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    समय विज्ञान  -
    नदी ,तालाब या समुद्र का पानी ही क्यों न हो है तो वो बूँदों का समूह ही !उसी प्रकार से घंटा दिन महीना ऋतुएँ वर्ष युग आदि ही क्यों न हों हैं तो वो एक क्षण ,त्रुटि ,पल, प्राण, या फ़िर सेकेंड  आदि  का ही समूह न !जैसे जल की शुद्धि या अशुद्धि का विचार करते समय सारे तालाब नदी समुद्र आदि के जल का परीक्षण तो नहीं किया जाता है  बूँदों के ही सैंपल लिए जाते हैं उसी प्रकार से समय का परीक्षण करने के लिए समय की एक शिरा पकड़नी होती है और उसी का परीक्षण करना होता है वो शिरा जितनी अधिक से अधिक सूक्ष्म हो उतना अच्छा होता है किंतु ब्यवहारिक जीवन में मूर्त समय मिनट आदि को ही महत्त्व दिया जाता है उससे सूक्ष्म का परीक्षण किया जा पाना संभव नहीं हो पाता है । 
     किसी नदी के पानी का परीक्षण करने के लिए बूँदों के सैंपल जैसे पूरी नदी से नहीं उठाए जाते हैं अपितु जिन जिन स्थानों पर आशंका होती है उसके भी कुछ मानक स्थान निर्धारित किए गए होते हैं वहीँ से जल विंदुओं का आहरण करके उनका परीक्षण किया जाता है और पता लगा लिया जाता है कि नही का पानी कहाँ कितना शुद्ध या अशुद्ध आदि है ठीक इसी प्रकार से समयबिंदुओं  का भी परीक्षण करना होता है इनकी संख्या बहुत अधिक है प्राकृतिक दृष्टि से समय का परीक्षण करते समय किसी किसी भी मिनट घंटा दिन महीना ऋतु वर्ष आदि के प्रारंभ होते समय के उस छोटे से छोटे समय विंदु का परीक्षण करके ये पता लगाया जा सकता है कि ये  मिनट घंटा दिन महीना ऋतु वर्ष आदि शुभ या अशुभ कैसा बीतेगा! इसीप्रकार से जिस समय भूकंप तूफान  वर्षा आदि कोई भी छोटी बड़ी घटना घटित हुई होती है वो भविष्य में होने वाली किसी भी अच्छी बुरी घटना का संदेश देती है यदि उस समयविंदु का परीक्षण किया जाए तो उससे उस घटना का अनुमान लगाया जा सकता है और संभव है कि वो समाज के लिए शुभ हो तो उस समय का संसार और समाज हित में अधिक से अधिक उपयोग किया जा सकता है और वो समय यदि अशुभ हुआ तो उसके परिणाम स्वरूप होने वाले बुरे फल से बचने के लिए यथा संभव प्रयास किए जा सकते हैं । 
    इसी प्रकार से कोई घटना अपने आप से न घटे अपितु घटाई जाए अर्थात छोटा बड़ा कोई भी काम प्रारंभ किया जाए तो उसके लिए विभिन्न समयों का परीक्षण किया जाए उनमें जो समयविंदु क्षण या मिनट घंटा आदि सबसे शुभ हो ऐसे समय में कोई काम यदि प्रारंभ किया जाए तो उसमें बिघ्न बाधाएँ रूकावटें आदि न आकर वो काम आसानी पूर्वक उत्तम रीति से पूरा हो जाता है अन्यथा न केवल बिघ्न बाधाएँ आती रहती हैं अपितु कई बार कार्य नष्ट भी होते  देखा जाता है इस विधा से समय का परीक्षण करके गर्भधारण करना ,शिक्षा प्रारंभ करने से लेकर जीवन से जुड़े विवाहादि सभी महत्त्व पूर्ण कार्य समय का परीक्षण करके शुभ समय में ही करने चाहिए ! खेत में बीजबोना, पेड़ लगाना  चिकित्सा प्रारम्भ करना ,ब्यापार प्रारम्भ करना ,भवन निर्माण आदि और भी जीवन से जुड़े महत्त्वपूर्ण सभी कार्य शुभ समय में ही करने चाहिए !

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