ज्योतिष विज्ञान यदि अंध विश्वास होता तो करोड़ों वर्षों से आज तक विज्ञान के रूप में पूजा न जा रहा होता बड़े बड़े राजा महाराजा लोग अंधविश्वासी नहीं थे आखिर ज्योतिष को विज्ञान के रूप में मानने की उनकी क्या मजबूरी थी !
बंधुओ !ज्योतिष जैसे महान विज्ञान को अंधविश्वास कहने वाले भी कुछ लोग केवल बकवास नामक योग्यता के बल पर इस दुनियाँ में अपने को शिक्षित सिद्ध करने पर आमादा हैं !ऐसे लोग कभी भी किसी भी सब्जेक्ट को अंधविश्वास कह देंगे तो सहलिया जाना चाहिए क्या और यदि सह भी लिया जाए तो वो अपने अज्ञान का और अधिक प्रचार प्रसार करने लगेंगे ।उनके पास ज्योतिष को गलत सिद्ध करने के ऐसे सतहे मूर्खता पूर्ण तर्क होते हैं कि क्या कहा जाए -
"जैसे हार्ट सर्जरी के विषय में डिस्कस करते समय किसी मोची की कही हुई बातों को बार बार यह कहते हुए कोड किया जाए कि साहब !चमड़ा काटने सिलने का काम तो मोची भी कर लेता है इसके अलावा हार्ट सर्जरी में और करना ही क्या होता है !"ऐसे लोगों को कोई हार्ट सर्जन कैसे समझावे कि और करना क्या होता है और यदि न समझावे तो वो कह देंगे कि हार्टसर्जरी को हम तो मानते ही नहीं हैं ऐसे में उनसे ये कौन पूछे कि हार्ट सर्जरी के विषय में आप आखिर जानते क्या हो !मानने न मानने का प्रश्न तो बाद में उठेगा !
ज्योतिषशास्त्र को अंधविश्वास कहने वालों को सच की समझ तो है ही नहीं लगता है कि ऐसे लोगों को सरकार और देश के संविधान पर भी भरोसा नहीं है !यह बेचारा वह वर्ग है जिसके पास अपनी बात सिद्ध करने के लिए विषयगत तर्क नहीं होते हैं यदि हों तो उन्हें भी कुछ कहा समझाया जा सकता है किंतु समझने की क्षमता हो तब न !ऐसे मुख उठाकर किसी को कुछ नहीं बोल देना चाहिए !
मैं निजी तौर पर मानता हूँ कि ज्योतिष विज्ञान है इस बात को कभी भी किसी भी मंच पर मैं न केवल स्वयं सिद्ध करना चाहता हूँ बल्कि इसमें अपने को समझदार
मानने वाले हर उस व्यक्ति को हमारी चुनौती है जो ज्योतिष को विज्ञान नहीं
मानता है कि वो ज्योतिष को गलत करके दिखाए !
बशर्ते !ज्योतिष का भी मूल्यांकन विज्ञान की तरह ही आत्मीयता पूर्वक किया जाए और गलत को गलत कहने ओर सुनने में मुझे कोई संकोच नहीं हैं किंतु सच स्वीकार करने का साहस तो होना चाहिए !जो कायर लोग ज्योतिष को गलत सिद्ध कर नहीं पा रहे हैं और उसके विरुद्ध दुष्प्रचार करते जा रहे हैं ऐसे अंग्रेजों के मकसद को भारतीय ज्ञान विज्ञान पर गर्व करने वाले लोग कभी पूरा नहीं होने देंगे ।
ज्योतिष की तुलना विज्ञान के साथ करते समय ध्यान रखा जाए पक्षपात न हो !जैसे
विज्ञान सौ प्रतिशत सच नहीं होता उसी दृष्टि से ज्योतिष को भी देखे जाने की जरूरत है !ज्योतिष को 70 प्रतिशत सच सिद्ध करने में हमें कहीं कोई कठिनाई और शंका नहीं है !यदि
कोई हमारी इस चुनौती को स्वीकार करना चाहता है तो कानून का सहारा ले हम
ज्योतिष का पक्ष रख देंगे !जो निर्णय होगा वो मान्य मान लिया जाएगा !
कुलमिलाकर जिसने ज्योतिष पढ़ी हो सही गलत वही तो समझ सकता है उसे कहीं कुछ समझ में न आ
रहा हो तो समझाया भी जा सकता है किंतु जिस सब्जेक्ट को जिसने पढ़ा ही न हो उसे
गलत कह देना पहली मूर्खता है क्योंकि ज्योतिष पुरानी विद्या तो है ही इसके साथ
साथ ध्यान इसका भी रखा जाना चाहिए कि भारत सरकार के काशी हिन्दू विश्व विद्यालय जैसे कई बड़े विश्व
विद्यालयों में ज्योतिष शिक्षण के लिए अलग डिपार्टमेंट होते हैं जहाँ अन्य सब्जेक्ट की तरह ही ज्योतिष का भी
स्लेबस पढ़ाया जाता है उसी प्रकार से डिग्रियाँ हैं जिनमें पढ़कर प्रतिवर्ष हजारों छात्र अपने भविष्य के सपने सँजोते हैं ऐसे विभागों के संचालन पर सरकार
करोड़ों रूपए महीने खर्च कर रही है !सरकारों में सारे लोग मूर्ख ही तो नहीं
होते हैं यदि ज्योतिष गलत होती तो ऐसा न होता या इसका विरोध होता कुछ न होता तो कोर्ट का सहारा
लिया जा सकता है । आखिर देश का इतना बड़ा अमाउंट ज्योतिष प्रशिक्षण पर क्यों
खर्च किया जाता ! इसका मतलब ये कि सबलोग तो मूर्ख नहीं हैं अपितु ज्योतिष
जैसे महान विज्ञान को झूठ कहने वाले लोग ही महामूर्ख हो सकते हैं जिन्हें सच की
समझ ही नहीं है ऐसे लोगों पर ईश्वर दया करे !
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