आपके भाग्य में जो बदा है उपायों के द्वारा वही मिल सकता है अन्यथा कोई कहे कि हमें तो प्रधानमंत्री बनना है कोई भी उपाय करने को वो तैयार हो जाए तो उसकी ऐसी इच्छाएँ तब तक पूरी नहीं की जा सकती हैं जब तक कि उसके भाग्य में ऐसा पद पाना बदा न हो !
यहाँ प्रश्न ये उठता है कि जो भाग्य में ही बदी होंगी वो तो मिलेंगी ही उनके लिए उपाय क्यों करने ?
किंतु हमें याद रखना चाहिए कि भाग्य में बदी अच्छी अच्छी बातें तो हम स्वीकार कर लेते हैं किन्तु कमजोर बातें हमें पचती नहीं हैं ऐसी परिस्थिति में ज्योतिष और उपायों के सहारे कुछ को हम प्राप्त कर लेते हैं और कुछ को सहने का मन बना लेते हैं ।
समस्याएँ कई प्रकार की होती है एक तो वो कि जो सुख आपके भाग्य में जितने बदे हों वो भी न मिल पा रहे हों तो उन्हें पाने की चिंता संबंधी समस्याएँ !
इनके लिए हमारे यहाँ से जो उपाय बताए जाते हैं वो उसी प्रकार से करने पर समस्याओं का समाधान 100 प्रतिशत होते देखा जाता है ।इसलिए ऐसे लोगों को हमारे यहाँ संपर्क करने और उपाय करने से पूर्ण संतुष्टि मिल जाती है !
यहाँ प्रश्न ये उठता है कि जो भाग्य में ही बदी होंगी वो तो मिलेंगी ही उनके लिए उपाय क्यों करने ?
किंतु हमें याद रखना चाहिए कि भाग्य में बदी अच्छी अच्छी बातें तो हम स्वीकार कर लेते हैं किन्तु कमजोर बातें हमें पचती नहीं हैं ऐसी परिस्थिति में ज्योतिष और उपायों के सहारे कुछ को हम प्राप्त कर लेते हैं और कुछ को सहने का मन बना लेते हैं ।
समस्याएँ कई प्रकार की होती है एक तो वो कि जो सुख आपके भाग्य में जितने बदे हों वो भी न मिल पा रहे हों तो उन्हें पाने की चिंता संबंधी समस्याएँ !
इनके लिए हमारे यहाँ से जो उपाय बताए जाते हैं वो उसी प्रकार से करने पर समस्याओं का समाधान 100 प्रतिशत होते देखा जाता है ।इसलिए ऐसे लोगों को हमारे यहाँ संपर्क करने और उपाय करने से पूर्ण संतुष्टि मिल जाती है !
दूसरी वो समस्याएँ होती हैं जो चीजें या सुख सुविधाएँ जितनी मात्रा में
हमारे भाग्य में बदी हों किंतु हमने उनसे अधिक पाने की हठ ठान रखी हो
उन्हें पाने की चिंता संबंधी समस्याएँ !
इनके लिए हमारे यहाँ से जो उपाय बताए जाते हैं वो थोड़े कठिन और खर्चीले भी हो सकते हैं उन्हें हमारे बताए अनुसार उपाय किए जाने पर समस्याओं का समाधान 60 प्रतिशत तक होते देखा जाता है ।इसलिए ऐसे लोगों को हमारे यहाँ संपर्क करने और उनके उपाय करने से कुछ कम संतुष्टि मिल पाती है !यह किसी ऊँचाई पर साइकिल चढ़ाने जैसा होता है !
इनके लिए हमारे यहाँ से जो उपाय बताए जाते हैं वो थोड़े कठिन और खर्चीले भी हो सकते हैं उन्हें हमारे बताए अनुसार उपाय किए जाने पर समस्याओं का समाधान 60 प्रतिशत तक होते देखा जाता है ।इसलिए ऐसे लोगों को हमारे यहाँ संपर्क करने और उनके उपाय करने से कुछ कम संतुष्टि मिल पाती है !यह किसी ऊँचाई पर साइकिल चढ़ाने जैसा होता है !
तीसरी प्रकार की वो समस्याएँ होती हैं जिनमें जो चीजें या सुख
सुविधाएँ हमारे भाग्य में बदी ही न हों किंतु हमने उन्हें पाने की हठ ठान
रखी हो
!उन्हें पाने की चिंता संबंधी समस्याएँ !
इनके लिए हमारे यहाँ से जो उपाय बताए जाते हैं वो काफी कठिन और काफी खर्चीले भी हो सकते हैं !इसके लिए योग्य ईमानदार और विश्वसनीय विद्वानों की आवश्यकता होती है क्योंकि जो उपाय करेगा उसमें वो योग्यता है या नहीं या वो उपाय कर भी रहा है या नहीं या उसने संकल्प ठीक से लिया है या नहीं !इसकी जानकारी आपको न होने के कारण कई बार कंजूसी अभाव या चतुराई के कारण आपका धन भी ब्यर्थ चला जाता है और उपायों का आंशिक असर भी नहीं दिखता है ऐसी परिस्थिति में उपाय बताने वाले पर शंका होती है । इसलिए इनमें आपको हमें भी अपने साथ सम्मिलत करके चलना होता है जिस सलाह और सहयोग के लिए अतिरिक्त निर्धारित शुल्क अदा करनी होती है।
इतना सबकुछ करने के बाद भी ऐसे प्रकरणों में सफलता का प्रतिशत काफी कम होता है इसके लिए किए गए उपायों को किसी अपराधी को हुई फाँसी जैसी सजा को टालने के लिए राष्ट्रपति के यहाँ की अपील की तरह मानी जानी चाहिए !या किसी रोगी के बचने की सम्भावना समाप्त मानते हुए भी आपरेशन कराने जैसा निर्णय माना जाना चाहिए !
ऐसी परिस्थिति में विशेष धैर्य की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि रिस्क अधिक होती है इसलिए इसमें जिनका उपयोग करना होता है वो लोग बहुमूल्य होते हैं तीसरी बात परिणाम की गारंटी नहीं दी जा सकती !ऐसे प्रकरणों में उपाय कराने के लिए यदि धन न हो तो ऐसी इच्छाएँ बिलकुल रोक लेनी चाहिए या फिर केवल इष्टदेव की आराधना करनी चाहिए और परिणाम उन्हीं पर छोड़ देना चाहिए !
इनके लिए हमारे यहाँ से जो उपाय बताए जाते हैं वो काफी कठिन और काफी खर्चीले भी हो सकते हैं !इसके लिए योग्य ईमानदार और विश्वसनीय विद्वानों की आवश्यकता होती है क्योंकि जो उपाय करेगा उसमें वो योग्यता है या नहीं या वो उपाय कर भी रहा है या नहीं या उसने संकल्प ठीक से लिया है या नहीं !इसकी जानकारी आपको न होने के कारण कई बार कंजूसी अभाव या चतुराई के कारण आपका धन भी ब्यर्थ चला जाता है और उपायों का आंशिक असर भी नहीं दिखता है ऐसी परिस्थिति में उपाय बताने वाले पर शंका होती है । इसलिए इनमें आपको हमें भी अपने साथ सम्मिलत करके चलना होता है जिस सलाह और सहयोग के लिए अतिरिक्त निर्धारित शुल्क अदा करनी होती है।
इतना सबकुछ करने के बाद भी ऐसे प्रकरणों में सफलता का प्रतिशत काफी कम होता है इसके लिए किए गए उपायों को किसी अपराधी को हुई फाँसी जैसी सजा को टालने के लिए राष्ट्रपति के यहाँ की अपील की तरह मानी जानी चाहिए !या किसी रोगी के बचने की सम्भावना समाप्त मानते हुए भी आपरेशन कराने जैसा निर्णय माना जाना चाहिए !
ऐसी परिस्थिति में विशेष धैर्य की आवश्यकता इसलिए होती है क्योंकि रिस्क अधिक होती है इसलिए इसमें जिनका उपयोग करना होता है वो लोग बहुमूल्य होते हैं तीसरी बात परिणाम की गारंटी नहीं दी जा सकती !ऐसे प्रकरणों में उपाय कराने के लिए यदि धन न हो तो ऐसी इच्छाएँ बिलकुल रोक लेनी चाहिए या फिर केवल इष्टदेव की आराधना करनी चाहिए और परिणाम उन्हीं पर छोड़ देना चाहिए !
चौथे प्रकार की वो समस्याएँ होती हैं जिसमें जो चीजें सुख सुविधाएँ
सीधे तौर पर तो हमारे भाग्य में नहीं बदी होती हैं किंतु उसे पाने के लिए हम
अपनी किसी दूसरी ताकत प्रयोग करके उसे पा तो लेते हैं किंतु उसे सँभाल कर
नहीं रख पा रहे होते हैं!
ऐसे प्रकरणों में जैसे हमारे भाग्य में पति या पत्नी के सुख योग अच्छा नहीं है किंतु हमारे पास धन बहुत है सामाजिक प्रतिष्ठा अच्छी है तो इसके बल पर आप विवाह तो अच्छे लड़के या लड़की से कर सकते हैं किंतु उसका सुख आप कितना भोग पाएंगे यह समझ पाना कठिन होता है कई बार ऐसे जीवन साथियों का सुख दूसरे लोग ही भोगते हैं ।
जैसे महाराज दशरथ ने यज्ञ बल से पुत्र तो प्राप्त कर लिए किंतु अंतिम समय चार में से कोई पुत्र पास नहीं था !
इसलिए ऐसे लोगों को हमारे यहाँ संपर्क करने और उनके उपाय करने से भी कुछ कम संतुष्टि मिल पाती है !यह किसी ऊँचाई पर साइकिल चढ़ाने जैसा होता है !
जैसे महाराज दशरथ ने यज्ञ बल से पुत्र तो प्राप्त कर लिए किंतु अंतिम समय चार में से कोई पुत्र पास नहीं था !
इसलिए ऐसे लोगों को हमारे यहाँ संपर्क करने और उनके उपाय करने से भी कुछ कम संतुष्टि मिल पाती है !यह किसी ऊँचाई पर साइकिल चढ़ाने जैसा होता है !
जो चीज या सुख जितनी मात्रा में मिलना आपके भाग्य में बदा हो किंतु उससे
कम मिल पा रहा है तो क्यों ?ये कारण और उसके निवारण खोजे जाते हैं जैसी
हाँ जिसके भाग्य में जो बदा हो वो उसे मिले इसके लिए किसी के साथ कोई
रुकावटें आ रही हैं तभी वो परेशान है उन रुकावटों को हटाने का क्या कुछ
उपाय हो सकता है वो बताया जाता है ।
जहाँ तक उपाय बताने की बात है तो मैं यहाँ व्यापारिक भावना से
नहीं जुड़ा हूँ इसलिए उपाय ही नहीं आपकी संबंधित समस्या के समाधान के जितने
भी रास्ते निकाले जा सकते होंगे हमारे यहाँ उसके सम्पूर्ण प्रयास किए जाएँगे आपके
दिए हुए पैसे के बदले आपको संतुष्टि के साथ साथ इतना विश्वास दिलाने का
प्रयास तो किया ही जाता है कि कि
बाद में भी आपको ऐसा न लगे कि आपके साथ कपट हुआ है !या आप ठगे गए !हमारे
यहाँ से दिए गए आपके प्रश्नों के उत्तर 100 प्रतिशत शास्त्र प्रमाणित
होंगे इस बात का भरोसा किया जाना चाहिए !
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