केंद्र ने बताया कि अकोला से 129 किलोमीटर दक्षिण में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किये. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 3.3 दर्ज की गयी है. क्या है इस भूकंप का फल -
इस भूकंप का निर्माण सूर्य की किरणों के द्वारा हुआ है |इसलिए 'सूर्यज' भूकंप
होने के कारण भूकंपीय क्षेत्र के वातावरण में गर्मी बढ़नी
स्वाभाविक है |इसलिए इस क्षेत्र में वर्षा और बर्फबारी की मात्रा घटेगी !यहाँ सूखीखाँसी, साँस लेने की समस्या एवँ
आँखों में जलन आदि गर्मी की अधिकता से होने वाले कोरोना जैसे और रोग भी अधिक बढ़ सकते हैं |
इसी 'सूर्यज' भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उपद्रवी तत्वों का प्रवेश हो
चुका है जो देश और समाज को अस्थिर करने वालों को नेतृत्व प्रदान करने वाले
हैं | इसलिए समाज में जगह जगह
असंतोष उन्माद के कारण आतंकवाद जैसी दुर्घटनाएँ देखने को मिल सकती हैं
|यहाँ तक कि जम्मू कश्मीर से लेकर असम तक विशेष सतर्कता बरती जानी चाहिए |
आतंकवादी घटनाओं को रोकने के
लिए खुपिया एजेंसियों को तुरंत विशेष सतर्क कर दिया जाना चाहिए |अभी तक
तो केवल आतंकवादी ही थे अब तो भूकंप प्रभावित लोग भी विशेष उत्तेजित हो
सकते हैं | ये समय भूकंप से विशेष प्रभावित
लोगों के चिंतन को अत्यंत उग्र अर्थात दूषित कर देगा | जिससे इस क्षेत्र में
लोगों के आपसी संबंध भी दिनोंदिन तनाव पूर्ण होते चले जाएँगे | लोग एक दूसरे
के साथ मरने मारने पर उतारू हो जाएंगे निकट भविष्य में विशेष अशांति बढ़ना
संभव है | लोगों के आपसी सम्बन्धों में कटुता बढ़ती चली जाएगी | लोगों के आपसी
संबंध अविश्वसनीय होते चले जाएँगे | इस क्षेत्र में घुस पैठ कर चुके आतंकी लोग स्थानीय लोगों के साथ मिलकर सैनिकों के विरुद्ध कभी भी
किसी बड़ी अप्रिय वारदात को आतंकी लोग अंजाम दे सकते हैं |ऊपर जो दोष दुर्गुण आदि बताए गए हैं वो 8जुलाई2020 तक प्रभावी रहेंगे |
महाराष्ट्र
ReplyDeleteमहाराष्ट्र के अकोला में आया भूकंप, एक महीने में भारत में 50 से अधिक बार हिली धरती
By Prabhat Khabar Digital Desk
Updated Date Tue, Jun 23, 2020, 8:36 PM IST
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