ज्योतिष बहुत बड़ा विज्ञान है (Book)seen

    बंधुओ ! हम आप जो भी काम करते हैं वो एक दिन के लिए तो होता नहीं है वो भविष्य का अनुमान लगाकर  चलना पड़ता है किंतु भविष्य के विषय में पूर्वानुमान लगाया कैसे जाए आधुनिक विज्ञान के पास अभी तक इसका कोई उत्तर नहीं है ! केवल वो लोग ये कह देते हैं कि मैं ज्योतिष नहीं मानता !क्या उनके इतना कह देने मात्र से समय संबंधी पूर्वानुमान की आवश्यकताओं की पूर्ति हो जाती है क्या ?यदि नहीं तो आम  जनता कहाँ जाए भविष्य में उसके साथ क्या होगा यह जानना उसकी आवश्यक आवश्यकता है ।जिनके पास धन है और हानि लाभ सहने की ताकत भी है वो भविष्य संबंधी हानि लाभ यदि नहीं सोचते  हैं तो भी उनका काम तो चल जाएगा उस घाटे को मैनेज कर लेंगे पति  या पत्नी का तलाक होगा या और कोई दुर्घटना घटती है तो दूसरी शादी कर लेंगे !बीमारी होगी तो अच्छी से अच्छी दवा करवाने के बाद भी यदि रोगी को बचाया न जा सका तो सोच लेंगे कि जितनी दवा कराई जा सकती है उतनी तो करवा ली है आदि बातें सोचकर संतोष कर लेंगे !उनके बच्चे नहीं होगें तो एक से एक महँगे इलाज उपलब्ध हैं जो करवाकर उनका काम हो या न हो किंतु वो अपने मन को संतोष दे लेंगे कि जितना किया जा सकता था उतना तो कर लिया भाग्य में यही बदा ऐसा मान कर सह जाते हैं किंतु माध्यम और सामान्य वर्ग की सोचिए वो ये सब कर सकते हैं क्या ! उनके पास ये सब साधन होते हैं क्या !आखिर वो अपनी आत्मा को संतोष कैसे दें या ऐसे ही घुट घुट कर मरते रहें !ऐसे में उनके पूर्वज जिस ज्योतिष को हजारों वर्ष पहले से परखते रहे हैं और सही घटित होती रही है वो उसे क्यों न मानें !उन्हें सरकार विद्वान ज्योंतिषियों की सेवा उपलब्ध नहीं करवा पा रही है पाखंडी लोगों को रोकने की व्यवस्था सरकार करे और सरकारी विश्वविद्यालयों में पढ़े डिग्रीहोल्डर  ज्योतिषियों को अवसर दे तो मैं विश्वास से कह सकता हूँ कि भविष्य बताने और उसे बनाने बिगाड़ने संबंधी सारी धोखा धड़ी समाप्त हो जाएगी ।समाज को ज्योतिष की स्वच्छ सेवाएँ मिलने लगेंगी ।ऐसा कर देने के बाद समाज को भी यह निर्णय करना आसान हो जाएगा कि ज्योतिष सही है या गलत ! ये तो वोही बता सकता है जो ज्योतिष या तो जानता है या ज्योतिष विद्वानों की कही हुई बातों का अनुभव करता है ।
      वर्तमान समय में समाज को जो लोग समझा रहे हैं कि ज्योतिष गलत है या अंधविश्वास है !ऐसी बातें करते अक्सर वो लोग सुने जाते हैं जिन्होंने ज्योतिष पढ़ी ही नहीं होती है ज्योतिष विद्वानों के संपर्क में ही नहीं रहे होते हैं वो जिन्हें ज्योतिषी मान बैठे हैं अगर उनकी ज्योतिष क्वालीफिकेशन चेक की जाए !तो उनके पास किसी भी विश्वविद्यालय से  प्राप्त ज्योतिष की कोई डिग्री नहीं होती है । ऐसे लोगों को ज्योतिषी मान कर उन्होंने जो अनुभव किए उसके आधार पर वो ज्योतिष को गलत कहने लगे हैं किंतु किसी भी सब्जेक्ट के विषय में मूल्यांकन का ये ढंग ठीक है क्या ? जो जिस विषय को जानता ही न हो उससे  उस विषय को गलत कहलाना कितना आसान है। ऐसी दिक्कतें तो आधुनिक विज्ञान के साथ भी हैं किसी भी विषय को कोई गलत कह सकता है । जो भी विषय किसी को समझ में न आवे उसे गलत कह दिया जाए ऐसे तो सारा साइंस गलत है सारी चिकित्सा आदि समस्त ज्ञान विज्ञान गलत कहा जा सकता है । 
      इसी प्रकार से ज्योतिष को गलत मानने वालों का एक तर्क और यह होता है कि हमारे विषय में उस ज्योतिषी को वो भविष्यवाणी गलत हुई इसलिए ज्योतिष शास्त्र गलत है !किंतु ऐसे मूल्यांकन करना इसलिए गलत है कि इसमें भविष्यवाणी गलत होने के तीन प्रमुख कारण हैं पहला जन्म समय ही सही न रहा हो ,दूसरा ज्योतिषी ही विद्वान न रहा हो, तीसरा आपकी कुंडली ही गलत रही हो और विद्वान होने के बाद भी  ज्योतिषी ने उस पर ध्यान ही न दिया हो क्योंकि कुंडली बनाने में बड़ा परिश्रम करना होता है वो अकारण वो क्यों करें रास्ते चलते भविष्य जानने का आजकल फैशन चल गया है ।पाखंडी लोगों ने झूठ बोल बोलकर भविष्यविज्ञान को इतना हलका बना दिया है कि लोग वास्तविक ज्योतिषियों के परिश्रम को समझने के लिए तैयार ही हैं ।ऐसी उपेक्षा के कारण ज्योतिषविद्वान  भी जरूरी परिश्रम नहीं करते और करें भी क्यों ? उनसे ही ऐसी अपेक्षा क्यों की जाए ! समुद्र में बहुत पानी होता है किंतु किसी को मिलता तो उतना ही है जितना बड़ा उसके पास बर्तन होता है । ई प्रकार से बिजली पर्याप्त होने पर भी प्रकाश तो उतना ही देती है जितने बॉड का जो बल्व लगाता है अधिक तो नहीं दे देती !फिर ज्योतिषी ही क्यों अपना बलिदान दे और किस किस के लिए दे !डाक़्टर इंजीनियर वकील आदि भी तो बिना पर्याप्त पारिश्रमिक मिले एक कदम भी आगे नहीं बढ़ते ज्योतिषी यदि ऐसा नहीं करते हैं इस कारण उनकी कोई भविष्यवाणी गलत हो जाती है तो उससे ज्योतिष कैसे गलत हो गई !
      ज्योतिष हो या चिकित्सा  या कोई  और विज्ञान हर किसी में तीन पक्ष होते ही हैं इनमें से कोई भी पक्ष सौ प्रतिशत सच कोई हो ही नहीं सकता !जिसकी चिकित्सा की जाती है वो ठीक हो  सकता है नहीं भी हो सकता है और चिकित्सा के समय ही मर भी सकता है इसका मतलब चिकित्साशास्त्र  गलत हो गया क्या ? विज्ञान के कई अविष्कार ऐसे होते हैं जो जब बनाए गए थे तब उनके साइड इफेक्ट नहीं थे बाद में पता लगते हैं कई बार कई विषयों में उनके आकलन बाद में गलत सिद्ध होते हैं और वे उनका खंडन स्वयं करते हैं !किंतु उन्हें कोई गलत नहीं कहता है फिर ज्योतिष  गलत कैसे हो गई !
      मौसम के विषय में हो या वर्षा के विषय में या भूकंप के विषय में हमारे आधुनिक विज्ञान की भविष्यवाणियाँ कितने प्रतिशत सच होती हैं वर्षा के विषय में भविष्यवाणियाँ कभी कभी सच भले ही हो जाएँ बाकी अधिकाँश तो गलत ही होती हैं फिर भी वो मौसम विज्ञान ही है !भूकंप के पूर्वानुमान के नाम पर पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय अरबों रूपए खर्च करने के बाद भी आज तक खाली हाथ है भूकंपसंबंधी पूर्वानुमान के विषय में एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है फिर भी वो विज्ञान है और भूकंपविज्ञानविभाग में प्रतिदिन केवल  हाजिरी लगाने और के लिए आने वाले लोग वैज्ञानिक हैं। 
राजनीति विज्ञान है समाज शास्त्र तो ज्योतिष शास्त्र क्यों नहीं है !    
  हमारे यहाँ से ज्योतिष संबंधी जरूरतों के लिए कीजिए संपर्क !ज्योतिषसंबंधी प्रश्नकुंडली या जन्मकुंडली या वास्तुकुंडली से संबंधित कोई तीन प्रश्न उसके लिए पहले जमा करना होगा Rs.1100
 डॉ.शेष नारायण वाजपेयी SBI-10152713661 
शाखा -दिल्ली कृष्णानगर  IFSC:SBIN0001573 
  Then you should pay making charge - 1100 Rs Dr.S.N.Vajpayee Account- SBI-10152713661 Branch-Delhi Krishna nagar  IFSC:SBIN0001573
     एकाउंट में  फीस जमाकरने के साथ ही भेजें अपनी डेट ऑफ़ बर्थ और फ़ोन पर संपर्क करें -
     संपर्क सूत्र -09811226973 \011 ,22002689

No comments:

Post a Comment