22-8-2016 एवं 10-9-2016 को दिल्ली और हरियाणा में आए भूकम्प का फल !

   इस वर्ष दिल्ली और हरियाणा के यमुना किनारे वाले क्षेत्रों में वर्षाजनित ज्वर आदि बीमारियों से टूटेगा कई वर्षों का रिकार्ड !महामारी का स्वरूप भी ले सकती हैं ये बीमारियाँ सरकार जनता की सुरक्षा के लिए सतर्क रहे !25 अक्टूबर तक रहेगी अधिक दिक्कत !
   (22 -8 -2016 \14.50 पर) को दिल्ली में आए भूकंप की शास्त्र वर्णित विशेषताएँ
  •  दिल्ली में भूकंपः 10-9-2016 ,20.57   दिल्ली में भूकंपः 4.1 की तीव्रता से हिले हरियाणा के कई शहर, झज्जर केंद्र!

       प्राचीन विज्ञान के हिसाब से इन दोनों भूकंपों के केंद्र जल से संबंधित हैं अतः दिल्ली और हरियाणा में यमुना के किनारे और यमुना जल के संपर्क में रहने वाले लोग जल जनित बड़ी बीमारियों के शिकार होंगे !जमुना नदी के अलावा भी इन क्षेत्रों में तालाब आदि के संपर्क में रहने वाले लोग या गंदे जल का सेवन करने वाले लोग हों या गंदे जल में नहाने वाले लोग इस समय कई बड़ी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं कुल मिलाकर पानी के प्रदूषण से प्रदूषित वायु का स्पर्श होने से भी हो सकती हैं उल्टी दस्त एवं ज्वर जैसी अधिक दिनों तक चलने वाली कई बड़ी बीमारियाँ सरकार इनसे बचाव के लिए समय रहते यदि सचेत नहीं हो सकी तो इस वर्ष ये बीमारियाँ सरकार के नियंत्रण से बाहर भी जा सकती हैं पानी के किनारे रहने वाली जनता इन्हीं बीमारियों से  भीषण त्राहि त्राहि कर उठेगी ।

     इस भूकंप  से यमुना नदी के किनारे बसने वाले लोगों की बहुत बड़ी क्षति होगी । जल जनित बीमारियों जैसी बड़ी बाधाएँ निकट भविष्य में बहुत अधिक होना संभव हैं । इस भूकंप का फल आगामी 6 महीनों तक रहेगा !

       प्राचीन विज्ञान के हिसाब से ऐसे भूकंप का केंद्र जल से संबंधित होता है !दिल्ली और हरियाणा के क्षेत्र में जलजनित गैसों के प्रकोप से ये दोनों भूकम्प आए हैं और उन्हीं गैसों के प्रकोप से ज्वर आदि बीमारियाँ अचानक बढ़ती चली जाएँगी !इस भूकंप का असर 45 दिनों तक अधिक रहेगा उसके बाद धीरे धीरे सामान्य होता चला जाएगा और बीमारियाँ भी समय के साथ साथ धीरे धीरे घटती चली जाएँगी !बीमारियों से कई दशकों का रिकार्ड टूटेगा इस वर्ष !

     इस भूकंप  से यमुना नदी के किनारे बसने वाले लोगों की बहुत बड़ी क्षति होगी । जल जनित बीमारियों से बचने के लिए नदी तालाब आदि के जलों के संपर्क में रहने से अधिक से अधिक बचने का प्रयास करें !

1 comment:

  1. दिल्ली के कड़कड़डूमा में चिकनगुनिया के बढ़ते मामलों को लेकर अफ़रातफ़री का मौहाल बना हुआ है. दिल्ली के उत्तर-पूर्व का यह इलाका चिकनगुनिया से सबसे बुरी तरह प्रभावित है.see more....http://www.bbc.com/hindi/india-37375585

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