://www.amarujala.com/delhi-ncr/coronavirus-delhi-cm-arvind-kejriwal-press-conference-on-plazma-therapy-know-everything-about-it
नदी के पानी में कोरोना के लक्षण !
ReplyDelete20-4-2020
पेरिस की सीन नदी और अवर्क नहर के पानी में कोरोना कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है !seemore..... https://www.patrika.com/miscellenous-world/coronavirus-found-in-water-in-paris-6019070/
गंगाजल सचमुच चमत्कारी, वैज्ञानिक जानते हैं रहस्य
ReplyDeleteडेविड रॉब्सन बीबीसी फ़्यूचर3 दिसंबर 2017
असल में गंगा के पानी के कभी न ख़राब होने की वजह हैं वायरस. जी हां, इसमें कुछ ऐसे वायरस पाए जाते हैं, जो इसमें सड़न पैदा नहीं होने देते.see more....https://www.bbc.com/hindi/vert-fut-42180531
कोरोना वायरस क्या हवा से भी फैल सकता है?- फ़ैक्ट चेक
ReplyDeleteकीर्ति दुबे बीबीसी संवाददाता 24 मार्च 2020
see more....https://www.bbc.com/hindi/india-52017709
ReplyDeleteअमेरिका में कम हो रहा कोरोना वायरस का कहर, 24 घंटों में हुई 1330 लोगों की मौत
Publish Date:Mon, 27 Apr 2020 07:28 AM (IST)
see more...https://www.jagran.com/world/america-us-recorded-1330-coronavirus-deaths-in-the-last-24-hours-as-per-johns-hopkins-university-tally-20224955.html
ReplyDeleteवायु प्रदूषण के कणों पर कोरोना वायरस का चला पता, ज्यादा प्रदूषित इलाके में देखा गया उच्च संक्रमण
Publish Date:Sun, 26 Apr 2020 10:49 PM (IST)
पिछले अध्ययनों से पता चला है कि वायु प्रदूषण के कण रोगाणुओं को पनाह देते हैं और इसके जरिये बर्ड फ्लू, खसरा और अन्य बीमारियों के संक्रमण की संभावना रहती है। वायु प्रदूषण के कणों की संभावित भूमिका व्यापक प्रश्न से जुड़ी है कि कोरोना वायरस कैसे फैलता है? संक्रमित लोगों की खांसी और छींक से वायरस से भरी बड़ी बूंदेंsee more....https://www.jagran.com/news/national-scientists-in-italy-find-coronavirus-on-air-pollution-particles-high-infection-seen-in-more-polluted-area-20224117.html
अफ्रीका और अरब से आई धूल ने दिल्ली में बढ़ाया प्रदूषण, अगले दो दिनों तक नहीं मिलेगी साफ हवा By Akarsh Shukla | Published: Thursday, April 16, 2020, 14:38 [IST]
ReplyDeletesee more...https://hindi.oneindia.com/news/india/africa-and-arabia-dust-storm-increased-pollution-in-delhi-555700.html
भारत में कोरोना: शोध में दावा, रूप बदलकर ज्यादा खतरनाक बन रहा है कोविड-19 वायरस
ReplyDeleteCoronavirus India Update: भारत में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस (corona in india) अब तरह-तरह के रूप बदलकर दुनिया में फैल गया है। यह जानलेवा वायरस अब तक दुनिया में 2 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। एक नए रिसर्च में पता चला है कि अभी दुनिया के ज्यादातर मुल्कों में अब A2a वायरस कोहराम मचा रहा है।SEE MORE...https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/mumbai/other-news/coronavirus-has-mutated-into-10-types-1-dominant-across-regions-study/articleshow/75421576.cms
Edited By Satyakam Abhishek | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated: 28 Apr 2020, 12:20:00 PM IST
Deleteभारत से 26 जुलाई और दुनिया से 9 दिसंबर तक खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस- रिसर्च में दावा
ReplyDeleteभारत से 26 जुलाई और दुनिया से 9 दिसंबर तक खत्म हो जाएगा कोरोना वायरस- रिसर्च में दावा
दुनियाभर में कोरोना वायरस से अब तक 30 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं.
अध्ययन में ये भी बताया गया है कि अमेरिका में 27 अगस्त, स्पेन में 7 अगस्त, इटली में 25 अगस्त और भारत में 26 जुलाई तक कोरोना का अंत हो जाएगा.
News18Hindi Last Updated: April 28, 2020, 9:12 AM IST
SEE MORE...https://hindi.news18.com/news/nation/research-claims-corona-virus-will-end-by-9-december-from-world-and-26-july-in-india-3058780.html
ReplyDeleteहवा में पाया गया कोरोना का जेनेटिक मटेरियल, कैसे कम होगा जोखिम, वैज्ञानिकों ने दी यह सलाह
Publish Date:Tue, 28 Apr 2020 01:27 AM (IST)
बीजिंग, पीटीआइ। वैज्ञानिकों ने हवा में कोरोना वायरस की आनुवंशिक सामग्री की उपस्थिति पता लगाया है। लेकिन, वे कहते हैं कि यह स्पष्ट नहीं है कि इन वायरल कणों से बीमारी हो सकती है या नहीं। वुहान, चीन में दो see mmore...https://www.jagran.com/world/china-coronavirus-genetic-material-detected-in-air-unclear-about-it-causes-disease-20226577.html
मुंबई के 6 वॉर्ड जो बन चुके हैं कोरोना हॉटस्पॉट, हर वॉर्ड में 300 से अधिक मरीज
ReplyDeleteमुंबई में सबसे अधिक कोरोना मरीज हैं। मुंबई के कई वॉर्ड में कोरोना को लेकर खतरे की घंटी बज चुकी है। 6 वॉर्ड में से प्रत्येक में 300 से अधिक कोरोना मरीज हैं।
Edited By Shefali Srivastava | नवभारत टाइम्स | Updated: 27 Apr 2020, 01:26:00 PM IST see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/metro/mumbai/other-news/6-civic-wards-of-mumbai-become-corona-containment-zones/articleshow/75402922.cms
कोरोना वायरस: दिल्ली से केरल तक देश में कोविड-19 के हैं ये 6 हॉट स्पॉट
ReplyDeleteलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।
Last updated: Wed, 01 Apr 2020 07:02 PM
corona virus infections spread in india
see more...https://www.livehindustan.com/national/story-corona-virus-these-6-hot-spots-of-kovid-19-in-the-country-from-delhi-to-kerala-3122250.html
अमेरिका ने अब माना, 'मानवनिर्मित' नहीं है कोविड-19 वायरस, मगर लैब में होती रहेगी जांच
ReplyDeleteलाइव हिन्दुस्तान,वाशिंगटन।Last updated: Fri, 01 May 2020 01:07 AM
see more...https://www.livehindustan.com/international/story-coronavirus-not-manmade-still-studying-lab-theory-says-us-intelligence-3185926.html
क्या आ गई खुशखबरी? इजरायल के रक्षा मंत्री का दावा, हमने बना ली कोरोना की वैक्सीन
ReplyDeleteलाइव हिन्दुस्तान टीम ,नई दिल्ली
Last updated: Tue, 05 May 2020 02:07 PM
कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है। इस खतरनाक कोविड-19 से लाखों लोगों की मौत हो चुकी है, फिर भी इसका इलाज नहीं मिल पाया है। मगर इस बीच इजरायल के रक्षा मंत्री ने दावा किया है कि उनके देश ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बना ली है। रक्षा मंत्री नैफ्टली बेन्नेट ने अपने एक बयान में कहा कि इजरायल केsee more...https://www.livehindustan.com/international/story-covid19-update-israeli-defense-minister-naftali-bennett-claims-our-research-team-have-developed-coronavirus-vaccine-3194606.html
WHO के डॉक्टर बोले, प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ है कोरोना
ReplyDeleteनवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 02 May 2020, 11:04:00 AM IST
पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने ऐसी जानकारी देखी है, जिससे साफ होता है कि कोरोना वायरस चीन के वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट में पैदा हुआ। अब WHO ने कहा है कि कोरोना वायरस प्राकृतिक (coronavirus natural origin) तरीके से पैदा हुया है।see more...https://navbharattimes.indiatimes.com/world/america/who-chief-reiterates-that-coronavirus-had-natural-origin-trump-claim-its-originated-at-china-virology-institute/articleshow/75501306.cms
कोरोना की आहट? पश्चिम बंगाल में सांस-इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी के 92,000 रोगी मिले, ममता सरकार ने बदली रणनीति !हिन्दुस्तान,कोलकाता
ReplyDelete07 May 2020 08:39 AM इस तरह बढ़ता गया कोरोना का आंकड़ा
25 मार्च- 605 पॉजिटिव केस, 10 मौत
3 अप्रैल- 2547 पॉजिटिव केस, 62 मौत
4 अप्रैल- 3072 पॉजिटिव केस, 75 मौत
13 अप्रैल- 9352 पॉजिटिव केस, 324 मौत
14 अप्रैल- 10815 पॉजिटिव केस, 353 मौत
23 अप्रैल- 21700 पॉजिटिव केस, 686 मौत
24 अप्रैल- 23452 पॉजिटिव केस, 723 मौत
6 मई- 52991 पॉजिटिव केस, 1711 मौत
ये राज्य सबसे अधिक प्रभावित
महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पंजाब, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल आदि ऐसे राज्य हैं, जहां एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमितों की संख्या 16758 हो गई है और दस हजार के करीब मामले तो सिर्फ मुंबई में हैं। see more...https://www.livehindustan.com/national/story-coronavirus-update-west-bengal-finds-92000-with-respiratory-flu-like-illnesses-amid-covid-19-mamata-banerjee-3198811.html
कोरोना का कहर: सिर्फ 5 राज्यों में 84 प्रतिशत मौत, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और दिल्ली में सबसे ज्यादा COVID-19 मरीज
ReplyDeleteविशेष संवाददाता, हिन्दुस्तान,नई दिल्ली।Last updated: Tue, 12 May 2020 06:28 PM
see more... https://www.livehindustan.com/national/story-maharashtra-gujarat-madhya-pradesh-west-bengal-and-rajasthan-reports-84-percent-death-of-national-tally-due-to-coronavirus-3209810.html
दुनिया में बढ़ते जा रहे मामले, WHO ने दी चेतावनी- कभी खत्म नहीं होगा कोरोना
ReplyDeleteaajtak.in14 मई 2020see more....https://aajtak.intoday.in/gallery/who-warns-coronavirus-may-never-go-away-as-new-clusters-emerge-tlif-1-50272.html
कोरोना वायरस: इस बार मई के महीने में भी गर्मी नहीं, क्या हैं कारण
ReplyDeleteमानसी दाश बीबीसी संवाददाता14 मई 2020
क्या ये जलवायु परिवर्तन है?सेंटर ऑफ़ साइंस ऐंड एनवायर्नमेन्ट में जलवायु मामलों पर नज़र रखने वाले तरुण गोपालकृष्णण ने बीबीसी को बताया कि केवल उत्तर भारत या पूर्वी भारत में ही नहीं बल्कि दक्षिण भारत में मौसम बीते सालों की अपेक्षा इस साल अलग ही है. see more...
https://www.bbc.com/hindi/india-52647738
खांसी-जुकाम की दवा और सैनिटाइजर के सैंपल फेल, बैच मार्केट से हटाने के निर्देश
ReplyDeleteअमर उजाला नेटवर्क, नालागढ़ (सोलन) Updated Mon, 18 May 2020 09:50 AM IST
हिमाचल में मार्च और अप्रैल में बने सैनिटाइजर और खांसी-जुकाम समेत 36 दवाओं के सैंपल फेल हो गए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के ड्रग अलर्ट के बाद फेल दवाओं के बैच मार्केट से हटाने के निर्देश देकर प्रदेश के 20 उद्योगों को नोटिस जारी किए गए हैं।सहायक राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर ने इसकी पुष्टि की है। अप्रैल माह में देशभर की 460 दवाओं का परीक्षण किया गया है, जिसमें से 401 दवाएं मानकों पर खरा उतरी हैं, जबकि 59 दवाएं फेल हो गई हैं। इनमें सूबे के 12 उद्योगों की 23 दवाएं भी शामिल हैं।फेल दवाओं में हाई बीपी, हृदय रोग, दर्द निवारक, एलर्जी, मधुमेह, खांसी-जुकाम, संक्रमण, गैस्ट्रिक, हैंड सैनिटाइजर व शैंपू शामिल है। मार्च माह में 1673 दवाओं के परीक्षण में 1627 दवाएं पास हुई हैं, जबकि 46 दवाएं फेल हुई हैं। इनमें सूबे के आठ उद्योगों की 13 दवाएं फेल हुई हैं, जो बुखार, अस्थमा, खांसी-जुकाम, संक्रमण, गैस्ट्रिक व बीपी के उपचार में काम आती हैं।see more...https://www.amarujala.com/shimla/sanitizers-and-36-drugs-manufactured-in-himachal-pradesh-fail-quality-test
कोरोना को लेकर अपने देश के वैज्ञानिकों पर भड़के ट्रंप, कही ये बात
ReplyDeleteaajtak.in 22 मई 2020
डोनाल्ड ट्रंप ने इस हफ्ते दो बार कहा कि हमारे देश के वैज्ञानिकों की बात बेसिर पैर की है. उनकी बातों में कोई सबूत नहीं है.see more...https://aajtak.intoday.in/gallery/us-president-donald-trump-lashes-out-scientists-whose-findings-contradict-him-on-covid19-tstr-1-50674.html
जलवायु परिवर्तन
ReplyDelete5 मई 2020
दुनिया के प्रमुख वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि जलवायु परिवर्तन मानव-प्रेरित है और चेतावनी देता है कि तापमान में प्राकृतिक उतार-चढ़ाव मानव गतिविधि द्वारा बढ़ाए जा रहे हैं। इसे जलवायु परिवर्तन या ग्लोबल वार्मिंग के रूप में जाना जाता है। मानव गतिविधियों ने कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में वृद्धि की है, जिससे तापमान बढ़ रहा है। चरम मौसम और पिघलने वाली ध्रुवीय बर्फ संभावित प्रभावों में से हैं। पृथ्वी का औसत तापमान लगभग 15C है लेकिन अतीत में बहुत अधिक और कम रहा है।जलवायु में प्राकृतिक उतार-चढ़ाव आते हैं लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि तापमान अब कई गुना अधिक तेजी से बढ़ रहा है।
see more....https://translate.google.com/translate?hl=hi&sl=en&u=https://www.bbc.com/news/world-us-canada-46351940&prev=search
दरअसल 29 जनवरी को शाम में भयानक ठंड का शिकार हुए मिडवेस्ट रीजन का हवाला देते हुए ट्रंप ने ग्लोबल वार्मिंग को ताना मारते हुए उसे तेजी से वापस आने के लिए कहा है। ट्रंप
ReplyDeleteट्रंप ने 'ग्लोबल वार्मिंग' का फिर उड़ाया मजाक, By Rahul Kumar | Published: Tuesday, January 29, 2019, 13:44 [IST] नई दिल्
ट्वीट किया कि, 'खूबसूरत मिडवेस्ट में ठंडी हवाओं के चलते तापमान माइनस 60 डिग्री तक पहुंच गया है। ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। आने वाले दिनों में और भी ठंडा होने की उम्मीद है। लोग एक मिनट के लिए भी बाहर नहीं आ पा रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग के साथ क्या हो रहा है?see more...https://hindi.oneindia.com/news/international/donald-trump-says-we-need-global-warming-as-extreme-cold-weather-490896.html
ट्रंप ने ग्लोबल वार्मिंग का बनाया मजाक, कहा- बर्फीली हवाओं से दिलाएगा राहत
ReplyDeleteदुनिया
Updated Dec 29, 2017 | 13:13 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल
अमेरिका का पूर्वी क्षेत्र इन दिनों कड़ाके की सर्दी से गुजर रहा है। सर्द हवाओं ने आम जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है, पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मौके का इस्तेमाल ग्लोबल वार्मिंग पर तंज कसने के लिए किया। उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा कि धरती के बढ़ते तापमान से शायद कड़ाके की सर्दी से निपटने में मिल सके।see more...https://hindi.timesnownews.com/world/article/extreme-cold-wave-in-us-trump-mocks-global-warming-in-tweet/183392