मन क्या है ? मनोरोग कितने हैं ? मन में होने वाले रोगों की जाँच कैसे की जाती है ?मनोरोगों की दवा क्या है ?उस दवा से मनोरोग  या मानसिक तनाव  को रोका जा सकता है क्या ?
      मनोरोग, मानसिक तनाव ,स्ट्रेस आदि कंट्रोल करने का एक मात्र  उपाय है ज्योतिष !जानिए कैसे ?
   जुकाम बुखार जैसी छोटी छोटी बीमारियों में बिना जाँच कराए एक कदम भी आगे न बढ़ने वाले मनोचिकित्सक लोग मन की जाँच किस मशीन से करवाते हैं और मनोरोगी को कौन सी दवा देते हैं और उस दवा से मानसिक तनाव घट जाता है क्या ? सुगर, B. P. , हार्टअटैक, अनिद्रा ,पेटखराबी  जैसी तमाम अन्य बड़ी बीमारियों को पैदा करने वाले मानसिक तनाव को घटाने के लिए क्या है आधुनिक चिकित्सकों और वैज्ञानिकों के पास उपाय क्या है ?
कुछ लोग ऐसी स्थिति में ही मनोरोगी होकर सुगर B. P. जैसी तमाम अन्य बड़ी बीमारियों का शिकार हो जाते हैं ।मन को न मानने वाली चिकित्सा पद्धति में मन को  जाँचने वाली न कोई मशीन है और न ही मनोरोग की कोई दवा ही होती है !चिकित्सा पद्धति में लोगों का स्वभाव समझने के लिए कोई विज्ञान नहीं है अच्छे बुरे समय के अनुसार लोगों का स्वभाव बदलता रहता है इसलिए किसी भी व्यक्ति के समय को समझे बिना उसके स्वभाव को समझ पाना अत्यंत कठिन है और स्वभाव को समझे बिना मनोरोगियों को दी जाने वाली काउंसलिंग  खानापूर्ति मात्र होती  है जबकि ऐसे स्थलों पर ज्योतिष विज्ञान संपूर्ण रूप से सटीक बैठता है ।इसके  द्वारा काफी हद तक नियंत्रित किए जा सकते हैं मनोरोग !
     रोग और मनोरोग जैसी परिस्थिति पैदा ही न हो इसके लिए  समय का पूर्वानुमान लगाकर उसके अनुरूप ही कार्य योजना बनाकर चलने से ऐसी परेशानियों के  पैदा होने से बचा जा सकता है । पुराने समय में जब राजा प्रजा लोग ज्योतिषीय पद्धति से  समय का पूर्वानुमान लगा लिया करते थे उसी के अनुसार जीवन और शासन सत्ता को ढाल लिया करते थे !इसीलिए तब रोगी मनोरोगी हत्यारे आत्महत्यारे बलात्कारी और लुटेरे आदि इतने नहीं होते थे । ज्योतिषीय पूर्वानुमान के कारण ही लोग अच्छी बुरी परिस्थितियों को सहने की क्षमता  रखते थे यही कारण है कि  तब जो समाज विश्व बन्धुत्व की भावना से जुड़ा होता था कितने बड़े बड़े संयुक्त परिवार हुआ करते थे किंतु ज्योतिष की उपेक्षा होते ही समाज बिखर रहा है परिवार टूट रहे हैं 'वसुधैवकुटुम्बकं' तो दूर अब तो पति -पत्नी ,बाप-बेटा ,भाई - भाई के संबंध भी बोझ बनते जा रहे हैं एक साथ कब तक रह पाएँगे कहना कठिन  है ।

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