जिन
लोगों को वास्तव में शास्त्रीय सहयोग की आवश्यकता है जो अपने जीवन के
प्रत्येक क्षण का सदुपयोग करते हुए उसे बेकार नहीं जाने देना चाहते हैं
अपने जीवन के किसी भी क्षेत्र में कोई बड़ा नुक्सान नहीं उठाना चाहते हैं और
यदि ऐसा समय आना निश्चित हो तो उसके बचाव के लिए यथा संभव उपाय एवं
सतर्कता पूर्वक चलते हुए उस समय को पार करना चाहते हैं उन्हें चाहिए किसी
विद्वान,ईमानदार एवं आत्मीय(अपनेपन वाले) परिश्रमी एवं गंभीर ज्योतिषी का
ज्योतिषीय सहयोग !
जो लोग अपने परिवार एवं सभी प्रकार के स्वजनों को स्वस्थ सुखी एवं निरोग
आदि रखना चाहते हैं जिन्हें लगता है कि बेटी एवं बेटे के विवाह के समय
ग्रह विचार इतना उत्तम हो कि सारा जीवन फूले फले संतानों का सुख उत्तम हो
दोनों का स्वास्थ्य उत्तम रहे आयु लम्बी हो धनधान्य से भरा पुरा घर रहे
और यदि भविष्य में कोई दिक्कत आवे भी तो उससे यथा संभव बचने का उपाय एवं पहले से बरती
जाने वाली सावधानियों की जानकारी के लिए चाहिए उनका बचाव तो ऐसे लोग यदि वास्तव में शास्त्रीय लाभ लेना चाहते हैं तो इन्हें चाहिए
विद्वान,ईमानदार एवं आत्मीय(अपनेपन वाले) परिश्रमी एवं गंभीर ज्योतिषी का
ज्योतिषीय सहयोग !
जो
लोग व्यापार के विषय में जानना चाहते हैं कि हमें किस वास्तु का व्यापार
जीवन की किस उम्र से प्रारम्भ होकर किस उम्र तक फलेगा !और इसके बाद वही
व्यापार किस उम्र में सामान्य चलेगा या किस उम्र में घाटा देने लगेगा उस
समय व्यापार बदलने से सुधार होगा क्या और बदल कर किया जाए तो क्या और वो
लाभ देगा कब तक और कितना या ऐसे समय में किसी व्यापार से लाभ की संभावना
नहीं है तो उसे नौकरी करना चाहिए या व्यापार की यदि संभावना बनेगी कैसे जब
उचित नहीं है ऐसे समय घर में जिसके ग्रह अच्छे हों उसके नाम से कार्य किया
जाए अथवा कोई साझीदार खोज ले साझीदार में तीन बातें अवश्य देखनी होती हैं
उसका समय कैसा है उसका व्यापार ठीक चलेगा क्या यदि हाँ तो देखना है कि उससे
सम्बन्ध अच्छे चलेंगें या नहीं तीसरी बात वो ईमानदार होगा क्या आदि आदि
विचार पूर्वक व्यापार का निश्चय करने के लिए आपको चाहिए विद्वान, ईमानदार
एवं आत्मीय(अपनेपन वाले) परिश्रमी एवं गंभीर ज्योतिषी का ज्योतिषीय सहयोग ! जिसके लिए उसे उचित पारिश्रमिक देने के बाद ही उससे न्याय पूर्ण व्यवहार की आशा रखे !
इसी प्रकार से जो लोग मकान बनाना चाहते हैं उन्हें चाहिए कि पहले तो देखें कि उनके भाग्य में मकान का योग है और यदि है तो कब है !प्लाट लेना है या बना बनाया मकान लेना है यदि प्लाट लेना है तो जमीन कैसी है इसका परिक्षण ज्योतिषी से करावे इस जमीन के अंदर कहीं जीवित हड्डी आदि तो नहीं है और यदि है तो उसका परीक्षण एवं शांति वास्तु कुंडली के द्वारा की जाए फिर शुभ मुहूर्त में भूमि पूजन पूर्वक नींव खोदी जाए फिर शुभ मुहूर्त में मकान का निर्वाण शास्त्रीय विधि से प्रारम्भ किया जाए इसके बाद ग्रह प्रवेश का उत्तम मुहूर्त हो तथा वास्तु प्राण प्रतिष्ठा पूजन पूर्वक ग्रह प्रवेश किया जाए भवन का यज्ञोपवीत संस्कार भी शास्त्रीय विधि से किया जाए इन सभी प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किसी मकान को घर बनाया जा सकता है इस सम्पूर्ण प्रक्रिया को करने वाला पहली बात अत्यंत योग्य विद्वान हो और दूसरी बात उसे उस स्तर का धन दिया जाए जिससे वह व्यक्ति बिना किसी कटौती के उस प्रक्रिया को पूरा कर सके !इसके आलावा आजकल जो लोग अपने को वास्तु शास्त्री कहकर भ्रमित कर रहे हैं या जो लोग जगह जमीन खरीदने और बेचने वाले दलालों को तो अधिक धन देते हैं किन्तु विद्वानों को उससे कम ऐसे लोगों को विद्वानों से भी न्याय की आशा नहीं रखनी चाहिए !
जो अपने बच्चों को शिक्षा देने के लिए या उनके जीवन की दिशा एवं दशा निश्चित करने या कराने के लिए प्रयास करना या कराना चाहते हैं उन्हें भी किसी योग्य ज्योतिष वैज्ञानिक के संपर्क में रहना चाहिए जिसे धन देने में कंजूसी करने से वह भी उचित एवं आवश्यक परिश्रम करने में कंजूसी कर देगा जो घातक होता है इसलिए ऐसा न करे !
जो लोग किसी ज्योतिष वैज्ञानिक को अपनी डेट आफ बर्थ बताकर और उससे अपने भाग्य या विकास के विषय में कुछ पूछना चाहते हैं तो कोई ज्योतिष वैज्ञानिक क्यों बनाएगा उसकी कुंडली और क्यों बताएगा उसको भविष्य !आखिर उसका अपना लालच क्या है जो लोग इस तरह भी बताने का ड्रामा करते हैं वो वास्तव में नग नगीने के व्यापारी होते हैं वो कुछ ऊटपटांग बोलकर नग नगीना खरीदने की सलाह दे देते हैं उसमें उनका मोटा लाभ सम्मिलित होता है !
इसी प्रकार से टी.वी. चैनलों पर बैठकर ज्योतिष नाम का बकवास करने वाले,या ज्योतिष पढ़ाने समझाने का नाटक करने वाले लोग या ज्योतिष विद्यालय चलाने वाले लोग ये वो वर्ग है जो ज्योतिष के नाम पर सौ प्रतिशत अशिक्षित वर्ग है और 101 प्रतिशत झूठ केवल इस लालच में बोलता है या ये सारे नाटक वो समाज को यह समझाने के लिए करता है ताकि लोग उसे भी पढ़ा लिखा समझें और ज्योतिष के ड्रामे का उसे भी लाभ हो !
बंधुओं ! मेरा आप सभी लोगों से निवेदन है कि ज्योतिष को आधी अधूरी श्रद्धा से मानना है तो ज्योतिष को मानना ही बंद कर दीजिए और अगर मानना है तो काम से काम ज्योतिष की बारे में भी इतनी जानकारी आप स्वयं भी रखा कीजिए जितनी मेडिकल के विषय में आप रखते हैं जैसे मेडिकल में आप सरकार द्वारा प्रमाणित डिग्री होल्डर डॉक्टरों के विषय में जानकारी रख लेते हैं कि MD. MBBS. आदि हमें किस बीमारी के लिए किस डिग्री वाले डॉक्टर के पास जाना चाहिए अन्यथा यदि किसी झोला छाप को गलती से या विश्वास से आप डॉक्टर मान बैठे हैं तो ये आपका विषय है यदि उस झोला छाप डाक्टर से कोई गलती होती है तो उसका प्रतिफल तो आपको भुगतना पड़ता है किन्तु ये बात आपको पता होती है कि गलती इसमें हमारी है हमें झोला छाप डाक्टर के पास नहीं जाना चाहिए था तो आप दुबारा के लिए सबक लेते हैं !किन्तु ज्योतिष में आप ऐसा क्यों नहीं करते हैं ज्योतिष के प्रति अपनी आधी अधूरी जानकारी लेकर अपनी आधी अधूरी श्रद्धा लेकर आधे अधूरे ज्योतिषियों के पास पहुँन जाते हैं और वहाँ से आधी अधूरी जानकारी लेकर अपने काम को आगे बढ़ा देते हैं वह काम आधी अधूरी जगह धोखा दे जाता है तब आप सम्पूर्ण ज्योतिष को जिम्मेदार मानने लगते हैं जो आपकी सबसे बड़ी भूल होती है आप स्वयं सोचिए कि जब आप किसी ज्योतिष वैज्ञानिक के पास गए ही नहीं तो ज्योतिष विज्ञान का लाभ आपको मिलता कैसे !
इसलिए यदि इस प्रकार से अनास्था पूर्वक ही ज्योतिष शास्त्र को मानना है तो मत मानिए क्योंकि इससे आपका भी नुक्सान होता है और शास्त्र का अपयश तो होता ही है ।
इसलिए सबसे पहले जानने का प्रयास कीजिए कि ज्योतिष शास्त्र वास्तव में है क्या !आम ज्योतिष व्यापारियों में और ज्योतिष वैज्ञानिकों में अंतर क्या है
जीए ज्योतिष के पास गए हैं तो नई ना या तो ज्योतिष को मानना ही बंद कर दीजिए ऐसे समस्त प्रकार के पाखंडियों से बचने का एक मात्र रास्ता है कि आप को भी सरकार द्वारा प्रमाणित संस्कृत विश्व विद्यालयों में ज्योतिष डिपार्टमेंट होता है जिसमें ज्योतिष विषय को पढ़ाने वाले रीडर प्रोफेसर आदि होते हैं जिनकी सैलरी सामान्य विश्व विद्यालयों की तरह ही होती है और पढ़ाई भी सामान्य विश्व विद्यालयों की तरह ही होती है ज्योतिष विषय में डिग्रियाँ भी उसी प्रकार से मिलती हैं केवल अंतर इतना होता है कि बी.ए. को शास्त्री एवं एम.ए. को आचार्य कहते हैं ज्योतिष विषय में एम.ए. करने का मतलब होता है ज्योतिषाचार्य ! आज कितने बिना पढ़े लिखे लोग अपने नाम के साथ
ज्योतिषाचार्य लगाने लगते हैं समाज की अनभिज्ञता का वो लाभ उठाते हैं ये तो रही एक बात दूसरी बात ये है कि अब आप स्वयं सोचिए कि 9-10 वर्षों में ज्योतिषाचार्य और काम से काम तीन वर्ष Ph.D. अर्थात कम से कम 13 वर्षों की शिक्षा को कुछ लोग छै महीने में पढ़ाने का नाटक करते हैं कुछ तो केवल शनि वार रविवार एक एक घंटे बेवकूफ बनाकर पैसे ले लेते हैं और पकड़ा देते हैं उसे ज्योतिषी होने का एक प्रमाण पत्र किन्तु ये तो धोखा धड़ी है !इसलिए ज्योतिष वैज्ञानिकों से इस प्रकार की अपेक्षा तो नही ही की जानी चाहिए और न ही उन्हें धन देने में कंजूसी ही करनी चाहिए !
मेरी निजी राय है कि यदि किसी को की रोगी के विषय में ज्योतिष वैज्ञानिक की अपेक्षा डाक्टर पर ही सबसे अधिक विश्वास है तो उसे हजार पाँच सौ रूपए खर्च करके ज्योतिष को बदनाम नहीं करना चाहिए अपितु उसे डाक्टर पर ही पूर्ण विश्वास करना चाहिए !
इसी प्रकार से शादी विवाह आदि में सारे उत्सव को मनाने में पूरा धन खर्च किया जाएगा यहाँ तक कि बाजा ,घोड़ी आदि वालों पर खर्च करने में पूरी रूचि रहेगी ,हिजड़ों तक पर पूर्ण व्यय किया जाएगा किन्तु ज्योतिष पर खर्च करते समय ऐसे लोग कंजूसी करते हैं उसके दो परिणाम होते हैं पहला तो जो ज्योतिष नाम के भिखारी हैं वो भी हिजड़ों की तरह प्रशंसा करके माँग मूँग लेते हैं कुछ खुशी से ,दूसरे जो ज्योतिष नाम के व्यापारी हैं वो भय देकर निकाल लेते हैं बहुत कुछ !यदि ऐसा नहीं करोगे तो वैसा हो जाएगा आदि आदि किन्तु जो ज्योतिष वैज्ञानिक हैं वो न प्रशंसा करते हैं और न भय देते हैं अपितु काम में कटौती कर देते हैं जिससे परिणाम में कटौती होना स्वाभाविक है !
इसलिए मेरा निवेदन मात्र इतना हैं कि जिस पर निष्ठा हो उसी पर खुल कर खर्च करे और उसी से परिणाम की आशा करे बीच में ज्योतिष को बदनाम करना ठीक नहीं है !
यदि ज्योतिष या वास्तु से सम्बंधित किसी काम के लिए कोई हमारे संस्थान से सहयोग लेना चाहता है तो उसे संस्थान के कोष में सहयोग राशि जमा करके संपर्क करना होगा विशेष जानकारी के लिए यह लिंक पढ़ें - इसीलिए हमारे संस्थान ने समाज को उचित एवं ईमानदारी पूर्वक ज्योतिष
वैज्ञानिकों की ज्योतिष शास्त्रीय सेवा उपलब्ध कराने के
लिए किसी भी प्रकार के सामान्य प्रश्न का
शास्त्रीय उत्तर पाने के लिए सामान्य शुल्क 1100 रूपए रखा गया है जो हमारे SBI के एकाउंट में डालकर अपनी डिटेल भेजने के बाद फोन पर उस
विषय में डिस्कस करने के लिए समय लिया जा सकता है जो अधिकतम 20
मिनट होगा । एक बार में किसी एक पत्री के विषय में किसी भी शंका से सबंधित अधिकतम तीन प्रश्न तक पूछे जा सकते हैं जो डिटेल के साथ ही लिखकर भेजने होंगें !इन्हीं के विषय में फोन पर डिस्कस करने का समय लिया जा सकता है जो अधिकतम 20 मिनट होगा !
नोट -विशेष प्रश्नों के लिए विशेष शुल्क होगी वो प्रश्न की
अवस्था के अनुशार होगी!
डॉ.शेष नारायण वाजपेयी
SBI-10152713661
विशेष सहयोग राशि -
वास्तु परीक्षण एवं वास्तु कुंडली निर्माण के लिए 5100
अपनी कुंडली पंचांग पद्धति से बनवाने के लिए 5100
विवाह मिलान में बृहद्विचार के लिए 5100
घर के किसी सदस्य की किसी गंभीर बीमारी या व्यापार परिवार आदि में किसी गंभीर संकट आ जाने पर या कोई बड़ा नया निर्णय लिए जाने की स्थिति में जिसमें किसी बड़े हानि लाभ की संभावना हो ऐसी परिस्थिति में घर के जिम्मेदार सभी सदस्यों की कुंडली एवं वास्तु स्थिति का सम्यक परीक्षण करके खोजना होता है उस परिस्थिति को पैदा होने का वास्तविक कारण !इसलिए ऐसी स्थिति में उससे सम्बंधित किन्हीं पाँच कुंडलियों के परीक्षण एवं वास्तु परीक्षण के लिए - 11000 जमा करके हमें डिटेल उपलब्ध करना होता है !
नोट -हमारे यहाँ किसी भी नग नगीने यंत्र तंत्र ताबीज आदि के लिए संपर्क न करें !
विशेष -कृपया हमारे यहाँ गधे घोड़े कुत्ते बिल्ली हल्दी कोयला जैसी चीजों के खाने पहनने ओढ़ने बिछाने से जुड़े उपायों के लिए संपर्क न करें !
वास्तु -
कालसर्प -
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