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     मनुष्य जीवन को सही सही समझने के लिए बहुत जरूरी है समय विज्ञान !
     अपने जीवन के साथ जुड़े माता पिता भाई बहन पति पत्नी सभी संबंधों को

  मनुष्य सहित समस्त प्राणियों के जीवन का प्रारंभ दो बार होता है पहला जब वो गर्भ में प्रवेश करता है और  दूसरा जब वो अपनी माँ के पेट से बाहर निकलता है इन दोनों समयविंदुओं पर गंभीर अनुसंधान की आवश्यकता होती है ।चूँकि गर्भ प्रवेश  के समय के अनुसार ही प्रसव निश्चित समय पर होता है इसलिए प्रसव से गर्भ प्रवेश समय का पता लगा लिया जाता है ऐसे समयविंदुओं का  परीक्षण करके ये पता लगाया जा सकता है कि इस समय पर पैदा हुए स्त्री पुरुष का जीवन कैसा होगा वो अपने जीवन में प्रयास पूर्वक किस क्षेत्र में किस वर्ष में कितना विकास  कर पाएगा ! उसकी शिक्षा कैसी रहेगी !किस विषय को पढ़ने में उसकी रूचि अधिक होगी शिक्षा की दृष्टि से उसके जीवन का कौन वर्ष कितनी सफलता या असफलता प्रदान करने वाला होगा !
      ऐसे स्त्री पुरुष अपने जीवन के किस भाग में कैसे कैसे कार्यों से  कितना विकास कर सकेंगे।स्वास्थ्य कैसा  रहेगा कोई बीमारी तो नहीं होगी और यदि होगी तो क्या और किस उम्र या किस वर्ष में और उससे बचने के लिए प्रिवेंटिव क्या कुछ किया जाए जिससे नुक्सान कम से कम हो ।इसी प्रकार से धन कमाने की दृष्टि से उसके जीवन का कौन सा वर्ष कितनी सफलता या असफलता प्रदान करने वाला होगा !सामाजिक पद प्रतिष्ठा मिलेगी या नहीं मिलेगी तो किस क्षेत्र में और कितनी आदि । विवाह होगा या नहीं यदि हाँ तो किन किन वर्षों में संभव होगा !जिन जिन वर्षों में  विवाह होना संभव होता है उस वर्ष में यदि विवाह न किया जाए तो बड़े संयम पूर्वक समय पार करना होता है अन्यथा उस वर्ष विवाह समय का प्रभाव ऐसा रहेगा कि अविवाहित होने पर भी किसी से वैवाहिक सुख प्राप्त होने के समीकरण निरंतर बनते बिगड़ते चले जाएँगे जिससे कभी भी किसी भी सीमा तक सुख दुःख बढ़ने की संभावनाएँ बनी रहती हैं !लोग ऐसे समयों में आचार व्यवहार पर यदि संयम पूर्वक नियंत्रण न रख पाए और कहीं प्रेम प्यार के पचड़े में पड़ गए तो अक्सर  जीवन के कई कई वर्ष बिगड़ते देखे जाते हैं और कई बार तो सारा जीवन ही बिगड़ते देखा जाता है प्रायः ऐसे शारीरिक संबंध हत्या और आत्म हत्या के कारण भी बनते  देखे जाते हैं । जो अशिक्षित कुरूप बीमार बेरोजगार निर्धन नशेड़ी आदि होते हैं उन्हें ऐसे समय योग आने पर भी किसी से संबंध सुख नहीं मिलता ऐसे लोगों  को  बलात्कार जैसी गतिविधियों में सम्मिलित होते देखा जाता है । यदि समय विज्ञान की दृष्टि से ऐसी परिस्थितियाँ विशेष प्रबल हुईं तो विवाहित लोग भी प्यार बलात्कार जैसी गतिविधियों में सम्मिलित देखे जाते हैं ।
      कुछ समय विंदु ऐसे होते हैं जिनमें  जन्म लेने वाले लोग विवाह के बाद बीमार  रहने लगते हैं या उनका चलता हुआ व्यापार बंद होने लगता है या बंद हो जाता है दिनों दिन सब कुछ उलट पुलट होने लगता है ऐसी परिस्थिति में वो सारा दोष जीवन साथी और उसके दुर्भाग्य पर मढ़ दिया जाता है कई बार ऐसी परिस्थिति में जीवन साथी जीवन भर घुट घुट कर जीता है अथवा अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेता है जबकि ये सब  अपने दुर्भाग्य के कारण हो रहा होता है जीवन साथी का कोई दोष ही नहीं होता है फिर भी ऐसी परिस्थिति में पंडित पुजारी बाबा बैरागी जैसे लोग जीवन साथी के प्रति तरह तरह के बहम डालकर अंधविश्वास फैलाते रहते हैं !
   कुछ समयविंदुओं में जन्म लेने के प्रभाव से संतानहीनता होती है कई बार ऐसा भी होता  है जब संतान हीनता के कोई कारण ही नहीं होते फिर भी संतान नहीं हो रही होती है यहाँ चिकित्सा विज्ञान उतनी मदद नहीं कर पाता है जितनी आवश्यकता होती है क्योंकि ऐसी परिस्थिति में समय विज्ञान का लाभ उठाया जा सकता है उससे संभव है कि अपेक्षित सफलता मिल जाए ।
     कुछ समय विन्दुओं में जन्म लेने वाले स्त्री पुरुष अपने माता पिता भाई बहन पति पत्नी संतान आदि निजी सम्बन्धियों के लिए कष्टप्रद  होते हैं  अक्सर स्वास्थ्य बिगड़ जाता है कई बार तो ऐसे संबंधियों की मौत तक होते देखी जा सकती है ।समय विज्ञान के द्वारा ऐसी परिस्थितियों का अध्ययन करके स्थिति की गंभीरता का पता लगाया जा सकता है न केवल इतना अपितु पता तो ये भी लगाया जा सकता है कि ऐसी दुर्घटनाएँ घटेंगी किस उम्र या सन में उतने समय के लिए उन सम्बन्धियों के साथ न रहकर अपितु  संबंधित व्यक्ति से अलग रहना प्रारम्भ कर दिया जाए तो काफी हद तक बचाव हो जाता है ।
      समय विज्ञान की दृष्टि से देखे जाने पर कुछ समयविंदु ऐसे भी होते हैं कि उनमें  जन्म लेने वाले स्त्री पुरुषों के जीवन में पति या पत्नी का सुख अत्यंत कम होता है ऐसे लोगों के मन में बासनात्मक  दृष्टि से इतनी अधिक असुरक्षा की भावना होती है कि ये युवा होने से पूर्व ही यौन गतिविधियों में सम्मिलित पाए जाते हैं ये इज्जत बेइज्जत की परवाह किए बिना पशुओं की तरह राहों चौराहों पार्कों पार्किंगों झाड़ों जंगलों में प्रेम प्यार के नाम पर किसी न किसी  से लिपटे चिपटे दिखाई पड़ते हैं । कुछ समयविंदु ऐसे होते हैं उसमें जन्म लेने वाले लोगों के जीवन में पति या पत्नी का सुख अत्यंत कम होता है जबकि उनके पास धन धान्य अच्छा होता है तो ऐसे लोग धन के बल से किसी ऐसी सुन्दर कन्या या पुरुष से विवाह कर लेते हैं कि जिसके जीवन में विवाह सुख का अत्यंत उत्तम संयोग होता है  ऐसे लोगों का विवाह सुखयोग चूँकि अच्छा है तो कमजोर विवाह सुख योग वाले व्यक्ति के साथ निर्वाह तो करते हैं किंतु जीवन साथी का विवाह योग कमजोर होने के कारण उससे उन्हें पूर्ण संतुष्टि नहीं मिल पाती जिससे विवाह हुआ है इसलिए  वो कम सुख योग वाले अपने पति या पत्नी के अलावा किसी और से भी वैवाहिक सुख प्राप्त करता है । जिसके जीवन में जीवन साथी से कामसुख का योग  60 प्रतिशत हो जबकि जीवन साथी को 100 प्रतिशत कामसुख मिलने का संयोग हो तो  ऐसे 40 लोग प्रतिशत कामसुख कहीं और से अरेंज करते हैं या फिर उतनी काम पीड़ा सहकर संतोष पूर्वक जीवन पार कर लेते हैं !
      ऐसे समयविंदु भी होते हैं जिनमें जन्म लेने वाले लोग बाल ब्रह्मचारी रहते हैं कुछ योग वे भी होते हैं जिनमें एक निश्चित समय तक संयम पूर्वक रह  पाते हैं उसके बाद बिलकुल काम पिशाच बन जाते हैं और अक्सर अपने चेला चेलियों से ही बासनात्मिका दृष्टि से जुड़ जाते हैं !
    कुल मिलाकर जो स्त्री पुरुष जैसे समयविंदु में जन्म लेता है उसका सारा जीवन उसी दिशा में मुड़ता  चला जाता है उसी प्रकार की अच्छाइयों बुराइयों में उसकी प्रवृत्ति बनती चली जाती है जिसमें प्रयासपूर्वक  50 प्रतिशत में तो बदलाव किया जा सकता है जबकि 50 प्रतिशत वही होता है जो जन्म के समय निश्चित हो चुका होता है ।उसे बदलना केवल  कठिन ही नहीं असंभव भी होता है ।


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